पहलवान योगेश्वर दत्त ने लाइव आकर कहा-कुश्ती की बदनामी से दुखी हूं, अब नहीं करूंगा व्यक्तिगत टिपण्णी

पहलवान योगेश्वर दत्त सोशल मीडिया पर लाइव आए, और उन्होंने अपने सीनियर और कोचों से कहा कि उनका मकसद कुश्ती की बदनामी या किसी का मजाक बनाना नहीं था।

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WEB DESK

कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर चली पहलवानों के वार पलटवार के बीच अब पहलवान योगेश्वर दत्त सोशल मीडिया पर लाइव आए, और उन्होंने अपने सीनियर और कोचों से कहा कि उनका मकसद कुश्ती की बदनामी या किसी का मजाक बनाना नहीं था।

योगेश्वर दत्त ने कहा कि मेरा ऐसा कोई मकसद नहीं था कि मैं कुश्ती की बदनामी करूं। मैंने सोशल मीडिया पर जो कहा, वह सिर्फ मेरा भाव था। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि हर खेल में एक अवार्ड होता है। उसी तरह कुश्ती में भी एक अवार्ड होना चहिए। जो मेरी मांग है।

इस दौरान मेडल वापसी को लेकर योगेश्वर दत्त ने कहा कि जब 2020 में कुश्ती बंद होने की बात हुई थी तब उन्होंने निर्णय लिया था कि वह कुश्ती को बचाएंगे, ना कि मेडल को। कुश्ती ने उनको बहुत कुछ दिया है, आज वह जो कुछ भी हैं कुश्ती की वजह से हैं।

उन्होंने अपने कोच रामफल, रणबीर ढ़ाका, अनूप को सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि वह उनसे किसी तरह का आग्रह न करें, बल्कि उन्हें आदेश देते हुए अपनी बात रखें। वे फ्यूचर में कुश्ती को लेकर किसी पर भी व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करेंगे।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर उनके कारण कुश्ती की बदनामी होती है तो वह फ्यूचर में अपने कोच और सीनियर खिलाड़ियों से मार्गदर्शन लेकर ही बोलेंगे। उन्हें दुख हो रहा है कि उनकी वजह से कुश्ती की बदनामी हो रही है।

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