भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल, छिंदवाड़ा और तेलंगाना के हैदराबाद से पिछले महीने पकड़े गए हिज़्ब-उत-तहरीर (HuT) के संदिग्ध आतंकियों ने अब तक की पूछताछ में एनआईए और एटीएस के सामने कई राज उगले हैं। उन दोनों से अलग-अलग पूछताछ करने के बाद प्राप्त जानकारियों के आधार पर जब क्रॉस वेरिफिकेशन किया गया तो कई अहम चौकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। इसके बाद अब एक बार फिर से एनआईए इन सभी संदिग्ध आतंकियों को रिमांड पर लेकर नए सिरे से पूछताछ करेगी।
गोला-बारूद से पूरे प्रदेश को दहलाने की फिराक में थे आतंकी
इन संदिग्ध आतंकियों से जो बड़ी जानकारी मिली है, वह प्रदेश में हथियार, गोला-बारूद का स्टॉक जमा करने को लेकर है। यह इस इकट्ठे किए जा रहे हथियार और गोला-बारूद से पूरे प्रदेश में कई स्थानों को दहला देने की फिराक में थे। इसके लिए इन सभी ने अपने काम को आपस में बांटते हुए स्थान तक तय कर लिए थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जब सीडीआर यानी ‘कॉल डिटेल रिकॉर्ड’ के आधार पर इन आतंकियों के संपर्क सूत्र एवं संवाद की जानकारी जुटाई तो अनेक नाम सामने आए हैं जोकि इनसे लगातार जुड़े हुए थे
एनआईए को मिली सीडीआर से अहम जानकारियां
इन संदिग्ध आतंकियों की सीडीआर से पता चला है कि इन्होंने कितने कॉल किए, किन नंबरों पर कॉल किया, कितने कॉल रिसीव किए। किन नंबरों से कॉल रिसीव हुआ, किन पर नहीं। कॉल की डेट, टाइम यानी समय का पता। किन नंबरों पर मैसेज भेजे गए, किन नंबरों से मैसेज रिसीव हुए। कॉल कहां से की गई, यानी फोन करने वाले की लोकेशन क्या थी। कॉल से जुड़ी सभी जानकारी एनआईए के हाथ लग चुकी है। जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इसके आधार पर इनसे एक के बाद एक प्रश्न पूछना शुरू किए और संबंधित व्यक्तियों के बारे में जिनके नाम से मोबाइल नंबर दर्ज हैं, जानकारी जुलाई गई तो अन्य कई महत्व की जानकारी हाथ लगी।
इसी प्रकार से जब एनआईए ने जब केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की इनसे जुड़ी रिपोर्ट देखीं और इन सीएफएसएल रिपोर्ट की गहराई से पड़ताल की गई तो अन्य नई जानकारी केंद्रीय जांच एजेंसी के हाथ लगी । इसके अधार पर कोर्ट को एनआईए ने बताया है कि उसे इन सभी 16 संदिग्ध पकड़े गए हिज़्ब-उत-तहरीर (HuT) के आतंकियों की रिमांड चाहिए ताकि इन सभी से फिर कड़ी पूछताछ की जा सके।
एचयूटी सदस्यों के क्रॉस वेरिफिकेशन से खुले कई राज
एनआईए के सामने ये बड़े खुलासे तब हो सके हैं, जब इस जांच एजेंसी की टीम ने पांच संदिग्ध आतंकियों के बाद अन्य छह को पूछताछ के लिए जेल से आफिस लेकर आई थी और उनसे मिले साक्ष्यों के आधार पर क्रॉस वेरिफिकेशन किया गया। संदिग्ध आतंकियों में कुछ को पर्दे के पीछे और कुछ को आमने-सामने बैठाकर किए गए इस क्रॉस वेरिफिकेशन से इनके कई साथी टूट गए और सच उगलने लगे ।
इन दौरान इन संदिग्ध आतंकियों ने स्वीकार किया कि ये सभी हथियारों के साथ ही गोला-बारूद जमा करने करने में लगे थे, जिसमें इन्हें कुछ सफलता भी मिली। इनके पास से बरामद हुए हथियार, गोला बारूद से भी यह सामने आ चुका है कि कैसे यह अपनी नफरत की साजिश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए काम कर रहे थे। इनकी योजना मध्य प्रदेश को दहला देने की थी। संदिग्ध आतंकी मोहम्मद आलम के नूरमहल रोड चौकी इमामबाड़ा भोपाल स्थित घर से एटीएस की टीम ने कमरे की तलाशी के दौरान चार पिस्टल, कारतूस के साथ बरामद हुए भी हैं। दीवार के अंदर पिस्टल छुपाकर रखी गई थी। दीवार तोड़कर इन्हें निकाला गया । वहीं, एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) को 24 मोबाइल फोन मिले, जिनकी जब्ती की गई थी। इनसे पता चला कि आतंक का यह प्रशिक्षण भोपाल स्थित अचारपुरा, बैरसिया रोड और भोजपुर के पास एकांत में होता था। फार्म हाउस संचालकों का इन्हें सहयोग मिलता था। एटीएस की टीम आरोपितों को इन तीनों ठिकानों पर ले जा चुकी है। पहले एटीएस की पूछताछ में रायसेन के जंगलों में प्रशिक्षण लेने की बात एचयूटी के सदस्यों ने कही थी।
