भोपाल। दमोह के गंगा जमुना स्कूल मामले में असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री हो गई है। वहीं मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने असदुद्दीन ओवैसी को खरी-खरी सुनाई है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि गंगा जमना स्कूल में विवाद खड़ा किया गया है। स्कूल ने प्रचार किया कि हमारी बच्चियां अच्छे नंबर से पास हुईं। उसमें बच्चियों ने स्कार्फ पहना था, तो तुरंत सीएम ने कह दिया हम अपनी भांजियों और भतीजियों को जबरन हिजाब नहीं पहनने देंगे। उस स्कूल पर कार्रवाई ही कर दी गई। कलेक्टर ने ट्वीट कर कहा कि सब गलत खबरें हैं, ऐसा कुछ है ही नहीं। फिर वहां स्याही फेंक दी गई, बोला गया तुमने गलत रिपोर्ट दी है। वास्तव में उन्हें मुसलमानों से नफरत है, हमारी बच्चियों को हिजाब में देखने के लिए नफरत है।
असदुद्दीन ओवैसी ने भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के द्वारा एक लड़की को फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ दिखाए जाने पर भी सवाल खड़े किए और तमाम आरोप इस स्कूल पर की गई कार्रवाई के विरोध में मध्य प्रदेश सरकार पर लगाए। यह ठहराने की कोशिश की गई कि राज्य सरकार मुसलमानों से नफरत करती है। उनका यह बयान के आने के बाद शुक्रवार को मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने असदुद्दीन ओवैसी पर सिलसिलेवार ढंग से पलटवार किया है।
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ओवैसी जातिगत राजनीति करते हैं। ओवैसी की मानसिकता देख लो प्रेम जैसे शब्द में कबाब लाए हैं, सवाल लव का नहीं, सवाल जिहाद का है, एक और एक मिलते हैं तो वह दो हो जाते हैं, लेकिन जिहाद में एक और एक मिलते हैं तो एक ही मिलता है बाकी के 35 टुकड़े हो जाते हैं। ओवैसी ने कभी साक्षी और श्रद्धा पर बयान नहीं दिया। वह एक वर्ग की राजनीति करते हैं।
डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कन्वर्जन के किसी भी कुचक्र को मध्य प्रदेश में नहीं चलने दिया जाएगा। दमोह गंगा जमुना स्कूल मामले में विद्यालय संचालक के पासपोर्ट के जांच निर्देश दिए गए हैं, ताकि यह जाना जा सके कि वह कितनी बार विदेश गए थे। उन्होंने ओवैसी को सुझाव दिया है कि उन जैसे लोगों को वरिष्ठ आईएएस नियाज खान की लिखी पुस्तक को पढ़ना चाहिए।
इस पूरे मामले में राज्य भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य सुरेंद्र शर्मा ने भी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिख दिया है और उन्होंने इस स्कूल के प्रकरण की नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की है।
आईएएस नियाज खान ने मुसलमानों को गोरक्षक बनने की सलाह दी
इन दिनों ‘ब्राह्मण द ग्रेट’ किताब लिखने वाले मध्य प्रदेश कैडर के ये आईएएस अधिकारी एक बार फिर चर्चा में इसलिए भी हैं, क्योंकि उन्होंने इस बार ट्वीट कर मुस्लिमों को गोरक्षक बनने इस्लाम में धर्मांतरण न कराने, शाकाहार अपनाने और ब्राह्मणों से अच्छे़ॉ रिश्ते बनाने की सलाह दी है। इनका ये भी कहना है कि ‘मेरी बातों को मुस्लिम लोग गलत ना समझे, मैं भी एक मुस्लिम हूं और पढ़ा-लिखा मुस्लिम आईएएस ऑफिसर हूं, मैं जो कह रहा हूं वह सभी के लिए सोच समझकर कह रहा हूं। खासतौर पर मुस्लिमों के लिए भी अब बदलने और समझने की जरूरत आ चुकी है।’
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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