ब्रसेल्स। स्वीडन में मस्जिद के बाहर कुरान जलाकर प्रदर्शन के मामले को नाटो प्रमुख ने अपमानजनक और आपत्तिजनक करार दिया है। नाटो प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने इसे गैरकानूनी मानने से इंकार कर दिया है। अमेरिका ने इस घटनाक्रम की निन्दा की है और तुर्किये ने भी विरोध जताया है।
स्वीडन में कुरान जलाकर प्रदर्शन किये जाने के मसले पर पत्रकारों से बातचीत में नाटो प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि कुरान को जलाना अपमानजनक और आपत्तिजनक था लेकिन इसे गैरकानूनी नहीं कह सकते। उस व्यक्ति ने सरकार से अनुमति ली थी। स्वीडन की सरकार ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बताकर प्रदर्शन के लिए इजाजत दी थी। इस दौरान नाटो प्रमुख ने स्वीडन के नाटो में शामिल होने के मसले पर समझौता करने का भी आग्रह किया।
इस बीच अमेरिका ने स्वीडन की मस्जिद के बाहर कुरान जलाने की निंदा की। स्वीडन में कुरान जलाने पर तुर्किये ने भी अपना विरोध जताया है। विदेश मंत्री हकन फिदान ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कोई भी इस्लाम विरोधी प्रदर्शन नहीं कर सकता है। हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। अगर कोई देश नाटो में शामिल होकर हमारा साथी बनना चाहता है तो उसे इस्लामोफोबिया फैला रहे आतंकियों को काबू में करना होगा।
दरअसल, अब यह बहस भी छिड़ गई है कि स्वीडन में मस्जिद के बाहर हुए इस प्रदर्शन का उसकी नाटो सदस्यता पर असर पड़ सकता है। स्वीडन में लगातार इस्लाम विरोधी प्रदर्शन होते रहते हैं। इस वजह से तुर्किये और स्वीडन के बीच हमेशा तनाव रहता है। तुर्किये ने स्वीडन पर एक संप्रदाय को लक्षित करने का आरोप लगाते हुए उसकी नाटो सदस्यता अटका रखी है। हालांकि स्वीडन हमेशा ऐसी बातों से इनकार कर देता है।
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