एम्स के बाद अब सफदरजंग में भी बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध होगी। बुधवार को सफदरजंग अस्पताल में बोन मैरो ट्रांसप्लांट केन्द्र का उद्घाटन स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने किया। इस मौके पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बी एल शेरवाल और ओएसडी डॉ. वंदना तलवार भी मौजूद थीं।
डॉ. बीएल शेरवाल ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रमुख अस्पतालों में से एक सफदरजंग अस्पताल में बीएमटी यूनिट खुलने से सभी गरीब मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। इससे पहले दिल्ली में ब्लड कैंसर और अन्य कैंसर के मरीजों के लिए बनी सरकारी व्यवस्था में सिर्फ एम्स में ही यह सुविधा दी जाती थी।
उन्होंने कहा कि सफदरजंग अस्पताल केंद्र सरकार का पहला अस्पताल है, जहां मरीजों को बेहद कम कीमत में बोन मैरो ट्रांसप्लांट सुविधा उपलब्ध होगी। निजी अस्पतालों में इसके लिए मरीजों को 10-15 लाख रुपए खर्च करने पड़ते हैं।
उल्लेखनीय है, कि बोन मैरो ट्रांसप्लांट (बीएमटी) एक ऐसी प्रक्रिया है, जहां एक स्वस्थ दाता का रक्त या मज्जा रोगी के अस्वास्थ्यकर रक्त बनाने वाली कोशिकाओं (स्टेम सेल) को स्वस्थ स्टेम कोशिकाओं से बदल देता है जो बाद में लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स का निर्माण करती हैं। अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण स्वयं के शरीर (ऑटोलॉगस ट्रांसप्लांट) या डोनर (एलोजेनिक ट्रांसप्लांट) से कोशिकाओं का उपयोग कर सकता है। यह प्रत्यारोपण विशेष रूप से रक्त कैंसर, लिम्फोमा, मल्टीपल मायलोमा रोगियों और कुछ जन्मजात बीमारियों में एक आवश्यक उपचार प्रक्रिया है।
(सौजन्य सिंडीकेट फीड)
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