नई दिल्ली। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने 84 के सिख विरोधी दंगों के मामले में कांग्रेस के नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर शुक्रवार को सुनवाई टाल दी। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने मामले की अगली सुनवाई 6 जुलाई को करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के पास पूरक चार्जशीट ही आई है और पूरी चार्जशीट अभी भी कोर्ट के पास नहीं पहुंच सकी है। चार्जशीट पर संज्ञान लेने से पहले से इस मामले से जुड़े रिकार्ड कोर्ट के पास होने चाहिए। इसके लिए कड़कड़डूमा कोर्ट से फोरेंसिक लैब समेत इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज कोर्ट में मंगाए जाएंगे।
राउज एवेन्यू कोर्ट के बाहर आज 84 दंगे के पीड़ित परिवारों ने जगदीश टाइटलर के खिलाफ नारे लगाए। इससे पहले 2 जून को कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दी थी। कोर्ट ने आर्म्स डीलर अभिषेक वर्मा के बयान दर्ज करने में देरी पर सीबीआई को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले के 35 साल बीत गए और कई बार जांच में तेजी लाने के आदेश दिए गए। गवाह भी आगे आए, लेकिन सीबीआई केवल धारा 161 के तहत बयान दर्ज कर संतुष्ट हो गई।
कोर्ट ने सीबीआई से पूछा था कि उन बयानों पर गवाहों के दस्तखत तक नहीं हुए हैं। अगर सीबीआई चाहती है तो वो गवाह का बयान धारा 164 के तहत दर्ज कर सकती है। धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट बयान दर्ज करता है। गवाह ने 2017 में दिल्ली पुलिस को शिकायत दी थी और अपनी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी। उन्हें ई-मेल के जरिए जान से मारने की धमकी दी गई थी। वह एक नवंबर 1984 में दिल्ली के पुलबंगश में तीन सिखों की हत्या के मामले में गवाह हैं।
एक नवंबर 1984 को बादल सिंह, ठाकुर सिंह और गुरचरण सिंह की हत्या हुई थी। तीनों की हत्या पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद की गई थी। इस केस को नानावटी कमीशन ने दोबारा खोलने का आदेश दिया था। सीबीआई ने इस मामले में टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 109 और 302 के तहत आरोपी लगाया है। सीबीआई के मुताबिक टाइटलर ने भीड़ को उकसाया था, जिसके बाद भीड़ ने पुलबंगश के गुरुद्वारे में आग लगा दी थी।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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