मोटा अनाज : पोषक तत्वों से भरपूर भोजन
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम जीवनशैली

मोटा अनाज : पोषक तत्वों से भरपूर भोजन

मोटा अनाज कभी भारत के रोजमर्रा भोजन में शामिल था। परंतु बाजारीकरण ने इसे चलन से बाहर कर दिया। अब अपने पोषक तत्वों और स्वास्थ्य से जुड़े गुणों के कारण मोटा अनाज एक बार पुन: लोगों की दिनचर्या में शामिल होता जा रहा

by रूपाली करजगीर
Jun 17, 2023, 05:29 pm IST
in जीवनशैली
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

 

खानपान का इतिहास देखें तो हमारे देश का भोजन मुख्य रूप से मोटा अनाज ही रहा है। परंतु धीरे-धीरे यह अनाज हमारे खाने में से विलुप्त सा होने लगा। गेहूं, चावल जैसे अनाजों की खपत बढ़ने लगी। व्यावसायिक तौर पर भी सामान्य अनाज की मांग बढ़ गई।

यदि हम अपने खानपान का इतिहास देखें तो हमारे देश का भोजन मुख्य रूप से मोटा अनाज ही रहा है। परंतु धीरे-धीरे यह अनाज हमारे खाने में से विलुप्त सा होने लगा। गेहूं, चावल जैसे अनाजों की खपत बढ़ने लगी। व्यावसायिक तौर पर भी सामान्य अनाज की मांग बढ़ गई। इनमें कार्बोहाइड्रेट तथा ग्लूटेन नामक प्रोटीन ज्यादा पाया जाता है, जिसके चलते ज्यादा तथा अलग-अलग प्रकार की व्यावसायिक तौर पर खाद्य वस्तुएं बनाना आसान तो है ही, पर इनकी मांग भी ज्यादा है। इसी के चलते मोटे अनाज की मांग कम हो गई।
भारत में सामान्यत: ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, टुकड़ी मुख्य मोटे अनाज हैं।

सामान्य अनाज की तुलना में मोटे अनाज में पोषक तत्वों की भरमार होती है। ये ज्यादा गर्मी वाले क्षेत्रों या पानी की बहुत कमी वाले क्षेत्रों में भी उगाये जा सकते हैं। इसी के चलते मोटे अनाज की पहुंच सभी तक करने, इसके बारे में लोगों में जागरूकता लाने, किसानों को बढ़ावा देने तथा देश के साथ-साथ विदेश में भी इसकी खपत बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के सामने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित करने की मांग की, जिसे 72 देशों का समर्थन मिला तथा 5 मार्च 2021 को यूएसजीए (यूनाइटेड स्टेट जनरल असेंबली) में 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया।

यदि हम पोषक तत्वों के हिसाब से इस अनाज की बात करें तो इनमे लौह तत्व, खनिज पदार्थ, प्रोटीन तथा विटामिन भरपूर मात्रा में होते हैं जो एक छोटे बच्चे से लेकर वृद्ध तक की सेहत के लिए अच्छे हैं। इनमें आवश्यक एमीनो एसिड भी पाये जाते हैं जो शरीर को मजबूत बनाने तथा रोगों से बचाने के लिए रक्षा कवच हैं।

भारत में सामान्यत: ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, टुकड़ी मुख्य मोटे अनाज हैं। सामान्य अनाज की तुलना में मोटे अनाज में पोषक तत्वों की भरमार होती है। ये ज्यादा गर्मी वाले क्षेत्रों या पानी की बहुत कमी वाले क्षेत्रों में भी उगाये जा सकते हैं। इसी के चलते मोटे अनाज की पहुंच सभी तक करने, इसके बारे में लोगों में जागरूकता लाने, किसानों को बढ़ावा देने तथा देश के साथ-साथ विदेश में भी इसकी खपत बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के सामने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित करने की मांग की, जिसे 72 देशों का समर्थन मिला तथा 5 मार्च 2021 को यूएसजीए (यूनाइटेड स्टेट जनरल असेंबली) में 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया।

