उत्तराखंड : पहाड़ों पर मानसून आते ही गीत-संगीत के साथ होती है धान की रोपाई, प्रेम गाथाओं के गाए जाते हैं लोकगीत
July 24, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

उत्तराखंड : पहाड़ों पर मानसून आते ही गीत-संगीत के साथ होती है धान की रोपाई, प्रेम गाथाओं के गाए जाते हैं लोकगीत

घाटियों में हुड़किया की धाप के साथ-साथ स्वर लहरियां सुनाई देती हैं।

by उत्तराखंड ब्यूरो
Jun 23, 2023, 06:40 pm IST
in भारत, उत्तराखंड
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

चमोली : कुमाऊं गढ़वाल के पहाड़ों में धान की रोपाई के साथ-साथ परंपरागत गीत संगीत भी सुनाई दे रहा हैं, हुड़किया की धाप के साथ-साथ स्वर लहरियां घाटियों में सुनाई दे रही हैं।

नौ बैणी आंछरी ऐन, बार बैणी भराडी
क्वी बैणी बैठींन कंदुड़यो स्वर
क्वी बैणी बैठींन आंख्युं का ध्वर
छावो पिने खून, आलो खाये माँस पिंड
स्यूं बल्दुं जोड़ी जीतू डूबी ग्ये
रोपणी का सेरा जीतू ख्वे ग्ये..

इन दिनों पहाड़ के गांवों के खेतों में रोपाई अर्थात रोपणी की जा रही है। अषाढ़ के महीने की छः गते की रोपणी को लेकर आज भी पहाड़ के लोक में माना जाता है कि इस दिन रोपणी के सेरे (रोपाई के खेत) में जीतू के प्राण नौ बैणी आछरियों ने हर लिए थे। जीतू और उसके बैलों की जोड़ी रोपाई के खेत में हमेशा के लिए धरती में समा जाता है। पहाड़ के सैकड़ों गांवों में हर साल जीतू बगड्वाल की याद में बगड्वाल नृत्य का आयोजन किया जाता है। बगड्वाल नृत्य पहाड़ की अनमोल सांस्कृतिक विरासत है। जिसमें सबसे ज्यादा आकर्षण का केन्द्र होता है बगड्वाल की रोपणी। इस दौरान रोपणी (रुपाई) को देखने अभूतपूर्व जनसैलाब उमड़ता है।

जीतू बगड्वाल के जीवन का 6 गते अषाढ़ की रोपाई का वह दिन अपने आप में विरह-वेदना की एक मार्मिक समृत्ति समाये हुए है।

बावरो छयो जीतू उलार्या ज्वान
मुरली को हौंसिया छौ रूप को रसिया
घुराए मुरली वैन खैट का बणों
डांडी बीजिन कांठी
बौण का मिर्गुन चरण छोड़ी दिने
पंछियोन छोडि दिने मुख को गाल़ो
कू होलू चुचों स्यो घाबड्या मुरल्या
तैकी मुरली मा क्या मोहणी होली
बिज़ी गैन बिज़ी गैन खेंट की आंछरी)

तेरा खातिर छोडि स्याळी बांकी बगूड़ी
बांकी बगूड़ी छोड़े राणियों कि दगूड़ी
छतीस कुटुंब छोड़े बतीस परिवार
दिन को खाणो छोड़ी रात की सेणी
तेरी माया न स्याली जिकुड़ी लपेटी
कोरी कोरी खांदो तेरी माया को मुंडारो
जिकुड़ी को ल्वे पिलैक अपणी
परोसणो छौं तेरी माया की डाळी

डाळीयूँ मा तेरा फूल फुलला
झपन्याळी होली बुरांस डाळी
ऋतू बोडि औली दाईं जसो फेरो
पर तेरी मेरी भेंट स्याळी
कु जाणी होंदी कि नी होंदी ?

गौरतलब है कि आज से एक हजार साल पूर्व तक प्रेम आख्यानों का युग था, जो 16वीं-17वीं सदी तक लोकजीवन में दखल देता रहा। हमारा पहाड़ भी इन प्रेम प्रसंगों से अछूता नहीं है। बात चाहे राजुला-मालूशाही की हो या तैड़ी तिलोगा की, इन सभी प्रेम गाथाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज की लेकिन, सर्वाधिक प्रसिद्धि मिली ‘जीतू बगड्वाल’ की प्रेम गाथा को, जो आज भी लोक में जीवंत है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गढ़वाल रियासत की गमरी पट्टी के बगोड़ी गांव पर जीतू का आधिपत्य था। अपनी तांबे की खानों के साथ उसका कारोबार तिब्बत तक फैला हुआ था। एक बार जीतू अपनी बहिन सोबनी को लेने उसके ससुराल रैथल पहुंचता है। बहाना अपनी प्रेयसी भरणा से मिलने का भी है, जो सोबनी की ननद है। दोनों एक-दूसरे के लिए ही बने हैं। जीतू बांसुरी भी बहुत सुंदर बजाता है और एक दिन वह रैथल के जंगल में जाकर बांसुरी बजाने लगा। बांसुरी की मधुर लहरियों पर आछरियां (परियां) खिंची चली आई। वह जीतू को अपने साथ ले जाना (प्राण हरना) चाहती हैं। तब जीतू उन्हें वचन देता है कि वह अपनी इच्छानुसार उनके साथ चलेगा। आखिरकार वह दिन भी आता है, जब जीतू को परियों के साथ जाना पड़ा। जीतू के जाने के बाद उसके परिवार पर आफतों का पहाड़ टूट पड़ा। जीतू के भाई की हत्या हो जाती है। तब वह अदृश्य रूप में परिवार की मदद करता है। राजा जीतू की अदृश्य शक्ति को भांपकर ऐलान करता है कि आज से जीतू को पूरे गढ़वाल में देवता के रूप में पूजा जाता है। तब से लेकर आज तक जीतू की याद में पहाड़ के गांवों में जीतू बगड्वाल का मंचन किया जाता है। जो कि पहाड़ की अनमोल सांस्कृतिक विरासत है। समय के साथ अब बहुत सीमित गांवों में ही इसका मंचन किया जा रहा है।

