दंगा फैलाने व देश के खिलाफ षड्यंत्र रचने के आरोप में असम के डिब्रूगढ़ जेल में खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल बंद है। उसकी पत्नी किरणदीप कौर ने झूठ फैलाया कि जेल में बंद अमृतपाल भूख हड़ताल पर है। उसने आरोप लगाया कि वहां कैदियों की उचित देखभाल नहीं की जा रही है। वहां खाने में तंबाकू पाया जाता है। डिब्रूगढ़ के उपायुक्त ने इस झूठ का पर्दाफाश करते हुए इसे नकारा है।
डिब्रूगढ़ की सेंट्रल जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और उसके साथियों द्वारा जेल में भूख-हड़ताल करने की खबर सोशल मीडिया पर चल रही थी, जिस पर वहां के डिप्टी कमिश्नर विश्वजीत पैगू ने विराम लगा गिया है। उन्होंने कहा कि वारिस पंजाब दे के मुखिया अमृतपाल सिंह और उनके साथियों ने डिब्रूगढ़ जेल में भूख हड़ताल नहीं की है।
गौरतलब है कि अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर ने हाल ही में दावा किया था कि अमृतपाल और साथियों ने जेल में भूख हड़ताल कर दी है। इस दावे के आधार पर बिना जांच पड़ताल किए अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह व शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने इसकी निंदा की और मांग की है कि जेल में सिख कैदियों को अपना खाना खुद बनाने की अनुमति दी जाए।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के सलाहकार प्रो. सरचांद सिंह ख्याला ने भी बिना तथ्यों की जांच किए इस घटना की निंदा कर दी। डिब्रूगढ़ के डीसी द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण से अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर द्वारा फैलाए गए झूठ का पर्दाफाश हो चुका है। माना जा रहा है कि चर्चा में बने रहने और दुनिया में भारतीय व्यवस्था को बदनाम करने के लिए किरणदीप कौर ने शायद झूठ का सहारा लिया हो।
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