मोटे अनाज में मुख्यत: बाजरा, ज्वार तथा रागी आते हैं। इनमें से बाजरे में अच्छी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। उत्तर भारत में ज्यादातर बाजरे का सेवन किया जाता है। ठंड आई नहीं कि घरों में बाजरे की रोटी बनना चालू हो जाता है। एक कटोरी पके बाजरे में अच्छी मात्रा में प्रोटीन तथा फाइबर तो होते ही हैं, साथ में तांबा, लौह तत्व, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, विटामिन बी1, बी6 भी पाए जाते हैं। बाजरा बढ़े हुए कोलेस्टेरॉल, शुगर तथा हृदय रोग के लिए भी अच्छा होता है।

ज्वार भी बहुत इस्तेमाल होने वाला अनाज है। इसका सेवन ज्यादातर गर्मियों में किया जाता है। ज्वार में कैल्शियम तथा लौह तत्व बहुत अच्छी मात्रा में पाये जाते हैं। फाइबर की मात्रा के अच्छा होने के कारण पेट के लिए यह अनाज लाभदायक है। मोटापे में इसका सेवन करने से पेट जल्दी भरता है, जिससे वजन कम करने में आसानी होती है। बुजुर्गों के लिए ज्वार का सेवन फायदेमंद होता है।

इन दोनों अनाजों के अलावा रागी एक ऐसा अनाज है, जिसका उपयोग पूरे भारत में साल भर किया जाता है। रागी की खीर बच्चों में ताकत लाती है। इसमें कैल्शियम की मात्रा अच्छी होने से इसका सेवन हड्डियों को मजबूत बनाता है। रागी मधुमेह के मरीजों के लिए अच्छा होता है। मतलब यह कि मोटे अनाज शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। ल्लदि हम अपने खानपान का इतिहास देखें तो हमारे देश का भोजन मुख्य रूप से मोटा अनाज ही रहा है। परंतु धीरे-धीरे यह अनाज हमारे खाने में से विलुप्त सा होने लगा।

गेहूं, चावल जैसे अनाजों की खपत बढ़ने लगी। व्यावसायिक तौर पर भी सामान्य अनाज की मांग बढ़ गई। इनमें कार्बोहाइड्रेट तथा ग्लूटेन नामक प्रोटीन ज्यादा पाया जाता है, जिसके चलते ज्यादा तथा अलग-अलग प्रकार की व्यावसायिक तौर पर खाद्य वस्तुएं बनाना आसान तो है ही, पर इनकी मांग भी ज्यादा है। इसी के चलते मोटे अनाज की मांग कम हो गई।

भारत में सामान्यत: ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, टुकड़ी मुख्य मोटे अनाज हैं। सामान्य अनाज की तुलना में मोटे अनाज में पोषक तत्वों की भरमार होती है। ये ज्यादा गर्मी वाले क्षेत्रों या पानी की बहुत कमी वाले क्षेत्रों में भी उगाये जा सकते हैं। इसी के चलते मोटे अनाज की पहुंच सभी तक करने, इसके बारे में लोगों में जागरूकता लाने, किसानों को बढ़ावा देने तथा देश के साथ-साथ विदेश में भी इसकी खपत बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के सामने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित करने की मांग की, जिसे 72 देशों का समर्थन मिला तथा 5 मार्च 2021 को यूएसजीए (यूनाइटेड स्टेट जनरल असेंबली) में 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया।

यदि हम पोषक तत्वों के हिसाब से इस अनाज की बात करें तो इनमे लौह तत्व, खनिज पदार्थ, प्रोटीन तथा विटामिन भरपूर मात्रा में होते हैं जो एक छोटे बच्चे से लेकर वृद्ध तक की सेहत के लिए अच्छे हैं। इनमें आवश्यक एमीनो एसिड भी पाये जाते हैं जो शरीर को मजबूत बनाने तथा रोगों से बचाने के लिए रक्षा कवच हैं।

मोटे अनाज में मुख्यत: बाजरा, ज्वार तथा रागी आते हैं। इनमें से बाजरे में अच्छी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। उत्तर भारत में ज्यादातर बाजरे का सेवन किया जाता है। ठंड आई नहीं कि घरों में बाजरे की रोटी बनना चालू हो जाता है। एक कटोरी पके बाजरे में अच्छी मात्रा में प्रोटीन तथा फाइबर तो होते ही हैं, साथ में तांबा, लौह तत्व, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, विटामिन बी1, बी6 भी पाए जाते हैं। बाजरा बढ़े हुए कोलेस्टेरॉल, शुगर तथा हृदय रोग के लिए भी अच्छा होता है।

