सिखों की मिनी संसद कहे जाने वाली शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की पूर्व अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने नए संगठन के गठन की घोषणा की है। बीबी जागीर कौर ने एसजीपीसी के प्रधान के चुनाव में लिफाफा कल्चर का विरोध किया था। ज्ञात रहे कि कुछ पंथक संगठनों का आरोप है कि एसजीपीसी के वार्षिक चुनाव केवल आंखें पोंछने के लिए किए जाते हैं, असल में प्रधान का चुनाव शिरोमणि अकाली दल बादल की हाईकमान द्वारा किया जाता है।
शिअद के अध्यक्ष जो वर्तमान में सुखबीर सिंह बादल हैं, चुनाव में प्रधान का नाम लिखकर एक पर्ची लिफाफे में डालकर चुनावी बैठक में भेज देते हैं और एसजीपीसी के सदस्य उसी को प्रधान चुन लेते हैं। पंथक राजनीतिक क्षेत्र में इसे लिफाफा संस्कृति कहा जाता है। पिछले साल नवंबर महीने को हुए एसजीपीसी के चुनाव में बीबी जागीर कौर ने इसी लिफाफा कल्चर के खिलाफ आवाज उठाई थी, और शिअद के उम्मीदवार एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के खिलाफ चुनाव लड़ा। चाहे वो चुनाव हार गईं परंतु पंथक क्षेत्र में अपनी प्रभावशाली भूमिका छोड़ गईं। शिअद ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निष्कासित कर दिया और आज उन्होंने अपना संगठन गठित कर लिया है।
कपूरथला के कस्बा बेगोवाल में संत प्रेम सिंह मुराले वालों के 73वें तीन दिवसीय वार्षिक समारोह के अंतिम दिन शनिवार को बीबी जागीर कौर ने मंच से नए संगठन ‘शिरोमणि अकाली पंथ’ की घोषणा की।
बीबी जागीर कौर ने संगत को संबोधित करते हुए कहा कि सिख धर्म की संस्थाओं को एकमंच पर आने की जरूरत उस समय से महसूस हो रही थी, जब नवंबर 2022 में उन्होंने एसजीपीसी चुनाव के दौरान लिफाफा कल्चर को चुनौती दी थी। उन्होंने कहा कि आज वह संत प्रेम सिंह जी के इस पवित्र स्थान से प्रण लेती हैं कि जब तक उनकी सांसें चलेंगी, तब तक हर सांस के साथ सिख सिद्धांतों पर पहरा दिया जाएगा।
उन्होंने आह्वान किया कि हम सभी को सिख कौम व पंथ की पुरातन शान को बहाल करवाने और खालसा पंथ की चढ़दीकला के लिए अपना योगदान डालना होगा। उन्होंने कहा कि सिख कौम के सामने पेश किए गए इस पंथक एजेंडे में सिख जगत की सबसे सिरमौर संस्था एसजीपीसी का स्वतंत्र, स्वायत्त व पंथक रुतबा बहाल करना सबसे पहला लक्ष्य होगा।
बीबी जागीर कौर ने कहा कि जब से एसजीपीसी अस्तित्व में आई है, तब से अब तक कमेटी ही धार्मिक, सियासी व सामाजिक क्षेत्र में सिख पंथ की अगुवाई करती आई है। लेकिन, पिछले कुछ दशकों से इस आजाद, खुदमुख्तयार व पंथक हस्ती को जबरदस्त चोट लगती आ रही है। उन्होंने कहा कि सिख पंथ से उनका पहला वादा है कि जत्थेबंदी को मजबूत करके एसजीपीसी जैसी इस महान संस्था को आजाद करवाया जाए।
नवगठित संस्था की ओर से कुछ कौमी मुद्दे जैसे बंदी सिंहों की रिहाई का मामला, सियासी तौर पर अलग-थलग सिखों के ग्रुपों को एकजुट करना, गैर सियासी सिख हस्तियों व कार्यकर्ताओं को साथ जोड़ऩे के अलावा कई अहम मुद्दों को उठाया जाएगा। ज्ञात रहे कि एसजीपीसी पंजाब की राजनीति विशेषकर सिख राजनीति में जबरदस्त पकड़ रखती है। इसे अकाली दल का ऊर्जा केंद्र भी कहा जाता है और इसके चुनाव होने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। ऐसे में बीबी जागीर कौर का नया संगठन अकाली दल के लिए सिरदर्द साबित होने वाला है।
टिप्पणियाँ