यूनाइडेट नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल में भारत ने 26/11 हमले में वांटेड लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी साजिद मीर का ऑडियो क्लिप सुनाया है। जिसमें साजिद मीर मुंबई हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकियों को निर्देश दे रहा है। दरअसल 20 जून को काउंसिल की बैठक में अमेरिका ने साजिद मीर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने का प्रस्ताव रखा था। जिसका भारत सह प्रस्तावक था।
चीन ने यूएन काउंसिल में भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को रोक दिया। इससे पहले भी चीन साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में अटकलें डाल चुका है। जिसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने इस पर भारत का पक्ष रखते हुए कहा कि अगर हम स्थापित आतंकवादियों को यूएन की वैश्विक आतंकियों की लिस्ट में शामिल नहीं करा पा रहे हैं, तो यह आतंकवाद की चुनौती से निपटने की इच्छाशक्ति में कमी को दिखाता है। जिसके बाद उन्होंने यूएन असेंबली में आतंकी साजिद मीर का ऑडियो सुनाया।
यूएन असेंबली में प्रकाश गुप्ता द्वारा जो ऑडियो सुनाई गई, उसमें आसानी से सुना जा सकता है कि किस तरह से साजिद मीर मुंबई में हमलों के वक्त आतंकवादियों को निर्देश दे रहा था। इस दौरान ऑडियो क्लिप में एक ऐसा वक्त भी आया जिसमें साजिद मीर को यह कहते सुना गया कि ताज होटल में जितने भी विदेशी हैं उन्हें मार दिया जाए।
संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने कहा कि इस घटना को 15 साल बीत चुके हैं, और आज भी साजिद मीर खुला घूम रहा है। आगे उन्होंने बिना पाकिस्तान का नाम लिए कहा कि ऐसे आतंकी एक देश में हर तरह की सुविधाएं मिल रही हैं। जो आतंकवाद के प्रति दोहरा रवैया है। इसे गुड टेररिज्म और बैड टेररिज्म की खतरनाक अवधारणा ही कहा जाएगा।
उन्होंने कहा कि यदि हम ऐसे स्थापित आतंकी जिन्हें पूरी दुनिया में आतंकवादी बताया गया है, उन्हें भी कुछ देशों के भू-राजनीतिक लाभ की वजह से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वैश्विक आतंकी घोषित नहीं करा पा रहे हैं तो इसका एक ही मतलब है कि हम में आतंकवाद की इस चुनौती से निपटने की असल राजनीतिक इच्छाशक्ति है ही नहीं।
बतादें, मुंबई में 26 नवंबर 2008 की रात को लश्कर-ए-तैयबा के 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने चार जगहों पर जिनमें दो पांच सितारा होटल, रेलवे स्टेशनों और यहूदियों के एक धार्मिक स्थल (चबाड़ हाउस) नरीमन हाउस पर हमले किए थे। जो लगभग पांच दिनों तक चला था, जिसमें 160 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। जिसमें 26 विदेशी नागरिक थे।
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