उत्तरकाशी जिला प्रशासन द्वारा महापंचायत की अनुमति नहीं देने और धारा 144 लगाए जाने की घोषणा के बाद भी हिंदू संगठनों ने महापंचायत करने का एलान किया है। लव जिहाद की घटना के बाद से पूरे जिले में हिंदू वादी संगठनों, व्यापार मंडल और पूर्व सैनिकों के संगठन ने मिलकर आंदोलन चलाया है।
पुरोला में 15 जून को लव जिहाद की घटना के विरोध में महापंचायत किए जाने की घोषणा की गई थी। ग्राम प्रधान संगठन के अध्यक्ष अंकित रावत इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं, जिला प्रशासन द्वारा लगातार दबाव डाल कर उन्हें कहा जा रहा है कि ये महापंचायत नहीं की जाए।
उत्तरकाशी के एसपी अर्पण यदुवंशी ने कहा कि महापंचायत की अनुमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि धारा 144 को लागू किया जा रहा है। उधर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने ये घोषणा की है कि ग्राम प्रधान संगठन नहीं, अब वो खुद इस महापंचायत को आयोजित करेंगे।
हिंदू संगठनों का कहना है कि जो लोग देश में इस महापंचायत का विरोध कर रहे हैं या फिर मुस्लिम समुदाय के समर्थन में खड़े हैं। उनसे ये पूछा जाए कि नाबालिग हिंदू लड़कियों के साथ जब अत्याचार और शारीरिक शोषण होता है तब इनकी जुबान क्यों नहीं खुलती? तब इनके ट्वीट क्यों नहीं होते? उधर हरिद्वार में संत समाज, अखाड़ा परिषद ने कहा है कि वो भी लव जिहाद के विरोध में आयोजित महापंचायत में शामिल होंगे। संत समाज ने कहा है कि यदि देहरादून में 18 को मुस्लिमों ने महापंचायत की तो वे भी बराबर में ही मंच लगाकर धर्म सम्मेलन करेंगे।
मुस्लिम समाज का जनसंपर्क अभियान
पुरोला की घटना के दौरान वहां से पलायन कर गए मुस्लिमों के समर्थन में देहरादून में 18 जून को मुस्लिम समाज ने महापंचायत बुलाई है। शहर काजी मौलाना अहमद कासमी ने इस संदर्भ में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों हरबर्टपुर, सहसपुर, सेलाकोई आदि क्षेत्रों में जाकर जनसंपर्क किया है।
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