हरिद्वार। कुंभ नगरी हरिद्वार में उत्तराखंड सरकार का बुल्डोजर गरजने लगा है। गंगा नगरी को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए ऑपरेशन क्लीन अभियान शुरू हो गया है। डीएम धीराज गर्ब्याल ने उच्चस्तरीय बैठक कर शासन की मंशा को स्पष्ट कर दिया है।
हरिद्वार में घाटों के किनारे बड़ी संख्या में बाहरी लोग आकर बसते जा रहे हैं। ऐसे हालात खनन वाले क्षेत्रों में भी पैदा हो रहे हैं। सरकारी जमीनों पर इन अवैध कब्जों की वजह से क्षेत्र में जनसंख्या असुंतलन (डेमोग्राफी चेंज) की समस्या खड़ी होती जा रही है। इसे धामी सरकार ने गंभीरता से लिया है।
गंगा तीर्थस्थली है और यहां के घाटों पर गैर हिंदू लोगों का प्रवेश वर्जित है, ऐसा यहां पालिका के बायलॉज में दर्ज है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में गैर हिंदू, गंगा घाटों के आसपास अवैध रूप से बस रहे हैं।
प्रशासन द्वारा इन्हें चिन्हित किया गया और अब इन्हें हटाने के लिए बुल्डोजर की मदद ली जा रही है। एडीएम प्यारे लाल शाह ऑपरेशन क्लीन के लिए नोडल अधिकारी बनाए गए हैं। उन्होंने पुलिस फोर्स को साथ लेकर अतिक्रमण हटाने का काम शुरू कर दिया है। गंगा घाटों के दूसरी तरह मैदान में अवैध रूप से किए गए कब्जों को साफ करने का काम दो दिनों से जारी है।
डीएम गर्ब्याल ने बताया कि हमने मुनादी करवा दी है कि लोग खुद अपने अतिक्रमण छोड़ दें या खाली कर दें अन्यथा प्रशासन का बुल्डोजर उसे ध्वस्त कर देगा। एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक पुलिस ने बाहरी लोगों के सत्यापन के लिए काम शुरू कर दिया है, संदिग्ध लोगों की पहचान की जा रही है। हमने साफ कह दिया है कि हरिद्वार में जो रहेगा उसे अपने मूल निवास के क्षेत्र के थाने से वेरिफिकेशन खुद करवा कर लाना होगा अन्यथा उसे यहां से जाना ही होगा।
तीर्थ नगरी के धार्मिक स्वरूप रहे बरकरार: धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार के अतिक्रमण पर साफ कहा है कि ये तीर्थनगरी है, धर्म नगरी है, सनातन गंगा नगरी है। यहां के स्वरूप से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि हरिद्वार प्रशासन को सख्त हिदायत दी गई है किसी भी दबाव में आए बिना “ऑपरेशन क्लीन” को पूरा करें।
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