मेरठ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस साल भी कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारियां कर रही हैं। सीएम योगी के निर्देश पर प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, डीजीपी विजय कुमार ने मेरठ पहुंचकर कांवड़ यात्रा की व्यवस्थाओं की समीक्षा बैठक की। इसमें पड़ोसी राज्यों के पुलिस अधिकारी भी शामिल हुए।
जानकारी के अनुसार प्रमुख सचिव और डीजीपी ने यात्रा मार्ग के सभी जिला पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों से एक-एक कर फीडबैक लिया और फिर अपनी बात रखी। बैठक में ये तय किया गया कि 12 फीट से बड़ी कांवड़ की इजाजत नहीं होगी। सभी कांवड़िए अपने-अपने क्षेत्र के थाने से पहचान पत्र बनवाकर पहनेंगे। भारी वाहनों के हाईवे से रूट डायवर्ट होंगे। रास्ते में जहां नाके लगेंगे वहां 15 सिपाही और एक सब इंस्पेक्टर की तैनाती होगी। चार जुलाई से 15 जुलाई तक किसी को अवकाश नहीं मिलेगा। साथ ही डीजे पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा और उन्हें पुलिस अपनी देखरेख में नियंत्रित करेगी। एक विषय पर सबकी एक राय बनी कि कांवड़ियों से शांत और आदर स्वभाव से बात करनी है।
कांवड़ यात्रा पर हेलीकॉप्टर, ड्रोन, सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाएगी। साथ ही अवांछित तत्वों की भी पहचान की जाएगी। इस बार कांवड़ यात्रा में चार करोड़ भक्तों के हरिद्वार पहुंचने की उम्मीद है, जिसके लिए उत्तराखंड, यूपी, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और हिमाचल राज्य की पुलिस और प्रशासन ने अभी से अपनी तैयारियां कर ली है। कांवड़ को लेकर पहली बैठक देहरादून में हो चुकी है और मेरठ की ये बैठक भी व्यवस्था की दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
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