जूनागढ़/अमदाबाद। जूनागढ़ में पुलिस चौकी पर हमला मामले को पुलिस-प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। इसकी गहराई से जांच की जा रही है। पकड़े गए आरोपियों समेत अन्य लोगों की भी कॉल डिटेल निकाली जा रही है, जिससे पता चल सके कि पूरा मामला कहीं षड्यंत्र का तो हिस्सा नहीं है। पुलिस फिलहाल 174 लोगों से सख्ती से पूछताछ कर रही है। पथराव में घायल एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि की है, अभी उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
जूनागढ़ जिले के पुलिस अधीक्षक रवि तेजा वासम शेट्टी ने बताया कि जूनागढ़ महानगर पालिका की ओर से मजेवडी गेट के पास मजार के संबंध में संचालकों को नोटिस दिया गया था। प्रबंधकों को 5 दिन के अंदर सभी कागजात दिखाने के लिए महानगर पालिका ऑफिस में बुलाया गया था। यह नोटिस 14 जून को दिया गया था। नोटिस से नाराज 500-600 लोगों की भीड़ शुक्रवार शाम मजेवडी गेट के समीप इकट्ठा हुई। पुलिस ने वहां बंदोबस्त बिठा दिया जिसमें पुलिस उपाधीक्षक समेत अन्य अधिकारी शामिल थे। करीब 45 मिनट तक लोगों को समझाने का प्रयास किया गया। इस बीच लोग सड़क जाम करने की कोशिश कर रहे थे, पुलिस उन्हें हटा रही थी। रात करीब 10.50 बजे भीड़ ने नारेबाजी करते हुए पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।
पुलिस ने भी बल प्रयोग कर आंसू गैस के गोले छोड़े। इस टकराव में पुलिस उपाधीक्षक समेत पीएसआई किंजल मारू, दो पीआई और एक पुलिसकर्मी घायल हो गए। भीड़ ने एक बाइक में आग लगा दी और कई वाहनों पर पथराव कर उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया। जूनागढ़-विजयनगर एसटी बस को रोकर पथराव किया गया। घटना के बाद पुलिस ने पूरे क्षेत्र में कॉम्बिंग शुरू की और 174 लोगों को हिरासत में लिया।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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