ज्वार भी बहुत इस्तेमाल होने वाला अनाज है। इसका सेवन ज्यादातर गर्मियों में किया जाता है। ज्वार में कैल्शियम तथा लौह तत्व बहुत अच्छी मात्रा में पाये जाते हैं। फाइबर की मात्रा के अच्छा होने के कारण पेट के लिए यह अनाज लाभदायक है। मोटापे में इसका सेवन करने से पेट जल्दी भरता है, जिससे वजन कम करने में आसानी होती है। बुजुर्गों के लिए ज्वार का सेवन फायदेमंद होता है।

इन दोनों अनाजों के अलावा रागी एक ऐसा अनाज है, जिसका उपयोग पूरे भारत में साल भर किया जाता है। रागी की खीर बच्चों में ताकत लाती है। इसमें कैल्शियम की मात्रा अच्छी होने से इसका सेवन हड्डियों को मजबूत बनाता है। रागी मधुमेह के मरीजों के लिए अच्छा होता है। मतलब यह कि मोटे अनाज शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। ल्लदि हम अपने खानपान का इतिहास देखें तो हमारे देश का भोजन मुख्य रूप से मोटा अनाज ही रहा है।

परंतु धीरे-धीरे यह अनाज हमारे खाने में से विलुप्त सा होने लगा। गेहूं, चावल जैसे अनाजों की खपत बढ़ने लगी। व्यावसायिक तौर पर भी सामान्य अनाज की मांग बढ़ गई। इनमें कार्बोहाइड्रेट तथा ग्लूटेन नामक प्रोटीन ज्यादा पाया जाता है, जिसके चलते ज्यादा तथा अलग-अलग प्रकार की व्यावसायिक तौर पर खाद्य वस्तुएं बनाना आसान तो है ही, पर इनकी मांग भी ज्यादा है। इसी के चलते मोटे अनाज की मांग कम हो गई।

भारत में सामान्यत: ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, टुकड़ी मुख्य मोटे अनाज हैं। सामान्य अनाज की तुलना में मोटे अनाज में पोषक तत्वों की भरमार होती है। ये ज्यादा गर्मी वाले क्षेत्रों या पानी की बहुत कमी वाले क्षेत्रों में भी उगाये जा सकते हैं। इसी के चलते मोटे अनाज की पहुंच सभी तक करने, इसके बारे में लोगों में जागरूकता लाने, किसानों को बढ़ावा देने तथा देश के साथ-साथ विदेश में भी इसकी खपत बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के सामने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित करने की मांग की, जिसे 72 देशों का समर्थन मिला तथा 5 मार्च 2021 को यूएसजीए (यूनाइटेड स्टेट जनरल असेंबली) में 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया।

अनाजों के अलावा रागी एक ऐसा अनाज है, जिसका उपयोग पूरे भारत में साल भर किया जाता है। रागी की खीर बच्चों में ताकत लाती है। इसमें कैल्शियम की मात्रा अच्छी होने से इसका सेवन हड्डियों को मजबूत बनाता है। रागी मधुमेह के मरीजों के लिए अच्छा होता है। मतलब यह कि मोटे अनाज शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। 

यदि हम पोषक तत्वों के हिसाब से इस अनाज की बात करें तो इनमे लौह तत्व, खनिज पदार्थ, प्रोटीन तथा विटामिन भरपूर मात्रा में होते हैं जो एक छोटे बच्चे से लेकर वृद्ध तक की सेहत के लिए अच्छे हैं। इनमें आवश्यक एमीनो एसिड भी पाये जाते हैं जो शरीर को मजबूत बनाने तथा रोगों से बचाने के लिए रक्षा कवच हैं।

मोटे अनाज में मुख्यत: बाजरा, ज्वार तथा रागी आते हैं। इनमें से बाजरे में अच्छी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। उत्तर भारत में ज्यादातर बाजरे का सेवन किया जाता है। ठंड आई नहीं कि घरों में बाजरे की रोटी बनना चालू हो जाता है। एक कटोरी पके बाजरे में अच्छी मात्रा में प्रोटीन तथा फाइबर तो होते ही हैं, साथ में तांबा, लौह तत्व, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, विटामिन बी1, बी6 भी पाए जाते हैं। बाजरा बढ़े हुए कोलेस्टेरॉल, शुगर तथा हृदय रोग के लिए भी अच्छा होता है।

