फ्रांस आज जिन दंगों की आग में झुलस रहा है, वे अचानक इस पैमाने तक भड़क जाएंगे, छह दिन पहले यह किसी ने सोचा तक नहीं था। एक हफ्ते से वहां सड़कों पर इस्लामी ‘शरणार्थी’ 17 साल के अल्जीरिया के लड़के की पुलिस गोली से मौत होने के बाद से उपद्रव मचाए हुए हैं। मजहबी उन्मादी आम लोगों ही नहीं अब स्कूलों में घुसकर बच्चों को भी अपनी नफरत का षिकार बना रहे हैं। पुलिस उपद्रवियों को गिरफ्तार करती जा रही है। इस संदर्भ में फिलिस्तीन के मौलाना अबु तकी अल-दिन-अल दारी का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। यह वीडियो साल 2019 की 12 मार्च का है।
इस वीडियो में कट्टर उन्मादी मौलाना दारी कह रहा है कि ‘एक दिन आएगा जब फ्रांस भी एक मुस्लिम देश बन जाएगा। मौलाना जिहाद की बात करता दिखता है और कन्वर्जन को भी उकसा रहा है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों जानते हैं कि उनके देश में ‘शरण’ लिए हुए इस्लामी लोग अपने उन्मादी बर्ताव के लिए कुख्यात हैं। हालांकि उन्होंने बहुत प्रयास किया है कि कट्टर तत्वों को काबू रखा जाए। लेकिन गत सप्ताह पुलिस की गोली से अल्जीरिया का लड़का क्या मरा, कट्टर तत्वों को लूट, उपद्रव, आगजनी करने का बहाना मिल गया। जैसा कि वे हर उस देश में करते रहे हैं, जिन्होंने इंसानियत के नाते उन्हें कभी सहारा दिया है।
फ्रांस के कुछ रक्षा विषेषज्ञों ने दंगों का पैटर्न देखते हुए बताया है कि ऐसे हालात के लिए वे मुस्लिम शरणार्थी जिम्मेदार हैं जो मध्य एषियाई या दूसरे इस्लामी देशों से यहां आकर बसे हैं। फिलिस्तीनी मौलाना के उस वीडियो से कुछ ऐसा ही संकेत मिलता है। इसीलिए वह वीडियो अब ट्विटर पर नए सिरे से साझा किया जा रहा है।
मौलाना कह रहा है कि ”2050 तक फ्रांस में बसे मुसलमान फ्रांस के नागरिकों को संख्या में पीछे छोड़ देंगे। वहां मुस्लिम ज्यादा हो जाएंगे। फ्रांस को इस्लामिक देश बनाने के लिए हमें सिर्फ संख्या बल पर ही निर्भर नहीं रहना है। हमें यकीन है कि मुसलमानों के पास अपना एक देश होना ही चाहिए जो ‘अल्लाह के लिए जिहाद’ के माध्यम से पश्चिम के देशों के लोगों तक इस्लाम को लेकर जाए।”
फिलिस्तीन का यह मौलाना दारी वीडियो में अल अक्सा मस्जिद में मुसलमानों के सामने तकरीर कर रहा है। वीडियो में वह जैसे पूरे यूरोप को धमका रहा है। बोल रहा है कि जर्मनी तथा फ्रांस के लोग तो अब उम्रदराज होते जा रहे हैं। आज वहां के युवा शादी से कतरा रहे हैं, उसे जरूरी नहीं मान रहे हैं।
मौलाना कह रहा है कि ”2050 तक फ्रांस में बसे मुसलमान फ्रांस के नागरिकों को संख्या में पीछे छोड़ देंगे। वहां मुस्लिम ज्यादा हो जाएंगे। मौलाना आगे कहता है, लेकिन फ्रांस को इस्लामिक देश बनाने के लिए हमें सिर्फ संख्या बल पर ही निर्भर नहीं रहना है। हमें यकीन है कि मुसलमानों के पास अपना एक देश होना ही चाहिए जो ‘अल्लाह के लिए जिहाद’ के माध्यम से पश्चिम के देशों के लोगों तक इस्लाम को लेकर जाए। जब लोगों को इस्लाम का सही स्वरूप, उसकी रहमत, उसका हुक्म और रोशनी दिखेगी, तब वह अपने आप ही इस्लाम को अपना लेंगे।”
इसके बाद मौलाना ने कहा, ”अभी सिर्फ 400 साल पहले ही ओटोमान राज था, मुसलमानों ने ऑस्ट्रिया तथा पोलैंड पर जीत हासिल की थी। इस्लामिक राज विएना की दीवारों तक पहुंचा था। इसके बाद वहां से अजान की आवाज लगाई। तत्कालीन सोवियत संघ के सभी पूर्व देश तथा काकेशस देशों में भी इस्लामिक शासन था। ऐसे में और क्या चाहिए। 1644 तक चीन पर भी मुस्लिम मंगोल राज था। 1526 में इस्लाम ने हंगरी को जीत, जिसके बाद 1586 तक भारत में भी इस्लाम का ही राज था।”
उस मौलाना का कहना था कि ”ये सारी मिसालें यह समझाने के लिए बहुत हैं कि एक इस्लामिक देश बनना मुमकिन है। मगर ये करना है पहले की तरह बनना होगा, इस्लाम को चारों तरफ फैलाना होगा और अल्लाह की इच्छा के मुताबिक काम करना होगा। इसी तरह इस्लाम पूरी दुनिया में पहुंचता जाएगा।” कट्टर मौलाना ने वे तरीके भी गिनाए जिनसे इस्लाम को फैलाया जा सकता है। पहला, इस्लाम में कन्वर्ट करना; दूसरा, जजिया कर, और तीसरा, लोगों से अल्लाह की मदद के लिए लड़ने को कहना।” यही नहीं किया तो इस्लाम का पूरी दुनिया पर राज नहीं हो सकेगा।
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