”खलीफा संगठन चार्ट” और ”द वायस ऑफ हिंद” जैसी छह फाइलें मिलीं
भोपाल से पकड़े गए कोचिंग संचालक सैयद सामी रिजवी के पास से मध्य प्रदेश एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (एटीएस) के हाथ प्रारंभिक पड़ताल में छह फाइलें हाथ लगीं। इनकी जब गहराई से जांच की गई तो कई चौंका देने वाली जानकारी सामने आईं। इसमें एक फाइल के ऊपर ”खलीफा संगठन चार्ट” लिखा हुआ है। इस फाइल में इससे जुड़ी पूरी जानकारी के साथ आगे की इससे जुड़ी रणनीति के बारे में विस्तार से बताया गया है।
”द वायस ऑफ हिंद” नाम की एक फाइल भी इनके आतंकी मंसूबों को बता रही है। एक फाइल हथियारों की तस्वीरी से संबंधित है। जिसमें एके-47, पिस्टल, 303 राइफल, राइफल, एसएलआर और अन्य हथियारों के चित्र तक दिए हुए हैं, विस्तार से इसमें बहुत कुछ लिखा गया है, फिर पॉइंटर भी दिए गए हैं। एक अन्य फाइल के ऊपर लिखा हुआ है ”खलीफ-तुल्लाह अल-महिद” यह ब्रेनवॉश करने से संबंधित है। इसके माध्यम से आतंक के अभियान में कैसे अपने विचार के चरमपंथियों को तैयार किया जा सकता है, वह सभी कुछ लिखा हुआ है। अन्य फाइलें भी इसी प्रकार की हैं, जिनका कुल मकसद इस्लामी हुकूमत की स्थापना है। इन सभी फाइलों की भाषा इंग्लिश और उर्दू है।
”शिक्षा जिहाद” का नया एंगल भी आ गया सामने, वॉइस नोट बना आधार
इनसे मिली जानकारी में एनआईए एवं एटीएस को यह भी पता चला कि ये सभी मुस्लिम युवाओं में मतिष्क में ”शिक्षा जिहाद” का जहर घोलने का काम भी कर रहे थे। आतंकी संगठन एचयूटी के मिले वॉइस नोट की इन्वेस्टिगेशन के दौरान ही अब तक के लव जिहाद और लैंड जिहाद के बाद इन नए प्रकार के ”एजुकेशन जिहाद” का खुलासा हुआ है। यह वॉइस नोट देश के बाहर से भेजे गए हैं, जिसमें कि एजुकेशन जिहाद को बढ़ावा देने के ऑडियो थे। इन सभी वॉइस नोट के जरिए एचयूटी ने अपने सदस्यों को निर्देश दिए थे कि पढ़ने में तेज युवाओं का चयन करें, उन्हें अपने साथ जोड़ें।
कई स्तर पर नेटवर्क
जांच एजेंसी को इन संदिग्ध आतंकियों से अब तक की पूछताछ में पता चला है यह आतंकी संगठन कई स्तर पर अपना नेटवर्क स्थापित कर रहा था। जिसमें अहम था हिंसक हमले की ट्रेनिंग, जिहाद, ब्लास्ट, हिंदुओं का कन्वर्जन और शिक्षा जिहाद। कोर्ट को एनआईए ने जानकारी दी है कि ज्यूडिशियल रिमांड से फिर आरोपियों से कड़ी पूछताछ होगी। क्योंकि यह जिस तरह से योजना को अंजाम देते हुए अपने कार्य में लगे हुए थे, उसका मकसद यही था कि पूरा प्रशासनिक सिस्टम ही हिल जाए और राज्य और केंद्र सरकार को भी आम आदमी की सुरक्षा की नीयत से कठघरे में खड़ा किया जा सके।
आईएसआईएस से खतरनाक है एचयूटी
हिज़्ब-उत-तहरीर (HuT) को आईएस से भी खतरनाक आंकवादी संगठन माना जाता है। आईएसआईएस सीरिया, इराक में सबसे अधिक सक्रिय है तो वहीं, ये पश्चिम एशिया, अफ्रीका सहित कई अन्य देशों में सक्रिय है। पिछले कुछ वर्षों में भारत में भी इसकी गतिविधियां बढ़ी हैं और देश के 12 राज्यों में इसके नेटवर्क का खुलासा हो चुका है। हिज़्ब-उत-तहरीर (HuT) 50 से अधिक देशों में सक्रिय है। पुलिस एवं जांच एजेंसियों की नजरों में न आ पाएं इसके लिए इस संगठन के सदस्य आपस में ‘रॉकेट चैट’, ‘श्रीमा’ जैसे ऐप का कम्युनिकेशन के लिए इस्तेमाल करते हैं ।
