अल नीनो को लेकर देश के सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है कि यह कब आएगा और कहां आएगा। हकीकत यह है कि अल नीनो के बारे में बहुत ही कम लोग जानते होंगे। रविवार को कृषि मौसम वैज्ञानिक प्रोफेसर एस.एन.सुनील पांडे ने बताया कि यह समुद्र में होने वाली एक तरह की उथल-पुथल है। इसकी वजह से देश के किसानों सहित जनता पर भी इसका असर पड़ेगा।
जानें क्या है अल नीनो
मौसम वैज्ञानिक ने आगे बताया कि अल नीनो (El Nino) से समुद्र में होने वाली एक प्रकार की उथल-पुथल क्रिया है। इससे समुद्र के जल का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है। इसमें सामान्य रूप से होने वाली बारिश कम होती है। अल नीनो से सिर्फ मौसम में बदलाव हुआ है, लेकिन इसकी वजह से देश के करोड़ों किसानों के साथ देश की आम जनता भी प्रभावित होगी।
अल नीनो की वजह से कम बारिश और सूखे की संभावना
वैज्ञानिक ने बताया कि अल नीनो भारत के कुछ हिस्सों में औसत से कम बारिश और सूखे की स्थिति पैदा कर सकता है। इसका फसल की पैदावार पर खराब प्रभाव होता है। अल नीनो की वजह से खरीफ फसलों की पैदावार खराब हो सकती है, जिसका परिणाम देश के किसानों को उठाना पड़ेगा।
फसलों पर पड़ सकता है बुरा असर, उत्पादन में आएगी कमी
मौसम वैज्ञानिक का मानना है कि खरीफ की फसल जून- जुलाई में बोई जाती है और ये अक्टूबर तक तैयार हो जाती है। इन फसलों में धान(चावल), ज्वार, बाजरा, मक्का, मूंग, मूंगफली, गन्ना, सोयाबीन और कपास समेत बहुत कुछ शामिल है। अल नीनो के कारण इन सभी फसलों पर बुरा असर पड़ सकता है। इससे सभी फसलों के उत्पादन में कमी होती है। तो किसानों पर इसका असर पड़ेगा ही। इसके साथ ही साथ देश की जनता पर भी असर पड़ेगा।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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