कुमायूं की सोमेश्वर घाटी में भी है रौनक
हुड़किया बौल उत्तराखंड के लोकगीतों में पारंपरिक कृषि गीत या श्रम गीत माने जाते हैं। इसमे लोक वाद्य हुड़के को बजाने वाले व्यक्ति को हुड़किया कहा जाता है और बौल या बोल का अर्थ होता है, सामूहिक रूप से किया जाने वाला कृषि कार्य इसलिए हुड़किया बौल का अर्थ हुवा, सामूहिक रूप से किये जाने वाले कृषि कार्य के अवसर पर गया जाने वाला लोकगीत । इसमें खेती का काम और गीत की प्रक्रिया एक साथ चलने के कारण इसे अंग्रेजी में एक्शन सांग भी कहते हैं।

सामुहिक श्रमगीतों का आयोजन मुख्यतः बरसात के मौसम में खरीफ की फसलों में कृषि कार्य, धान की रोपाई, मडुवा की गुड़ाई के अवसर पर किया जाता है। उत्तराखंड के कृषि गीतों का आयोजन ग्रामस्तर या गांवों के कुछ कृषक परिवारों के स्तर पर किया जाता है । इस कार्य मे स्त्री पुरुष सभी की भागीदारी होती है। कुमाऊं मंडल में गेवाड़ घाटी, कत्यूर, सोमेश्वर, बोरारौ, कैड़ारौ आदि घाटियों के बड़े कृषक गांवों के लोग, अलग-अलग दलों में विभक्त होकर इस कार्य को सम्पन्न कराते हैं और छोटे गांवों के लोग आपस मे एक दूसरे की मदद करके इन कृषि कार्यों को सम्पन्न करते हैं।

Topics: उत्तराखंड समाचारपहाड़ों पर मानसूनउत्तराखंड गीत-संगीतधान की रोपाईप्रेम गाथाओं के गीतलोकगीतFolk songssung along with planting paddy on hillsuttarakhand news
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Kanwar Yatra

कांवड़ मेला: 4 करोड़ से ज्यादा शिवभक्तों की उमड़ी भीड़, मेले के बाद भी नहीं थम रहा आस्था का सैलाब

मुठभेड़ में घायल हुए गौ तस्कर

उत्तराखंड : यूपी बॉर्डर पर मुठभेड़, 2 गौ तस्कर गिरफ्तार, पुलिस ने ललकारा तो की फायरिंग

हरिद्वार कांवड़ यात्रा 2025 : 4 करोड़ शिवभक्त और 8000 करोड़ का कारोबार, समझिए Kanwar Yatra का पूरा अर्थचक्र

उत्तराखंड : हरिद्वार गंगा किनारे लगेगा 251 फुट ऊंचा भगवा ध्वज, हुआ शिलान्यास

CM Dhami

मदरसों में छात्रवृत्ति को लेकर फिर हुई गड़बड़ी, सीएम धामी ने दिए जांच के आदेश

Operation Kalanemi : साधु वेश में लगातार पकड़े जा रहे बांग्लादेशी, पाञ्चजन्य की मुहिम का बड़ा असर

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पूर्व डीआईजी इंद्रजीत सिंह सिद्धू चंडीगढ़ की सड़कों पर सफाई करते हुए

पागल या सनकी नहीं हैं, पूर्व DIG हैं कूड़ा बीनने वाले बाबा : अपराध मिटाकर स्वच्छता की अलख जगा रहे इंद्रजीत सिंह सिद्धू

जसवंत सिंह, जिन्होंने नहर में गिरी कार से 11 लोगों की जान बचाई

पंजाब पुलिस जवान जसवंत सिंह की बहादुरी : तैरना नहीं आता फिर भी बचे 11 लोगों के प्राण

उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों से जुड़ा दृश्य

उत्तराखंड : कैबिनेट बैठक में कुंभ, शिक्षा और ई-स्टैंपिंग पर बड़े फैसले

मोदी सरकार की रणनीति से समाप्त होता नक्सलवाद

महात्मा गांधी के हिंद सुराज की कल्पना को नेहरू ने म्यूजियम में डाला : दत्तात्रेय होसबाले जी

BKI आतंकी आकाश दीप इंदौर से गिरफ्तार, दिल्ली और पंजाब में हमले की साजिश का खुलासा

CFCFRMS : केंद्र सरकार ने रोकी ₹5,489 करोड़ की साइबर ठगी, 17.82 लाख शिकायतों पर हुई कार्रवाई

फर्जी पासपोर्ट केस में अब्दुल्ला आज़म को बड़ा झटका, हाईकोर्ट ने याचिकाएं खारिज कीं

अवैध रूप से इस्लामिक कन्वर्जन करने वाले आरोपी अब पुलिस की गिरफ्त में हैं।

आगरा में इस्लामिक कन्वर्जन: मुख्य आरोपी रहमान के दो बेटे भी गिरफ्तार, राजस्थान के काजी की तलाश कर रही पुलिस

नोएडा से AQIS संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार - गुजरात ATS की कार्रवाई

नोएडा से AQIS के 4 आतंकी गिरफ्तार : गुजरात ATS ने किया खुलासा- दिल्ली NCR में थी आतंकी हमले की योजना!

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies