देहरादून : राज्य बनने के बाद पहली बार उत्तराखंड के साहित्यकारों का आज सम्मान हुआ है। उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न भाषाओं में अपनी रचनाएं प्रकाशित कर चुके नौ साहित्यकारों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शॉल ओढ़ाकर प्रशस्ति पत्र, सम्मान चिन्ह और एक लाख रुपए की चेक राशि से सम्मानित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड की साहित्य विभूतियों का सम्मान कर हम और हमारी सरकार गौरवान्वित हुए है, उन्होंने कहा भाषा साहित्य हम सभी को जोड़ता है। उन्होंने कहा जब हमारे सामने यह विषय आया कि राज्य बनने के बाद यहां साहित्यकारों को सम्मान दिए जाने की परंपरा नहीं है।
उन्होंने कहा तब मुझे हैरानी हुई हमने उसी पल इस बारे में निर्णय लिया, आज हिंदी, कुमाऊनी, रवाई, गढ़वाली, उर्दू, पंजाबी सभी भाषाओं को उनके साहित्य उनको लिखनें वालों का सम्मान हुआ है, ये हम साभी का सम्मान है।
इस अवसर पर वन तकनीकी और भाषा संस्कृति मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक खजान दास, डॉ. मोहन बिष्ट प्रमोद तिवारी, स्वाति भदौरिया, पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी भी मौजूद रहे।
विभूतियां जिन्हे सम्मान दिया गया।
संतोष कुमार तिवारी को चंद्र कुंवर बत्रवाल सम्मान मिला, अमृता गिरीश पाण्डे को शैलेश मटियानी सम्मान, प्रकाश तिवारी को डॉ. पीतांबर बड़थ्वाल सम्मान, दामोदर जोशी को भैरव दत्त धूलिया सम्मान मिला, वहीं राजेंद्र सिंह बोरा त्रिभुवन को गुमानी पंत सम्मान से सम्मानित किया गया, नरेंद्र कठैत को भजन सिंह सम्मान मिला, महावीर रवानल्टा को गोविंद चातक सम्मान मिला, स गुरदीप सिंह को स पूरन सिंह सम्मान से सम्मानित किया गया, तो वहीं राजेशआनंद असीर को प्रो उन्नवान चिश्ती सम्मान दिया गया।
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