मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग, भारतीय ऋषि परंपरा से प्राप्त ऐसी विधा है जो शरीर और मस्तिष्क दोनों को स्वस्थ रखती है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में योग की महत्ता को अंगीकार कर आज दुनिया के लगभग दो सौ देश अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग के विभिन्न कार्यक्रमों के साथ जुड़कर भारत की ऋषि परंपरा के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित कर रहे हैं।
सीएम योगी 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर बुधवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में योगाभ्यास करने के पूर्व योग साधकों, प्रशिक्षुओं को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई दी और वैश्विक मंच पर योग की पुनर्प्रतिष्ठा के लिए पीएम मोदी के प्रति आभार जताया। महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में इस बात के लिए लोगों को नई प्रेरणा दी कि वास्तव में अगर विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना है तो केवल और केवल योग से हम इसको आगे बढ़ा सकते हैं। विश्व शांति का मार्ग आगे बढ़ाने में योग माध्यम बन सकता है।
योग के विभिन्न अंगों की महत्ता को विस्तार से समझाते हुए सीएम योगी ने कहा कि प्राणायाम करने वाले लोगों पर कोरोना का प्रभाव न्यूनतम रहा। कोरोना के सेकेंड वेव में सबसे अधिक प्रभावी लंग्स (फेफड़ों) पर पड़ा था। लोगों को श्वांस लेने में दिक्कत हो रही थी। पर प्राणायाम से शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत लोगों को कोरोना या तो छू नहीं पाया या फिर संक्रमित होने पर भी वे कुछ ही दिनों में आरोग्यता को प्राप्त कर लिए। उनके बीच मृत्यु दर न्यूनतम थी। प्राणायाम हमको न केवल मजबूत करते हैं, बल्कि शारीरिक शुद्धि का भी माध्यम बनते हैं। इसी तरह योग के आसन न केवल हमें स्थिरता देते हैं, बल्कि शारीरिक सुदृढ़ता भी प्रदान करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक योगी के लिए योग आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रवेश करने का मार्ग होता है जो चेतना के विस्तृत आयाम को आगे बढ़ाता है। चेतना के बहुत छोटे से भाग का हम उपयोग कर पाते हैं, लेकिन इसका क्षेत्र बहुत विस्तृत है। उस चेतना के विस्तृत क्षेत्र में प्रवेश करने का माध्यम है योग। जबकि एक सामान्य गृहस्थ या सामान्य नागरिक के लिए योग शारीरिक और मानसिक आरोग्यता प्राप्त करने का माध्यम है। योग की परंपरा के साथ आज दुनिया जुड़ती दिखाई दे रही है। दुनिया में लोगों के सामने विभिन्न प्रकार की चुनौतियां हैं। कोई शारीरिक बीमारियों से तो कोई मानसिक रूप से परेशान है। ऐसे में संपूर्ण आरोग्यता प्रदान करने की दिशा में योग की बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग परंपरा में सामान्यतः हम अष्टांग योग को महत्व देते हैं। जिसमें यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि अलग-अलग क्रियाएं हैं। अलग-अलग प्रकार की ये विधाएं हैं हम सबको शारीरिक और मानसिक शुद्धि का माध्यम प्रदान करती हैं। इसी तरह हठयोग की कुछ विधाएं हैं। उसमें प्रारंभिक कार्यक्रमों को षट्कर्मों के साथ जोड़ दिया गया। देश, काल, परिस्थिति, खान-पान या अन्य कारणों से व्यक्ति में कोई शारीरिक विकार आ गया है तो ये क्रियाएं शारीरिक शुद्धि का माध्यम बनती हैं। ये विशेष क्रियाएं नियमित नहीं होतीं, उनके निश्चित पक्ष होते हैं। उसके अनुरूप कोई व्यक्ति अभ्यास करेगा तो कायिक रुप से स्वस्थ होगा। योग तमाम वात जनित, कफ जनित, पित्त जनित विकारों से मुक्ति दिलाता है। उन्होंने आसनों व प्राणायाम का महत्व समझाने के साथ ही नाड़ियों के शुद्धिकरण पर भी चर्चा की। प्रणायाम नाड़ियों की शुद्धि का माध्यम बनता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नाड़ी की क्रियाएं मन से जुड़ी क्रियाएं होती हैं। मन की विचित्र स्थिति होती है। व्यक्ति के बंधन और मोक्ष दोनों का कारण मन होता है। एक स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ मन भी आवश्यक है। चंचल मन व्यक्ति को चलायमान करता है। मन को एकाग्र न कर पाने के कारण भी बहुत से लोग प्रतिभा होने के बावजूद जीवन में सफलता प्राप्त नहीं कर पाते। इसलिए मन की वृत्ति को, जो चंचल है, उसे नियंत्रित करने का माध्यम योगासन देता है। यद्यपि मन को नियंत्रित करना अत्यंत दुरुह कार्य है, लेकिन व्यक्ति के जीने के लिए प्राणायाम से यह संभव है। नाथ पंथ की परंपरा में जिसे अजपा जप कहते हैं, श्वांस पर ध्यान केंद्रित कर मन को साधा जा सकता है।
प्राणायाम के माध्यम से मन को नियंत्रित कर लिया गया तो योग के अन्य उच्चतर सोपान को प्राप्त करने में सफलता प्राप्त हो सकती है।
सीएम योगी ने कहा कि आज के समय में आप देख रहे होंगे क्या स्थिति चल रही है। जहां पर खान-पान गलत है वहां पर एक तनाव, ब्लड प्रेशर, शुगर के पेशेंट देखने को मिलते हैं। एक उम्र के बाद लोग जोड़ों (ज्वाइंट्स) को लेकर दिक्कत में आ जाते हैं। दुनिया में जाकर देखिए तो कई देशों में शुगर, बीपी आदि बीमारियों का एक डरावना दृश्य सबके सामने है। तनाव को पालने की वजह से आप देखते होंगे कि सामान्य जीवन में आपको कभी बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता होगा। अनावश्यक तनाव व गुस्सा कई बार बड़ी घटना का कारण बन जाता है। योग इन सभी को नियंत्रित करने का माध्यम देता है।
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