राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ : जानिए क्या है संघ शिक्षा वर्ग और कब हुई इसकी शुरुआत
May 26, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम संघ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ : जानिए क्या है संघ शिक्षा वर्ग और कब हुई इसकी शुरुआत

संघ शिक्षा वर्ग की शुरुआत 1927 में नागपुर में हुई थी। उस दौरान यह तीन सप्ताह तक चले थे और इन्हें ग्रीष्मकालीन वर्ग कहा गया।

by WEB DESK
Jun 2, 2023, 01:54 pm IST
in संघ
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

संघ शिक्षा वर्ग की शुरुआत 1927 में नागपुर में हुई थी। उस दौरान यह तीन सप्ताह तक चले थे और इन्हें ग्रीष्मकालीन वर्ग कहा गया। फिर कुछ सालों बाद इनका नाम ‘अधिकारी शिक्षा वर्ग’ हो गया। बाद में वर्ष 1950 में इन वर्गों को ‘संघ शिक्षा वर्ग’ के नाम से जाना जाने लगा। कई वर्षों तक प्रारंभिक व्यवस्था में भोजन आसपास के घरों से आता था और स्थानीय पाठशालाओं में शिक्षार्थियों का निवास रहता था। जैसे नागपुर के लोकांचीशाला, धनवटे नगर विद्यालय (मिल सिटी स्कूल – तत्कालीन नाम) और न्यू इंग्लिश स्कूल के भवन। यह सभी निशुल्क उपलब्ध होते थे। इसके अलावा वर्गों के दौरान चिकित्सा, बिजली, जल इत्यादि के खर्चों के लिए वर्ग में शामिल शिक्षार्थियों से शुल्क भी लिया जाता था।

इन वर्गों की सफलता के लिए डॉ. हेडगेवार को अन्ना सोहनी और मार्तंडराव जोग का सहयोग मिला। शुरुआती वर्गों में शारीरिक कार्यक्रम समाप्त होने पर डॉ. हेडगेवार वर्ग में आये सभी स्वयंसेवकों को चिटणीसपुरा की एक बावड़ी पर तैरने के लिए ले जाया करते थे। आगे चलकर संख्या बढ़ने पर बावड़ी पर जाना बंद हो गया। 1939 के आसपास यह वर्ग हेडगेवार स्मृति मंदिर रेशमबाग, नागपुर में आयोजित होने लगे। तब से अबतक यह संघ शिक्षा वर्ग यही लगते है। यह एकड़ भूमि डॉ. हेडगेवार ने ₹700 में खरीदी थी।

कार्यक्रम की संरचना
प्रातः पांच से रात नौ बजे तक वर्ग के शारीरिक और बौद्धिक कार्यक्रम चलते थे। शुरुआत में सुबह के दो-ढाई घंटे और शाम का डेढ़ घंटा शारीरिक प्रशिक्षण के लिए दिया गया था। दोपहर साढ़े 12 बजे से पांच बजे तक का समय विश्राम, वार्तालाप, चर्चा और स्वयंसेवकों द्वारा टिप्पणियां लिखकर रखने के लिए रखा गया था।

नागपुर के बाद विस्तार
नागपुर में वर्गों की सफलता के बाद यह 1934 में पुणे में आयोजित होने लगे। फिर अगले साल से पुणे में प्रथम और द्वितीय वर्ष के वर्ग शुरू हो गये। ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के सुविधा के अनुसार पुणे का वर्ग 22 अप्रैल से 2 जून तक और नागपुर का वर्ग 1 मई से 10 जून तक हुआ करता था। डॉ. हेडगेवार 15 मई तक पुणे में और उसके बाद नागपुर में प्रवास करते थे। पुणे के बाद यह वर्ग नासिक में शुरू हुए। साल 1942-43 में इन वर्ग में हिस्सा लेने वाले स्वयंसेवकों की संख्या पौने तीन हजार तक पहुंच गयी थी। इस बीच 1938 में महाराष्ट्र से बाहर लाहौर में भी वर्गों की शुरुआत हुई। इसके बाद जैसे-जैसे कार्य बढ़ता गया, अन्य प्रान्तों में प्रथम और द्वितीय वर्ष के संघ शिक्षा वर्ग आयोजित होने लगे। अब केवल तृतीय वर्ष की शिक्षा के लिए स्वयंसेवकों का नागपुर में आना अनिवार्य किया गया।

