उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में क्या बाघों के शिकारी सक्रिय हैं? यह सवाल कॉर्बेट पार्क में सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई एक बाघिन के शरीर में फंसे तार के फंदे को देखकर उठ रहा है। घायल बाघिन को बेहोश करके इलाज के लिए लाया गया है और सर्जरी करके उसके शरीर से तार को निकाल दिया है।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ धीरज पांडे के अनुसार करीब सात साल की इस बाघिन की सर्जरी सफल रही है। उसके जख्म तेजी से भर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पार्क में लगे सीसीटीवी कैमरों से ये बाघिन ट्रेस की गई थी और उसके बाद चिकित्सकों के एक दल के साथ बाघिन को बेहोश करके उसे ढेला वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर में इलाज के लिए लाया गया था, बाघिन अब पर्याप्त भोजन भी ले रही है जैसे ही इसके घाव भर जाएंगे। इसे वापस जंगल में छोड़ दिया जाएगा।
उत्तराखंड के फॉरेस्ट चीफ अनूप मलिक से जब ये पूछा गया कि क्या कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पोचर्स की सक्रिय होने की वजह से बाघिन की ये हालत हुई है? इस पर उन्होंने कहा कि इस बारे में जांच के आदेश दिए जा चुके हैं। पार्क में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला जा रहा है।
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