इंदौर। शहर के एरोड्रम इलाके के मुक्तिधाम में रोहिंग्या समुदाय के लोगों के रुके होने की आशंका में हिंदूवादी संगठन के लोगों ने मंगलवार देर रात हंगामा किया। वे जब मुक्तिधाम पहुंचे तो संदिग्ध लोगों ने बताया कि वे पश्चिम बंगाल से आए हैं। उन्हें यहां इंदौर के एक ठेकेदार ने बुलाया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच की तो उनके सामान में से हथियार निकले। उनके पास आधार कार्ड भी मिला है, जिसके नकली होने का संदेह है। हालांकि पुलिस ने प्रारंभिक पूछताछ के बाद सभी को छोड़ दिया है।
जानकारी के अनुसार मामला छोटा बांगड़दा मुक्तिधाम का है। यहां पार्षद प्रतिनिधि नितिन धारकर को रहवासियों ने बताया था कि पिछले 20 दिनों से आधा दर्जन से ज्यादा बाहरी लोग मुक्तिधाम में अवैध रूप से रह रहे हैं। उनकी गतिविधियां भी संदिग्ध हैं। वे रोहिंग्या जैसे दिख रहे हैं। इस सूचना के बाद मंगलवार रात को नितिन धारकर के साथ मौके पर हिंदू जागरण मंच के अमित पाल, मोना व्यास, अविनाश पाल पहुंचे। उन्होंने पुलिस को भी जांच के लिए मौके पर बुलाया। संदिग्ध युवकों ने बताया कि वे नगर निगम के लिए काम कर रहे हैं। इस दौरान नगर निगम के अफसरों से बात की तो उन्होंने इस तरह के मजदूर लाने की बात से इंकार कर दिया।
पुलिस ने जब संदिग्धों के सामान की तलाशी ली तो उसमें से तलवार, हंसिए जैसे हथियार निकले। उनके पास मौजूद आधार कार्ड भी संदिग्ध दिखाई दिया। पुलिस ने कहा इसकी जांच करेंगे कि आधार कार्ड नकली तो नहीं है। यदि नकली होता है तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस सभी संदिग्धों को पूछताछ के लिए थाने ले गई। पुलिस को यह भी पता चला कि इन संदिग्धों को गजानंद देशमुख नाम के ठेकेदार ने मुक्तिधाम में रुकवाया था। रात में पुलिस ने ठेकेदार को भी बुलाया। उसने बताया कि सभी मजदूर पश्चिम बंगाल के हैं, जिन्हें उसने ही मुक्तिधाम में रुकवाया था। कार्रवाई के दौरान हिंदूवादी कार्यकर्ता देर रात तक थाने में जमे रहे।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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