देशव्यापी विस्तार
1940 के नागपुर में हुये संघ शिक्षा वर्ग में उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूर्व से लेकर पश्चिम तक के सब प्रान्तों से शिक्षार्थी स्वयंसेवक उपस्थित थे। दुर्भाग्यवश इसी साल के शिक्षा वर्ग की समाप्ति के केवल कुछ दिनों के बाद ही यानी 21 जून 1940 को संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार का देहावसान हो गया।

मई-जून में ही क्यों?
विद्यालयों और महाविद्यालयों का इन महीनों में ग्रीष्मावकाश रहता है। परीक्षाएं भी समाप्त होने के चलते विद्यार्थी मुक्त रहते हैं। इसलिए इन महीनों में युवाओं को संघ की कार्यविधि से परिचय करवाने के लिए संघ शिक्षा वर्ग शुरू हुए थे। तभी से यह व्यवस्था आजतक कायम है।

इस निरंतर प्रवाह में रुकावटें
इस दौरान 1948-1949 में संघ पर प्रतिबंध और 1976-1977 में आपातकाल के दौरान प्रतिबंध, 1993 में प्रतिबंध और 1991 में विशेष राष्ट्रीय परिस्थितियों (पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या और लोकसभा चुनाव) के दौरान यह वर्ग अवरुद्ध हुए थे। बीते सालों में कोरोना महामारी के दौरान 2020-2021 में भी इन शिक्षा वर्गों को स्थगित करना पड़ा था।

साल दर साल शिक्षार्थी
साल  और संघ शिक्षा वर्गों में सम्मिलित स्वयंसेवक
2012 प्रथम वर्ष – 10,623 शिक्षार्थी 7078 स्थानों से
द्वितीय वर्ष – 2581 शिक्षार्थी 2116 स्थानों से
तृतीय वर्ष नागपुर में – 923 शिक्षार्थी 859 स्थानों से
2013 प्रथम वर्ष – 12549 शिक्षार्थी 7408 स्थानों से
द्वितीय वर्ष – 3063 शिक्षार्थी 2320 स्थानों से
तृतीय वर्ष नागपुर में – 1003 शिक्षार्थी 923 स्थानों से
2015 प्रथम वर्ष – 17835 शिक्षार्थी 10540 स्थानों से
द्वितीय वर्ष – 3715 शिक्षार्थी 2812 स्थानों से
तृतीय वर्ष नागपुर में – 875 शिक्षार्थी 804 स्थानों से
2017 प्रथम वर्ष – 15716 शिक्षार्थी 9734 स्थानों से
द्वितीय वर्ष – 3796 शिक्षार्थी 2959 स्थानों से
तृतीय वर्ष नागपुर में – 899 शिक्षार्थी 834 स्थानों से
2019 तृतीय वर्ष नागपुर में – 828 शिक्षार्थी
2022 40 वर्ष से कम आयु के 18,981 और 40 वर्ष से अधिक आयु के 2925 शिक्षार्थियों ने वर्गों में सहभागिता की, इस वर्ष पूरे देश के प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष के 101 वर्गों में कुल 21,906 शिक्षार्थी रहे

विगत वर्षों में मुख्य अतिथि (तृतीय वर्ष समापन समारोह, नागपुर)
पहले नागपुर का वर्ग 40 दिनों का होता था जोकि तृतीय वर्ष के रूप में अब 25 दिनों का होता है। आजादी से पहले के कुछ वर्षों तक यह कुछ समय के लिए 30 दिनों के भी रहे। फिलहाल प्रथम वर्ष और द्वितीय वर्ष देशभर में होते हैं, जबकि अंतिम तृतीय वर्ष रेशिमबाग, नागपुर में आयोजित होता है।