दिल्ली के इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस के सुरिंदर कुमार शर्मा की रिपोर्ट में विस्तार से इस बात का जिक्र भी आया है कि हिज़्ब-उत-तहरीर (HuT) ने दक्षिण एशिया के पाकिस्तान और बांग्लादेश में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज करा दी है, जिसके कारण से वहां गैर मुसलमानों पर चरमपंथी लगातार पहले से अधिक तेजी के साथ हावी होते जा रहे हैं। यह संगठन न सिर्फ भारत के लिए बल्कि दुनिया भर के देशों की शांति बनाए रखने में भी एक बड़ा खतरा माना जा रहा है।
क्या कहता है अमेरिकी जर्नल
अमेरिका के ग्लोबल एजुकेशन कम्युनिटी कॉलेबोरेशन ऑनलाइन के जर्नल सीटीएक्स की रिपोर्ट के अनुसार यह संगठन दुनिया भर में कट्टरपंथी युवाओं को एक मंच देने का काम कर रहा है। इस आतंकी संगठन के 10 लाख से अधिक सक्रिय सदस्य हैं। जर्नल सीटीएक्स का दावा है कि संगठन की एक हथियार शाखा हरकत उल-मुहोजिरीनफी ब्रितानिया के नाम से संचालित होती है, जो अपने सदस्यों को रसायनिक, जीवाणु और जैविक युद्ध का प्रशिक्षण देती है। इसलिए इसे अन्य आतंकवादी संगठनों से अधिक अधिक खतरनाक माना जाता रहा है।
लक्ष्य भारत में तकी अल-दीन-अल-बानी के निर्देशों को लागू करना है
हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) कट्टरपंथी इस्लामी प्रचारक तकी अल-दीन-अल-बानी द्वारा के निर्देशों को भारत में लागू करना चाहता है, इसके लिए यह मानता है कि युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के बाद ही ऐसा किया जाना संभव है। देश में अब तक दक्षिण भारत तक ही इसकी गतिविधियां सीमित थीं, किंतु भोपाल में पकड़े गए एचयूटी मॉड्यूल के सामने आने के बाद लगता है कि भारत के कई अन्य राज्यों में भी इसने अपने समर्थक खड़े कर लिए हैं और यह अब अपने संगठन विस्तार में लगा हुआ है। इस संगठन पर 16 देशों में प्रतिबंध लग चुका है। यह संगठन भारत में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के स्थान पर इस्लामिक शरिया कानून लाना चाहता है। इसके लिए संगठन ने मध्यप्रदेश में भी गुपचुप तरीके से अपना कैडर तैयार करना प्रारंभ कर दिया था।
आम लोगों के बीच रहते हैं इसके सदस्य
नौ मई को एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने मध्य प्रदेश के भोपाल से दस और छिंदवाड़ा से एक संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार किया था। मध्य प्रदेश एटीएस तेलंगाना के हैदराबाद से भी पांच आरोपियों को पकड़कर लाई थी। ये सभी हिज्ब-उत-तहरीर के लिए काम करते पाए गए हैं। मप्र एटीएस द्वारा हिज्ब उत् तहरीर संगठन पर कार्रवाई के दौरान जिन्हें पकड़ा, उनमें भोपाल से गिरफ्तार किए गए संगठन के सदस्यों में यासिर खान 29 वर्ष निवासी शाहजनाबाद भोपाल (जिम ट्रेनर), सैयद सामी रिजवी 32 वर्ष निवासी मेलेनियम हेबिटेट शहीद नगर, भोपाल (कोचिंग टीचर), शाहरूख निवासी जवाहर कॉलोनी ऐशबाग भोपाल (दर्जी), मिस्बाह उल हक 29 वर्ष निवासी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, ऐशबाग, भोपाल (मजदूरी), शाहिद निवासी जवाहर कॉलोनी, ऐशबाग, भोपाल (ऑटो ड्राइवर) हैं।
इनके साथ साथ जिन अन्य संदिग्ध आतंकियों को पकड़ा गया है, उनमें सैयद दानिश अली निवासी सोनिया गांधी कॉलोनी, ऐशबाग, भोपाल (सॉफ्टवेयर इंजीनियर), मेहराज अली 25 वर्ष निवासी मसूद भाई का मकान, ऐशबाग, भोपाल (कम्प्यूटर टेक्नीशियन), खालिद हुसैन 40 वर्ष निवासी बारेला गांव लालघाटी भोपाल, (टीचर और व्यवसायी), वसीम खान निवासी उमराव दूल्हा, ऐशबाग, भोपाल, मोहम्मद आलम 35 वर्ष निवासी नूरमहल रोड, चौकी इमामबाड़ा, भोपाल और करीम निवासी छिंदवाड़ा (प्रायवेट नौकरी) हैं । यह सभी आम आदमी बनकर लोगों के बीच आमजीवन जीते हुए संदिग्ध गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे।
( सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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