ज्वार भी बहुत इस्तेमाल होने वाला अनाज है। इसका सेवन ज्यादातर गर्मियों में किया जाता है। ज्वार में कैल्शियम तथा लौह तत्व बहुत अच्छी मात्रा में पाये जाते हैं। फाइबर की मात्रा के अच्छा होने के कारण पेट के लिए यह अनाज लाभदायक है। मोटापे में इसका सेवन करने से पेट जल्दी भरता है, जिससे वजन कम करने में आसानी होती है। बुजुर्गों के लिए ज्वार का सेवन फायदेमंद होता है।

अनाजों के अलावा रागी एक ऐसा अनाज है, जिसका उपयोग पूरे भारत में साल भर किया जाता है। रागी की खीर बच्चों में ताकत लाती है। इसमें कैल्शियम की मात्रा अच्छी होने से इसका सेवन हड्डियों को मजबूत बनाता है। रागी मधुमेह के मरीजों के लिए अच्छा होता है। मतलब यह कि मोटे अनाज शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
इन दोनों

Topics: Vitamin B1Milletsविटामिन बी1B6तांबाबी6KodocopperकोदोTukdiironटुकड़ीMillets: Nutrient rich foodमोटे अनाजRagiरागीBajraबाजराJowarज्वारCalciumलौह तत्वMagnesiumफॉस्फोरसकैल्शियमPhosphorusमैग्नीशियम
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Uttarakhand Ragi milets MSP increased

उत्तराखंड: किसानों से राज्य सरकार ने 3100 मीट्रिक टन मंडुआ खरीदा, श्री अन्न की बाजार में बढ़ रही है मांग

श्रीअन्न के कुछ स्वादिष्ट व्यंजन

श्रीअन्न आहार का अनुशासन

मडुआ रोटी खाने के फायदे

मडुआ रोटी: इन 6 गंभीर बीमारियों का रामबाण इलाज, आज ही करें डाइट में शामिल

ट्रैक्टर से जुताई करते विनोद ज्याणी

#कृषि विशेष: तकनीक से मिली तरक्की

Millet Fair : मोटे अनाज के शौकीनों के लिए शानदार खबर, दिल्ली में लगने जा रहा है मिलेट मेला

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Pahalgam terror attack

सांबा में पाकिस्तानी घुसपैठ की कोशिश नाकाम, बीएसएफ ने 7 आतंकियों को मार गिराया

S-400 Sudarshan Chakra

S-400: दुश्मनों से निपटने के लिए भारत का सुदर्शन चक्र ही काफी! एक बार में छोड़ता है 72 मिसाइल, पाक हुआ दंग

भारत में सिर्फ भारतीयों को रहने का अधिकार, रोहिंग्या मुसलमान वापस जाएं- सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

शहबाज शरीफ

भारत से तनाव के बीच बुरी तरह फंसा पाकिस्तान, दो दिन में ही दुनिया के सामने फैलाया भीख का कटोरा

जनरल मुनीर को कथित तौर पर किसी अज्ञात स्थान पर रखा गया है

जिन्ना के देश का फौजी कमांडर ‘लापता’, उसे हिरासत में लेने की खबर ने मचाई अफरातफरी

बलूचिस्तान ने कर दिया स्वतंत्र होने का दावा, पाकिस्तान के उड़ गए तोते, अंतरिम सरकार की घोषणा जल्द

IIT खड़गपुर: छात्र की संदिग्ध हालात में मौत मामले में दर्ज होगी एफआईआर

प्रतीकात्मक तस्वीर

नैनीताल प्रशासन अतिक्रमणकारियों को फिर जारी करेगा नोटिस, दुष्कर्म मामले के चलते रोकी गई थी कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) (चित्र- प्रतीकात्मक)

आज़ाद मलिक पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का संदेह, ED ने जब्त किए 20 हजार पन्नों के गोपनीय दस्तावेज

संगीतकार ए. आर रहमान

सुर की चोरी की कमजोरी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies