पोरबंदर/अमदाबाद। गुजरात एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने पोरबंदर में बड़ा ऑपरेशन चलाकर एक महिला समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया। उन पर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्रोविंस (आईएसकेपी) के लिए काम करने का आरोप है। इनका आईएसआईएस और पाकिस्तान कनेक्शन सामने आया है। आईजी दीपेन भद्रन की अगुवाई में शुक्रवार रात इस ऑपरेशन को पूरा कर आतंकी साजिश का पर्दाफाश किया गया है।
गुजरात के डीजीपी विकास सहाय ने प्रेंस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि चारों गिरफ्तार आरोपित इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्रोविंस (आईएसकेपी) के सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से तीन भारत के रहने वाले हैं। जबकि एक विदेशी नागरिक है। चारों आईएसकेपी के सक्रिय सदस्य हैं और उनके कब्जे से कई प्रतिबंधित चीजें मिली हैं।
गुजरात एटीएस से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रतिबंधित आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासान प्रोविन्स (आईएसकेपी) के साथ जुड़े कट्टर युवाओं को गुजरात के पोरबंदर समुद्र किनारे के रास्ते भारत से पलायन करने की योजना बनाने के दौरान पकड़ा गया। ये तीनों ईरान होते हुए इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान जाने वाले थे।
इस सूचना के आधार पर गुजरात एसटीएस की टीम ने 9 जून को तड़के पोरबंदर रेलवे स्टेशन पर सख्त निगरानी शुरू की। यहां तीन संदिग्ध युवकों को देखकर इन्हें पकड़ा गया और पूछताछ की गई। पकड़े गए युवकों में उबेद नासिर मीर, हनान हयात शॉल और मोहम्मद हाजिम शाह (तीनों का ठिकाना श्रीनगर) शामिल हैं। पूछताछ में पता चला कि तीनों को उनके हैंडलर अबु हमजा ने कट्टरपंथी होने का प्रशिक्षण दिया था, जिसके बाद से वे इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासन प्रोविन्स (आईएसकेपी) से जुड़ गए थे। तीनों से पूछताछ में पता चला कि अन्य दो व्यक्ति जुबेर अहमद मुंशी और सूरत की सुमेराबानू मोहम्मद हनीफ मलेक भी आईएसकेपी के इसी मॉडयूल के सदस्य हैं। ये दोनों भी तीनों पकड़े गए आरोपितों के साथ जुड़े हैं। पूछताछ के बाद गुजरात एटीएस और सूरत क्राइम ब्रांच की टीम ने सुमेराबानु मलेक के घर छापेमारी की। पूछताछ में आईएसकेपी से जुड़ी कई अहम जानकारियां मिली हैं।
सुमेराबानु मलेक से पुलिस सिलसिलेवार ढंग से पूछताछ कर रही है। वह भी हैंडलर के सम्पर्क में थी, वहीं उसके कश्मीरी युवक जुबेर अहमद मुनशी के साथ नजदीकी संबंधों का पता चला है। पोरबंदर में पकड़े गए तीनों संदिग्ध कश्मीरी युवकों के सामान और बैग की जांच में कई निजी पहचान के दस्तावेज, डिजिटल कम्यूनिकेशन उपकरण, मोबाइल, टैबलेट, छुरा आदि मिला है।
इन तीनों को उनके हैंडलर अबु हमजा ने पोरबंदर पहुंचने की सूचना दी थी। यहां वे श्रमिक के तौर पर फिशिंग बोट में नौकरी प्राप्त कर आगे के मिशन की ओर बढ़ते। बोट और उसके कप्तान का उपयोग कर योजना के मुताबिक वे जीपीएस कोऑर्डिनेटर तक पहुंचते। यहां से उन्हें धो (डीएचओडब्ल्यू) के जरिए ईरान ले जाया जाता। यहां से आरोपितों को नकली पासपोर्ट दिया जाता। इसके बाद वे हेरात होकर खोरासन पहुंचने वाले थे। वे यहां इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान आईएसकेपी के लिए आतंकी गतिविधियों में शामिल होने वाले थे। पकड़े गए आरोपितों उबेद नासिर मीर, हनान हयात शॉल, मोहम्मद हाजीम शाह, जुबेर मुनशी, सुमेराबानु के विरुद्ध अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट, 1967 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
टिप्पणियाँ