उधमसिंहनगर। किच्छा में मतांतरण कराए जाने का मामला सामने आया है, जहां हिंदू संगठनों के विरोध के बाद पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, दो विदेशी नागरिक मौके से फरार हो गए हैं, जिन्हें अभी तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
दरअसल, किच्छा के आजाद नगर क्षेत्र में दो दिन पहले एक किराए के मकान पर पौढ़ शिक्षा के नाम पर वंचित समाज की भीड़ एकत्र कर उनमें ईसाई पंथ का प्रचार किया जा रहा था। इस कार्यक्रम के दौरान मीट पार्टी की भी व्यवस्था की गई थी। इसकी भनक लगते ही हिंदू संगठनों ने पुलिस को जानकारी दी और पुलिस टीम के साथ जाकर कार्यक्रम का विरोध किया। पुलिस के पहुंचते ही वहां मौजूद विदेशी मूल की एक महिला और उसका साथी और दो अन्य वहां से गाड़ी में बैठकर फरार हो गए। वहां मौजूद लोगों में से चार को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की और देर शाम उन्हे छोड़ दिया गया।
इस मामले में पूर्व ग्राम प्रधान राजकुमार कोली ने पुलिस को लिखित तहरीर दी और आरोपियों के खिलाफ धर्मांतरण कानून की धाराओं के तहत कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने पुलिस के उच्च अधिकारियों को भी इस मामले में अवगत कराया। जिसके बाद इस मामले की जांच सीओ ओम प्रकाश शर्मा को सौंप दी गई है। पुलिस ने जांच में पाया कि वंचित समाज के लोगों को प्रलोभन देकर मतांतरण करवाया जा रहा था। जिस मकान में ये काम हो रहा था उसके मालिक मुनीश भारती हैं और उन्हें भी इस बात जानकारी नहीं थी।
सीओ ओम प्रकाश ने बताया कि प्रलोभन देकर मतांतरण कराने के आरोपी विकास कुमार और अंकित पाल जोकि बरेली जिले के रहने वाले हैं। उन्हें गिरफ्तार कर धर्मांतरण कानून की धाराओं में जेल भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि पूछताछ में जिन दो विदेशियों का नाम सामने आया है वो किच्छा के एक होटल में रुके थे, जहां उनके पासपोर्ट की फोटो प्रति से जानकारी मिली है कि महिला और पुरुष अमरीकी मूल निवासी हैं। उन्होंने बताया कि विदेशी नागरिक के किच्छा में रुकने पर होटल प्रबंधन द्वारा पुलिस को जानकारी नहीं दी गई, जिसपर होटल स्वामी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इस बारे में यूएसए दूतावास को भी सूचना दी जा रही है। सीओ ने बताया कि घटना के समय मौजूद लोगों के बयानों के आधार पर कानूनी कार्रवाई की गई है।
पूर्व ग्राम प्रधान राज कुमार का आरोप है कि यदि पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की होती तो फरार विदेशी भी पुलिस के हाथ लग जाते और उनके कारनामे जग जाहिर हो जाते। बहरहाल मतांतरण की इस घटना पर स्थानीय हिंदू संगठनों में आक्रोश है।
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