संघ शिक्षा वर्ग के दो प्रकार हैं – (1) 18 से 40 वर्ष आयु के सामान्य वर्ग, और 41 से 65 वर्ष की आयु के विशेष वर्ग। 65 वर्ष से ऊपर प्रवेश नहीं होता। वर्तमान में 25 दिनों के दौरान संघ शिक्षा वर्ग के प्रतिभागियों द्वारा संघ के पूर्ण गणवेश में पथ संचलन भी निकाला जाता है। वर्ग के समारोप का कार्यक्रम नागपुर शहर द्वारा आयोजित होता है। साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक का उद्बोधन होता है जोकि तात्कालिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विषयों पर संघ के दृष्टिकोण का सारगर्भित विवरण होता है। इनका सामाजिक मुद्दों जिनसे भारत और उसके नागरिकों का सीधा सरोकार होता है, उसपर सरसंघचालक द्वारा संघ की रूपरेखा पेश की जाती है। इसमें संघ के स्वयंसेवकों को भी व्यापक दृष्टि प्राप्त होती है।
इस दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर किसी विशिष्ट व्यक्ति को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता है। बीतें एक दशक में आये मुख्य अतिथियों की सूची इस प्रकार है –

साल  और अतिथि
2012 दैनिक पंजाब केसरी के संचालक व संपादक अश्वनी कुमार
2013 आदिचुनचुनगिरी मठ, कर्नाटक के प्रधान पुजारी श्री श्री श्री निर्मलानंदनाथ महास्वामी
2014 आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर
2015 धर्मस्थल कर्नाटक के धर्माधिकारी पद्मविभूषण डॉ. विरेन्द्र हेगडे
2016 साप्ताहिक ‘वर्तमान’ (कोलकाता) के संपादक रंतिदेव सेनगुप्त
2017 नेपाल के पूर्व आर्मी प्रमुख जनरल रुकमंगुड कटवाल
2018 भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
2022 श्रीरामचंद्र मिशन, हैदराबाद के अध्यक्ष दाजी उपाख्य कमलेश पटेल
दिसंबर 2022* श्री काशी महापीठ, वाराणसी के १००८ जगद्गुरु डॉ. मल्लिकार्जुन विश्वाराध्य शिवाचार्य महास्वामी
2023 श्री सिद्धगिरी संस्थान मठ, कणेरी, कोल्हापुर के अदृश्य काडसिद्धेश्वर स्वामी
* वर्ष 2022 में मई और दिसंबर महीनों में दो बार तृतीय वर्ष वर्ग का आयोजन किया गया था।

क्या खास होता है इन वर्गों में :
1. सामाजिक समरसता का भाव – इस दौरान देशभर से बिना किसी जातीय और रंगरूप भेदभाव के शिक्षार्थी एकत्रित होते है।
2. सामूहिक भोजन – वर्गों में स्वयंसेवक एकसाथ भोजन करते है। इसमें भी किसी तरह से भेदभाव नहीं होता।
3. सामूहिक जीवन का भाव जागृत – एक साथ मिलकर रहना और वर्गों की सभी गतिविधियों में एकसाथ सहभागिता करना।
4. अखिल भारतीय दृष्टि का व्यापक बोध होता है।
5. अनुशासन के प्रति जागरुकता पैदा होती है।
6. विविध जानकारियों का ज्ञान – संघ की भौगोलिक रचनाओं और संरचनाओं का प्रत्यक्ष अनुभव होता है।
7. समाज और राष्ट्र के समक्ष पैदा हुई चुनौतियों के समाधान का बोध होता है।
8. स्वयंसेवकों में कार्यकुशलता का निर्माण होता है।
9. संगठन का भाव – सबके प्रति अपनापन की भावना पैदा होती है।
10. स्वावलंबन – वर्गों के दौरान सभी स्वयंसेवक अपने कार्य स्वयं करते है जिससे उनमें अपने कार्यों को स्वयं करने का भाव पैदा होता है।

