दमोह (मध्य प्रदेश) के गंगा-जमुना स्कूल का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हिजाब में हिंदू बच्चियों का पोस्टर वायरल होने के बाद नया मामला सामने आया है। यहां अब अल्लामा इकबाल के गीत पर विवाद गरमा गया है। बताया जा रहा है कि “लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी, जिंदगी शमा की सूरत हो खुदाया मेरी..” अल्लामा इकबाल का यह गीत दमोह के गंगा जमुना स्कूल की प्रार्थना में भी राष्ट्रगान के साथ शामिल है। स्कूल शुरू होने से पहले जहां राष्ट्रगान होता है और उसके तुरंत बाद अल्लामा इकबाल के इस गीत का गायन छात्राओं द्वारा किया जाता है। इस गीत को लेकर भी हिजाब की तरह ही अनेक प्रकार के आरोप स्कूल पर लग रहे हैं।
इस संबंध में स्कूल प्रबंधक इदरीश खान ने इकबाल का गीत पढ़े जाने को लेकर कहा कि यह एक दुआ है जो बच्चे अपने लिए करते हैं। उन्होंने कहा कि उनका यह स्कूल अल्पसंख्यक कोटे से मान्यता प्राप्त है, जिसमें केवल मजहब विशेष के बच्चे ही पढ़ सकते हैं, लेकिन सभी धर्म के बच्चों को अपने स्कूल में प्रवेश देते हैं। यह स्कूल वर्ष 2010 से दमोह शहर के यशवंत चौराहे के समीप गौरी शंकर मंदिर के सामने संचालित किया जा रहा है। वर्तमान में स्कूल में करीब 1200 बच्चे अध्ययनरत हैं, जिसमें कक्षा नर्सरी से लेकर ग्यारहवीं तक की कक्षाएं संचालित की जा रही है। इस वर्ष कक्षा बारहवीं के नए सत्र की शुरुआत भी की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश
मध्य प्रदेश के दमोह जिले में संचालित गंगा-जमुना हायर सेकेन्ड्री विद्यालय द्वारा अपने पोस्टर में हिंदू लड़कियों को हिजाब में दिखाए जाने के बाद इसका विरोध तेज हो गया है। वहीं इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अब तक की कार्रवाई पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कलेक्टर को हिजाब मामले की जांच सही ढंग से किए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को भोपाल स्थित रविंद्र भवन परिसर में मीडिया से बातचीत में कहा कि दमोह के विद्यालय से जुड़े मामले में जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच के बाद तथ्यों के अनुरूप आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी बेटी को विद्यालय द्वारा बाध्य नहीं किया जा सकता कि वह ऐसी चीज पहने, जो उसकी परंपरा में नहीं है।
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