गंगा-जमुना स्कूल: हिजाब में हिंदू बच्चियों के मामले में मुख्‍यमंत्री ने जताई नाराजगी, दिए जांच के निर्देश

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WEB DESK

भोपाल। मध्य प्रदेश के दमोह जिले में संचालित गंगा-जमुना हायर सेकेन्‍ड्री विद्यालय द्वारा अपने पोस्‍टर में हिंदू लड़कियों को हिजाब में दिखाए जाने के बाद इसका विरोध तेज हो गया है। वहीं इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अब तक की कार्रवाई पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कलेक्टर को हिजाब मामले की जांच सही ढंग से किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को भोपाल स्थित रविंद्र भवन परिसर में मीडिया से बातचीत में कहा कि दमोह के विद्यालय से जुड़े मामले में जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच के बाद तथ्यों के अनुरूप आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी बेटी को विद्यालय द्वारा बाध्य नहीं किया जा सकता कि वह ऐसी चीज पहने, जो उसकी परंपरा में नहीं है।

ऐसे शुरू हुआ विवाद

दमोह में मुस्लिम एजुकेशन सोसायटी द्वारा शहर के फुटेरा वार्ड नंबर-4 गौरी शंकर मंदिर के समीप गंगा जमना हायर सेकेंडरी नाम से स्कूल का संचालित किया जा रहा है। इस स्कूल में विभिन्न समुदायों के बच्चे पढ़ते हैं। हाल ही में प्रदेश में कक्षा 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया। इसके बाद स्कूल की कक्षा दसवीं की टॉपर्स छात्राओं का स्कूल के बाहर एक पोस्टर लगाया गया, जिसमें हिजाब (कपड़ा) बांधे चार हिंदू छात्राओं की फोटो लगी हुई थीं।

सोशल मीडिया पर पोस्टर के वायरल होने के बाद हिंदू संगठनों विशेषकर विश्‍व हिन्‍दू परिषद एवं हिन्‍दू जागरण मंच ने विरोध शुरू कर दिया और स्कूल की मान्यता रद्द करने के लिए कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर राम लल्लन बागरी को सौंपा। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने भी कलेक्‍टर को पत्र भेजकर विभिन्‍न बिन्‍दुओं में जांच कर उसकी जानकारी आयोग को भेजने के निर्देश दिए थे। इसके बाद गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने भी कलेक्टर को जांच के निर्देश दिए। इसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया।

हिन्दू संगठनों द्वारा स्कूल प्रबंधन पर हिन्दू लड़कियों को कन्वर्जन के लिए प्रेरित करने के आरोप लगाए गए थे। इसके बाद कलेक्टर ने मामले को संज्ञान में लिया, लेकिन रात में ही ट्वीट कर उन्होंने स्कूल प्रबंधन को क्लीनचिट दे दी। कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा कि मामले की जांच जिला शिक्षा अधिकारी और इलाके के थाना प्रभारी से कराई गई है। मामला बेबुनियाद है।

पोस्टर मामले में कलेक्टर मयंक अग्रवाल का कहना है कि गृह मंत्री के उपरांत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भी इस मामले में जांच किए जाने के निर्देश दिए हैं। जिसके उपरांत तहसीलदार मोहित जैन, डीपीसी पीके रैकवार एवं पुलिस अधिकारियों की एक टीम गठित कर इसकी जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट आने पर गृहमंत्री एवं मुख्यमंत्री को प्रेषित कर दी जाएगी।

(सौजन्य सिंडिकेट फीड)

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