चीन में यूनान प्रांत के नागु में 14वीं सदी की एक मस्जिद के गुंबद और मीनारों को गिराने की कोशिश के खिलाफ लोगों में आक्रोश है। इसको लेकर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई है। दरअसल, 2020 में एक अदालत ने फैसला सुनाया था कि मस्जिद में हाल ही में गुंबददार छत और मीनार जोड़ना अवैध था। इसलिए इसे हटाया जाना चाहिए। इस फैसले को लेकर पिछले हफ्ते मस्जिद के ऊपरी हिस्से को तोड़ने का काम शुरू किया गया, जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया। गुंबददार छत को गिराने का विरोध करने वाले सभी लोग मुस्लिम अल्पसंख्यक हुई जातीय समूह के हैं।
दरअसल, चीन में मस्जिदों के तोड़े जाने का मामला कोई नया नहीं है। यहां लगातार शिनजियांग में मस्जिदों को या तो बंद कर दिया गया या फिर पूरी तरह ध्वस्त किया जाता रहा है। बताया जा रहा है कि मस्जिदों को बंद करने और मिटाने के पीछे चीन का व्यापक अभियान है। इनका उद्देश्य उइगरों, कजाखों और अन्य मध्य एशियाई जातीय समूहों के सदस्यों को कम्युनिस्ट पार्टी के वफादार अनुयायियों में बदलना है।
कैनबरा के एक शोध समूह ‘ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट’ की एक रिपोर्ट के अनुसार 2017 के बाद से शिनजियांग में लगभग 8,500 मस्जिदों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है। मस्जिदों की ये तोड़-फोड़ माओ त्से तुंग के शासनकाल में 1966 में शुरू हुई। इस रिपोर्ट को लेकर चीनी अधिकारियों का कहना है कि ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट, संयुक्त राज्य अमेरिका के वित्तीय पोषण से चलती है, जो पक्षपात करते हुए चीन को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। चीन में धार्मिक स्थलों को व्यापक रूप से गिराए जाने की खबर पूरी तरह से गलत है। चीन की सरकार का कहना है कि वह मस्जिदों की सुरक्षा और मरम्मत को महत्व देती है।
इधर ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट ने कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा वित्तीय पोषण मिलने की बात पूरी तरह से निराधार है। इसके अलावा न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट की मानें तो चीनी अधिकारियों ने शिनजियांग के भीतर आवाजाही पर कड़े नियंत्रण लगा रखे हैं।
ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक शिनजियांग में 24 हजार से अधिक मस्जिदें थीं, अब यहां पर महज 3 हजार मस्जिदें बची हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2017 के बाद से 30 प्रतिशत मस्जिदों को ध्वस्त किया गया और 30 प्रतिशत किसी न किसी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईं। इनमें से कई मस्जिदों का गुंबद और मीनार को हटा दिया गया। रिपोर्ट में बताया गया है कि मस्जिदों के टूटने के बाद अभी भी कई खंडहर जगह है। कुछ को पार्किंग, सड़क और खेती के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
हलाल उत्पादों के खिलाफ भी अभियान
चीन में हलाल उत्पादों के खिलाफ भी अभियान छेड़ा जा चुका है। 2018 में शिनजियांग प्रांत में हलाल उत्पादों के खिलाफ एक अभियान शुरू किया गया था। उस दौरान अधिकारियों ने कहा था कि लोगों की शिक्षित करने के लिए कैंप खोला जा रहा है, वो वहां के मुसलमानों की विचारधारा को बदलने के लिए ऐसा कर रहे हैं। बताते चलें कि 2021 में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने धर्म के चीनीकरण का नारा दिया था, यानी कि सभी धार्मिक आस्थाओं को चीनी संस्कृति और समाज के रंग में ढाला जाए।
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