नई दिल्ली। महाराष्ट्र में एनसीपी को लेकर बड़ी खबर आई है। NCP प्रमुख शरद पवार ने प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष घोषित किया है। उन्होंने ये घोषणा शनिवार को की। शरद पवार के भतीजे अजित पवार के लिए यह झटका माना जा रहा है।
शरद पवार ने कुछ दिनों पहले एनसीपी प्रमुख का पद छोड़ने की घोषणा की थी। आज उन्होंने प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया है। एनसीपी में अब बगावत की भी आशंका जताई जा रही है, क्योंकि बताया जा रहा है कि पार्टी में कई गुट हैं और उनमें से एक गुट अजित पवार को समर्थन देता है। अजित पवार एनसीपी प्रमुख अजित पवार के भतीजे हैं।
अब अजित पवार पर निगाहें
राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है कि अजित पवार का अब अगला कदम क्या होगा। निगाहें अब अजित पवार पर टिकी हैं। शरद पवार ने करीब 24 साल पहले (वर्ष 1999) एनसीपी का गठबंधन किया था। तब से यह पार्टी महाराष्ट्र की राजनीति में अपना स्थान बनाए रही। शरद पवार ने कांग्रेस से अलग होकर अलग राजनीतक दल का गठन किया था। 1967 में शरद पवार 27 साल की उम्र में बारामती से कांग्रेस के विधायक बने थे। वह कई सालों तक बारामती से चुनाव जीतते रहे। युवा मुख्यमंत्री भी बने। वर्ष 1999 में शरद पवार पर आरोप लगा कि वह सोनिया गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं। इसके बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। इसके बाद शरद पवार ने पीए संगमा के साथ मिलकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठन किया। हालांकि उन्होंने भाजपा और शिवसेना को सत्ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस का समर्थन भी किया। करीब 24 साल की इस पार्टी में बगावत के सुर उठे। शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने पार्टी लाइन से हटकर भाजपा को समर्थन दिया। अजित पवार ने 2019 के विधानसभा चुनाव में देवेंद्र फडणवीस के साथ सरकार बनाई। फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में डिप्टी सीएम बने। हालांकि शरद पवार के दबाव के बाद वह उन्हें वापस लौटना पड़ा और 100 घंटे भी पूरे नहीं हुए कि उन्हें डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा। लेकिन इस घटना से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की फूट उजागर हो गई।
सुप्रिया सुले बनाम अजित पवार
शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले वर्तमान में एनसीपी से सांसद हैं। उन्हें शनिवार को एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं एक बड़ा गुट अजित पवार के साथ खड़ा है। पार्टी में टूट के संकेत वर्ष 2019 में स्पष्ट रूप से मिले थे। हाल ही में अजित पवार का बगावती तेवर भी दिखा था। चर्चा यह थी कि वह देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के साथ मिल सकते हैं। चर्चा थी कि अजित पवार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के करीब 34 विधायकों के साथ मिलकर शिंदे-फडणवीस सरकार का हिस्सा बन सकते हैं। यह भी कहा जा रहा था कि प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, छगन भुजबल, धनंजय मुंडे का समर्थन उन्हें मिला हुआ है। लेकिन शरद पवार महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य माने जाते हैं। उन्होंने प्रफुल्ल पटेल को भी कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। इससे पहले चर्चा यह भी थी कि अजित पवार को एनसीपी में साइड लाइन करने की कोशिश की जा रही है।
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