सरसंघचालक के मुख्य वक्तव्य :
मोहनराव भागवत – “यह सब प्रशिक्षण क्यों चल रहा है? इसलिए चल रहा है क्योंकि भारत माता की जय सारे विश्व में करानी है। क्यों करानी है? हम विश्व विजेता बनना चाहते हैं क्या? नहीं, हमें विजेता बनने की आकांक्षा नहीं रखते हैं। हमें किसी को जीतना नहीं है। हमें सबको जोड़ना है। संघ का कार्य भी किसी को जीतने के लिए नहीं चलता, जोड़ने के लिए चलता है। भारतवर्ष भी दुनिया में आदिकाल से जीता रहा है तो किसी को जीतने के लिए नहीं, सबको जोड़ने के लिए।“ (नागपुर, तृतीय वर्ष, 6 जून 2022)
मोहनराव भागवत – “हमारे प्राथमिक शिक्षा वर्ग होते है। दो-तीन वर्ष संघ में आने वालों में से चुने हुए स्वयंसेवकों को इस वर्ग में प्रवेश दिया जाता है। प्रति वर्ष हजारों स्वयंसेवक इन वर्गों में आते है। उनकी औसत आयु 30 वर्ष होती है और उनमें भी 90 प्रतिशत 20 से 25 आयु समूह के होते है।“ (लोकसत्ता-आयडिया एक्सचेंज – 22 अक्टूबर 2012)

Topics: Importance of Sangh Shiksha VargBeginning of Sangh Shiksha Vargराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघRashtriya Swayamsevak Sanghसंघ शिक्षा वर्गSangh Shiksha Vargसंघ शिक्षा वर्ग क्या हैसंघ शिक्षा वर्ग का महत्वसंघ शिक्षा वर्ग की शुरुआतWhat is Sangh Shiksha Varg
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत

“सुरक्षा के मामले में हम किसी पर निर्भर ना हों…’’ : सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ @100 : राष्ट्र निर्माण की यात्रा, आपके सहभाग की प्रतीक्षा

वर्ग में उपस्थित प्रशिक्षणार्थी

एक साथ चार प्रशिक्षण वर्ग

RSS Mohan bhagwat Shakti

शक्ति हो तो दुनिया प्रेम की भाषा भी सुनती है – सरसंघचालक डॉ. भागवत

पत्रकार उपेंद्र प्रसाद महला को सम्मानित करते अतिथि

नारद सम्मान से सम्मानित हुए उपेंद्र प्रसाद महला

वर्ग में उपस्थित प्रशिक्षणार्थी

कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय का शुभारंभ

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते प्रशांत भूषण। (बाएं से ) हर्ष मंदर, प्रियाली सुर, कोलिन गोंजाल्विस और रीता मनचंदा

रोहिंग्याओं के रखवाले : झूठ की नाव, हमदर्दी के चप्पू

Ghaziabad Police attacked constable saurabh killed

गाजियाबाद में पुलिस पर हमला: कॉन्स्टेबल सौरभ की गोली लगने से मृत्यु, बदमाश कादिर फरार

Uttarakhand communal violence

उत्तराखंड: बनभूलपुरा में सांप्रदायिक तनाव,  पथराव के बाद भारी फोर्स तैनात

Trukiye president Rechep taiyap erdogan Shahbaz sarif

लो हो गई पुष्टि! तुर्की ने भारत के खिलाफ की थी पाकिस्तान की मदद, धन्यवाद देने इस्तांबुल पहुंचे शहबाज शरीफ

British women arrested with Kush

मानव हड्डियों से बने ड्रग ‘कुश’ की तस्करी करते श्रीलंका में ब्रिटिश महिला गिरफ्तार

वट पूजन पर्व पर लें वृक्ष संरक्षण का संकल्प

सीडीएस  जनरल अनिल चौहान ने रविवार को उत्तरी एवं पश्चिमी कमान मुख्यालयों का दौरा किया।

ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद उभरते खतरों से मुकाबले को सतर्क रहें तीनों सेनाएं : सीडीएस अनिल चौहान 

तेजप्रताप यादव

लालू यादव ने बेटे तेजप्रताप काे पार्टी से 6 साल के लिए किया निष्कासित, परिवार से भी किया दूर

जीवन चंद्र जोशी

कौन हैं जीवन जोशी, पीएम मोदी ने मन की बात में की जिनकी तारीफ

प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग किया।

उत्तराखंड में यूसीसी: 4 माह में  डेढ़ लाख से अधिक और 98% गांवों से आवेदन मिले, सीएम धामी ने दी जानकारी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies