निर्जला एकादशी के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को विश्वप्रसिद्ध जगतपिता ब्रह्मा मंदिर में करीब बीस मिनट तक दर्शन और पूजा-अर्चना की। प्रधानमंत्री के स्वागत को लेकर हेलीपैड से लेकर ब्रह्मा मंदिर तक फूलों से सजावट की गई। प्रधानमंत्री के यात्रा मार्ग को भगवा रंग से रंग दिया गया। ब्रह्मा मंदिर में पूजा-अर्चना के दौरान राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी भी साथ रहे।
प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को अजमेर दौरे पर दोपहर करीब तीन बजे वायुसेना के विमान से किशनगढ़ एयरपोर्ट पहुंचे और यहां से लगभग सवा तीन बजे सेना के हेलीकॉप्टर से पुष्कर के लिए रवाना हुए। किशनगढ़ एयरपोर्ट से रवाना हुए प्रधानमंत्री के तीन हेलीकॉप्टर पुष्कर में जाट विश्राम स्थली के पास निजी खातेदार की भूमि पर बने हेलीपैड पर उतरे। यहां से वे ब्रह्मा मंदिर पहुंचे।
ब्रह्मा मंदिर के पुजारी कृष्ण गोपाल वशिष्ठ ने प्रधानमंत्री के आगमन पर उन्हें द्रविड़ शैली में बनी विशेष फूलों की माला पहना कर स्वागत किया। उन्हें साफा पहनाया गया। पुजारी वशिष्ठ ने जगतपिता ब्रह्मा और माता गायत्री के प्राचीन मंदिर के इतिहास के संबंध में जानकारी दी। इसके बाद षोडशोपचार के जरिए प्रधानमंत्री ने जगतपिता ब्रह्मा मंदिर में पूजा की। इसके बाद उन्होंने जगतपिता ब्रह्मा और वेद माता गायत्री की आरती उतारी। इसके बाद मंदिर के गर्भ गृह में जगतपिता ब्रह्मा और वेद माता गायत्री की प्रदक्षिणा की।
पीएम के स्वागत में ग्रामीण क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ता और कालबेलिया नृत्यांगनाओं ने भाजपा के झंडे हाथ में लेकर जमकर डांस किया। ब्रह्मा मंदिर से 100 मीटर दूर कार्यकर्ता इकट्ठा हुए। हेलीपैड पर सांसद भागीरथ चौधरी, पुष्कर विधायक सुरेश रावत, पालिका अध्यक्ष कमल पाठक और विभिन्न मठों और संप्रदायों से जुड़े संतों ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया।
प्रधानमंत्री मोदी देश के चौथे ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए पुष्कर पहुंचे हैं। देश के पूर्व तीन प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए तीर्थ नगरी पुष्कर पहुंचे और सरोवर पर पूजा अर्चना की। छह फरवरी, 1989 को राजीव गांधी, सात जुलाई, 1993 को पीवी नरसिंह राव और 1996 और 1997 के बीच एचडी देवेगौड़ा प्रधानमंत्री के रूप में पुष्कर आ चुके है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुश्तैनी तीर्थ पुरोहित हर गोपाल पाराशर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परिवार और वे स्वयं भी पुष्कर आकर उनसे पूजा-अर्चना कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हस्ताक्षरयुक्त वंशावली आज भी पंडित हर गोपाल पाराशर की बही में उल्लेखित है।
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