केन्द्र सरकार ने उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए विपणन सीजन 2023-24 के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने विपणन सीजन 2023-24 के लिए सभी अनिवार्य खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है।
सामान्य धान की कीमत 2040 से बढ़ाकर 2183 रुपए, उच्च गुणवत्ता वाले धान की कीमत 2060 से 2203 रुपए, ज्वार हाइब्रिड 2970 से 3180, ज्वार-मालदंडी 2990 से 3225, बाजरा 2350 से 2500, रागी 3578 से 3846, मक्का 1962 से बढ़ाकर 2090, तूर या अरहर 6600 से 7000, मूंग 7755 से 8558, उड़द 6600 से 6950, मूंगफली 5850 से 6377, सूरजमुखी के बीज 6400 से बढ़ाकर 6760, सोयाबीन 4300 से बढ़ाकर 4600, तिल 7830 से 8635, नाइजरसीड 7287 से 7734, कपास (मध्यम स्टेपल) 6080 से 6620, कपास (लंबा स्टेपल) 6380 से 7020 की गई है।
मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हाल के वर्षों में सरकार फसलों के लिए उच्च एमएसपी की पेशकश करके दालों, तिलहनों और पोषक व श्रीअन्न जैसे अनाजों के अलावा अन्य फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने किसानों को अपनी फसलों में विविधता लाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई), राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) जैसी विभिन्न योजनाएं और पहल भी शुरू की हैं।
उन्होंने बताया कि 2022-23 के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 330.5 मिलियन टन होने का अनुमान है जो पिछले वर्ष 2021-22 की तुलना में 14.9 मिलियन टन अधिक है। यह पिछले 5 साल में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है।
(सौजन्य सिंडीकेट फीड)
टिप्पणियाँ