देहरादून। लव जिहाद के मामलों को लेकर उत्तराखंड में सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। इसके पीछे बड़ी वजह देवभूमि उत्तराखंड के शांत शहरों, कस्बों में जाकर मुस्लिम समुदाय के युवकों द्वारा छोटी उम्र की हिंदू लड़कियों को बहला-फुसलाकर धोखे से भगा ले जाना है।
इस साल अभी तक 52 मामले लव जिहाद के पुलिस में दर्ज किए गए हैं, जबकि पिछले साल 2022 में कुल 76 मामले दर्ज किए गए थे। इस साल लव जिहाद के अधिक मामले सामने आने के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि द केरला स्टोरी फिल्म आने के बाद से लोगों में जागरुकता बढ़ी है और वो ऐसी घटनाओं को छुपाने के बजाय पुलिस तक जाना शुरू कर चुके हैं। ऐसी जानकारी भी मिली है कि लव जिहाद के कई मामलों को पुलिस दर्ज करने में कतराती भी रही है। खास तौर पर पछुवा देहरादून में कई हिंदू लड़कियां कई माह से लापता हैं, पुलिस उनकी खोज खबर नहीं ले पाई है।
उत्तराखंड में पुरोला की लव जिहाद की घटना ने पूरे जिले में शोर मचा दिया है। इसी दौरान टोंस घाटी में एक के बाद एक दो घटनाएं हुईं और फिर चकराता, विकास नगर, सहसपुर, हरबर्टपुर, रुड़की, उधमसिंहनगर क्षेत्र में लव जिहाद की घटनाएं सामने आईं। लव जिहाद की घटना के विरोध में उत्तरकाशी जिले के सभी कस्बे हिंदू आंदोलन की चपेट में आ गए और वहां से मुस्लिम दुकानदारों को पलायन करना पड़ा।
लव जिहाद के बढ़ते मामलों और कानून-व्यवस्था पर सीएम पुष्कर सिंह धामी को उच्च स्तरीय बैठक बुलानी पड़ी और उन्होंने सख्त हिदायत दी कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए पुलिस कठोर कदम उठाए। उधर उत्तरकाशी जिले की घटना के बाद 15 जून को महापंचायत बुलाई गई है, जबकि मुस्लिम समुदाय ने देहरादून में महापंचायत बुलाई है। मुस्लिम मरकज केंद्र पलटन बाजार मस्जिद के इमाम द्वारा उत्तराखंड में चल रहे मुस्लिम उत्पीड़न के विरोध लामबंद होने का आह्वान किया गया है।
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