उत्तरकाशी। पुरोला में हुई लव जिहाद की घटना के विरोध के स्वर पूरे जिले में सुनाई दे रहे हैं। इस घटना के विरोध में 15 जून को महापंचायत बुलाई गई है। खास बात ये है कि ये विरोध राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक हो रहा है और इसमें ये कहा जा रहा है कि बाहरी क्षेत्रों से आए गैर हिंदू लोगों को अपने मकान-दुकान किराए पर नहीं दिए जाएं और इनका सत्यापन कराए बिना इन्हें क्षेत्र में घुसने न दिया जाए।
28 मई को पुरोला में नाबालिग हिंदू लड़की को बहला-फुसलाकर ले जाने के बाद स्थानीय लोगों का मुस्लिम समुदाय के प्रति गुस्सा देखा जा रहा है। आरोपी युवक और उसके साथी को पुलिस ने जेल भेज दिया था, लेकिन उसके बाद पुरोला, बड़कोट में हिंदू संगठनों और व्यापार मंडल ने घटना के विरोध में भारी प्रदर्शन किया और यह तय किया गया कि क्षेत्र में गैर हिंदू लोगों को कोई भी अपनी संपत्ति किराए पर नहीं देगा और जो सरकारी और निजी कामों में बाहरी लोग काम कर रहे हैं, उनका पुलिस सख्ती से सत्यापन करवाए।
लव जिहाद की इस घटना के विरोध में यमुनाघाटी के साथ-साथ चिन्यालीसौड़ और डुंडा कस्बे के बाजार भी बंद करके विरोध-प्रदर्शन किए गए। टोंस घाटी में भी इस तरह का गुस्सा स्थानीय लोगों में देखा जा रहा है। लव जिहाद की घटनाएं एक के बाद एक होने से चिंतित स्थानीय संगठनों ने 15 जून को महापंचायत बुलाई है। देवभूमि रक्षा अभियान के कुछ स्थानों पर पोस्टर भी लगाए गए थे, जिनमें मुस्लिम कारोबारियों को किराए की दुकानें खाली करने की चेतावनी दी गई थी। इन पोस्टरों को पुलिस ने उतरवा लिया है।
उधर स्थानीय मुस्लिम कारोबारियों ने प्रशासन से मिलकर सुरक्षा दिए जाने और उनकी दुकानें खुलवाने के लिए मदद की गुहार लगाई है। इन कारोबारियों का कहना है कि वो बरसों से यहां कारोबार कर रहे हैं। कुछ बाहरी लोगों ने आकर यहां माहौल खराब किया है, जिसकी हम भी निंदा करते हैं।
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