उत्तराखंड में डेमोग्राफी चेंज को लेकर चर्चा शुरू हो चुकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बार बार अपने वक्तव्य में ये कहा है बाहरी प्रदेशों से आए लोग उत्तराखंड की सनातनी संस्कृति के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, जिसकी वजह से डेमोग्राफी चेंज की समस्या सामने आ रही है। सीएम धामी का ये कथन इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि उत्तराखंड में मुस्लिम आबादी असम के बाद तेजी से बढ़ रही है और इस पर सरकार चिंतित है और इसकी रोकथाम के लिए वो कुछ कड़े फैसले भी ले सकती है।
सीएम धामी संवैधानिक पद पर बैठे हैं और उनके बयान मर्यादाओं में बंधे हुए हैं, लेकिन वो इस बात के लिए दृढ़ संकल्प भी लिए हुए हैं कि डेमोग्राफी चेंज समस्या का समाधान भी उन्हें की खोजना है। हकीकत ये है कि डेमोग्राफी चेंज एक बड़ा मुद्दा उत्तराखंड की सामाजिक और राजनीति में स्थान पा रहा है।
सीएम धामी के निर्देश पर अतिक्रमण हटाओ अभियान पूरे राज्य में शुरू किया गया है। खास तौर पर खनन वाली 23 नदियों के किनारे अवैध रूप से बसे लोगों को हटाने का काम तेजी से शुरू किया गया है। ऐसी जानकारी मिली है कि यहां बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी ने अवैध कब्जे किए हुए हैं और इनकी संख्या हजारों में नहीं, लाखो में है। ये जमीन जिहाद का हिस्सा हैं और इसमें बड़े-बड़े खनन और भू-माफिया शामिल हैं। नदी श्रेणी और वन भूमि की ये जमीन अतिक्रमण की चपेट में पिछले 15 साल से है।
इसी तरह उत्तराखंड के जंगलों में बड़ी संख्या में जमीन जिहाद के तहत वन गुर्जरों ने डेरे जमा लिए हैं, कुछ वन गुर्जर तो ऐसे हैं, जिन्हें सरकार ने राजा जी और कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से विस्थापन योजना के तहत बाहर निकाल कर बसाया और उन्हें एक हेक्टेयर भूमि और मकान बनाने के लिए रकम भी दी। ये संख्या दो हजार के आसपास थी। लेकिन अब जंगलों में कहां से कई हजार वन गुर्जर घुस कर कब्जे कर बैठे हैं। इस ओर धामी सरकार सजग हो गई है और अब इनसे अपनी भूमि मुक्त कराने के अभियान को शुरू कर चुकी है।
उत्तराखंड में जिस तरह से योजनाबद्ध तरीके से जनसंख्या असंतुलन की समस्या गहराई है उससे देख कर यह भी लगता है कि इस ओर कोई बड़ी साजिश रची जा रही है। यूपी से लगते उत्तराखंड के मैदानी जिलों में मुस्लिम आबादी जो कभी राज्य बनने के समय 15 प्रतिशत के आसपास थी वो बढ़कर 35 प्रतिशत हो गई है। ऐसी जानकारी भी सामने आई है कि इस बढ़ रही आबादी के बीच रोहिंग्या और बांग्लादेशी भी हैं। यही वजह है उत्तराखंड पुलिस ने सत्यापन का बड़ा अभियान शुरू किया है। बहरहाल उत्तराखंड में जनसंख्या असंतुलन एक बड़ी समस्या और चुनौती राज्य की सरकार के सम्मुख बन गई है, जिसे हल करने में वर्तमान सरकार लग गई है।
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