उच्च रक्तचाप एक गंभीर समस्या है। हमारी गलतियों के कारण ही होता है। इस बीमारी से बचने, स्वस्थ जीवन जीने के लिए कुछ चीजों का ध्यान रखने एवं अपनी दैनिक दिनचर्या को बदलने या सुधारने की जरूरत है।
जैसे-जैसे हम तरक्की करते जा रहे हैं, वैसे-वैसे कई बीमारियां बिन बुलाये हमारे पास आती जा रही हैं। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कोलेस्टेरॉल वृद्धि, हड्डियों में दर्द जैसी समस्याएं अब सामान्य हैं। कोरोना काल के बाद तो जैसे हर घर में ये बीमारियां मिलने लगी हैं। इनमें से उच्च रक्तचाप एक गंभीर समस्या है। हम इसका कारण देखें तो सामान्यत: उच्च रक्तचाप हमारी गलतियों के कारण ही होता है। इस बीमारी से बचने, स्वस्थ जीवन जीने के लिए कुछ चीजों का ध्यान रखने एवं अपनी दैनिक दिनचर्या को बदलने या सुधारने की जरूरत है।
उच्च रक्तचाप धमनियों के माध्यम से रक्त के प्रवाह पर बढ़ते हुए दबाव को कहा जाता है। जिस तरह किसी पाइप या नाली में से एक दबाव से अधिक पानी या तरल पदार्थ नहीं बह सकता, उससे तनाव की स्थिति उत्पन्न होगी। उसी प्रकार हमारी धमनियों में भी रक्त का प्रवाह एक दबाव से ज्यादा नहीं हो सकता। यदि यह बढ़ जाए तो इसका असर मस्तिष्क, हृदय, गुर्दा तथा अन्य अंगों पर पड़ता है।
उच्च रक्तचाप के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से सामान्य कारण निम्न हैं –
- वजन बढ़ना
- बिगड़ी हुई दिनचर्या
- शारीरिक गतिविधियों का अभाव
- धूम्रपान
- शराब का सेवन
- ज्यादा नमक का सेवन
- मानसिक तनाव
- गुर्दे की समस्या
- बीमारी का पारिवारिक इतिहास
यदि किसी व्यक्ति का रक्तचाप बढ़ा हो, तो उसे थकावट तथा तनाव महसूस होना, सिर भारी रहना, सीने में दर्द या भारीपन तथा सांस लेने में कठिनाई महसूस होना सामान्य लक्षण हैं।
उच्च रक्तचाप में उसके बढ़े होने के मूल कारण का पता लगाना ज्यादा जरूरी है। हमारे काम के तनाव, बिगड़ी दिनचर्या, जिसमें ज्यादातर समय हम कम्प्यूटर या मोबाइल के सामने काम करते रहते हैं, के कारण भी मस्तिष्क पर तनाव होता है। इससे बचने के लिए दिन में कम से कम 15 मिनट का समय हमें ध्यान तथा प्राणायाम को देना चाहिए।
खानपान के जरिए बचाव
यदि खानपान की बात करें, तो कुसमय खाना, बैठे रहने (आसीन) की जीवनशैली, खाने में पाश्चात्य तथा पैकेटबंद पदार्थों का ज्यादा सेवन रक्तचाप को बढ़ाएगा या बढ़े हुए रक्तचाप को कम नहीं कर पाएगा। इसलिए अपने खानपान में हमें कुछ चीजों को शामिल करने की ज्यादा जरूरत है। इसमेें रोज खाने में सलाद तथा सब्जियों का सेवन जरूरी है। रोज मौसमी फलों के सेवन का एक समय बांध लें तथा इनका सेवन अनिवार्य रूप से करें। लोगों में फलों के रस का सेवन बढ़ रहा है। इसकी जगह पूरा फल ही खाएं, ये आपकी सेहत के लिए ज्यादा अच्छा है।
उच्च रक्तचाप से ग्रसित व्यक्ति को डैश (DASH – डाइटरी अप्रोच टू स्टॉप हाइपरटेंशन) अपनाने की सलाह दी जाती है। इसका मूल उदेश्य खाने में से प्रतिदिन हो रही सोडियम की खपत को कम करना है। इस खानपान के अंतर्गत सलाद तथा फलों का ज्यादा सेवन करना चाहिए जिसमें पपीता, सेब, अमरूद, तरबूज, जामुन, अनार, संतरा, टमाटर, लौकी, कद्दू, परवल, फलियां इत्यादि आते हैं। हमें अंकुरित तथा मोटे अनाज को भी अपने खानपान में शामिल करना चाहिए। प्रतिदिन 10 से 11 बड़े ग्लास पानी पीना फायदेमंद है।
यदि आपका रक्तचाप बढ़ गया है तो आपको बेकरी की चीजों, ज्यादा नमक व नमकीन पदार्थों, मैदा, जूस, सॉस, अचार, पापड़ जैसी चीजों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। इनमें सोडियम की भी मात्रा ज्यादा होती है तथा शरीर के लिए भी ये हानिकारक ही हैं। परंतु इन सबके साथ व्यायाम भी उतना ही जरूरी है। नियमित रूप से रोजाना व्यायाम या सैर करें।
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