जेठ हलाला कर चुका, ससुर-ननदोई भी जुल्म पर आमादा, बरेली की तीन तलाक पीड़िता का दर्द

निकाह के तुरंत बाद ससुरालियों ने किए जुल्म, बेल्ट से चमड़ी उधेड़ी, बाल पकड़कर घसीटा, ढाई महीने बाद ही तलाक देकर शौहर ने भाई से कराया हलाल, दूसरों से भी हैवानियत कराने को दबाव

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विशेष संवाददाता

बरेली। यूपी के बरेली में हलाला के नाम पर हैवानियत से परेशान मुस्लिम युवती ने पुलिस से इंसाफ की गुहार लगाई है। युवती का कहना है कि शौहर ने निकाह के तीन माह बाद ही उसे तीन तलाक देकर पहले जेठ से उसका हलाला कराया और उसके बाद ससुर-ननदोई के साथ भी हलाला का दबाव बनाया।  विरोध पर अमानवीय यातनाएं दीं गईं। हलाला की आड़ में जुल्म से बचने को उसे नंगे पैर ससुराल से भागना पड़ा।

ट्रिपल तलाक और हलाला के खिलाफ कानून का दरवाजा खटखटाने वाली यास्मीन (परिवर्तित नाम) बरेली के थाना बारादरी इलाके की रहने वाली है। पीड़िता के मुताबिक, इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रही थी तो घरवालों ने उसकी शादी करा दी थी। 8 फरवरी 2023 का दिन था, जब वह निकाह के बाद बरेली में कोहाड़ापीर स्थित सुसराल पहुंची थी। उसे बताया गया था कि शौहर सऊदी अरब में नौकरी करता है मगर शादी के बाद कभी नौकरी पर नहीं गया। मायकेवालों की माली हालत ठीक नहीं थी। जैसे-तैसे कर्ज लेकर उसकी शादी की गई थी मगर ससुराल पहुंचने के चार दिन बाद ही दहेज मांगा जाने लगा। 2 लाख रुपये कैश और बुलेट की डिमांड होने लगी। मांग पूरी न हुई तो बदले में उस पर जुल्म होने लगे। ससुराल में होने की वजह से वह पेपर नहीं दे सकी और पढ़ाई छूट गई। हाथों से मेंहदी नहीं उतरी थी कि ससुरालियों ने दहेज के नाम पर उसे टार्चर करना शुरू कर दिया। उत्पीड़न की शुरुआत गाली-गलौज से हुई और फिर लात-घूंसे, थप्पड़, बेल्टों की मार रोज की बात हो गई। शौहर जब चाहे बेल्ट बरसाकर उसकी चमड़ी उधेड़ देता था और बाल पकड़कर घसीटता था। जुल्म कभी तो कम होगा, यह सोचकर वह अमानवीय यातनाएं झेलती रही।

पीड़िता के मुताबिक, जब वह हाथ जोड़कर गिड़गिडाती थी तो शौहर और ज्यादा मार लगाता था। हफ्ते-महीने यही सब उसके साथ चलता रहा। ढाई महीने बाद यानी 28 अप्रैल को ससुरालियों ने उसके साथ फिर मारपीट की। इसके बाद शौहर ने उसे तीन तलाक दे दिया। विरोध किया तो उसे फिर पीटा गया। उससे कहा गया कि अब हलाला करना पड़ेगा। उसके बाद ही पत्नी का बन सकेगी वरना तीन तलाक ही मानना पड़ेगा। युवती ने बताया कि दिन में पति ने तीन तलाक दिया और उसी रात उस पर हलाला का दबाव बनाया गया। रात में जेठ उसके कमरे में घुस आया। पति और ससुर दरवाजे पर खड़े रहे। हलाला के नाम पर जेठ ने उसके साथ रेप किया। जेठ हैवानियत करता रहा और ससुर तमाशा देखता रहा। हलाला के बाद भी पति ने उसे नहीं अपनाया। उसे धमकाया गया कि अगर बीवी बनना है तो परिवार के बाकी सदस्यों के साथ भी हलाला करना पड़ेगा या घर छोड़कर जाना होगा। 10 मई की रात उसके साथ ससुर ने हलाला का प्रयास किया। 11 मई की रात जेठ ने उसके साथ फिर हैवानियत करनी चाही। उसके साथ और बड़ी अनहोनी हो सकती थी। यह सोचकर वह नंगे पैर ससुराल से किसी तरह निकलकर 4 किमी दूर अपने मायके आ गई। पति और जेठ ने उसका पीछा भी किया मगर राहगीरों की मदद से वह बच गई। इसके बाद ससुरालियों ने पंचायत बुलाकर उसे और मायके वालों को बेइज्जत किया। शौहर ने खुलेआम कह दिया कि तीन तलाक कानून को वह नहीं मानता। तलाक दिया है तो अब हलाला करना ही पड़ेगा। इसके बाद ससुरालियों ने 24 मई को उसकी हत्या का षड्यंत्र रचा मगर किसी तरह उसकी जान बच गई।

पीड़िता कहती है कि उसके साथ जो कुछ हुआ, उसे मां और बहन को भी बताने में शर्म आती है। इतना पीटा गया कि शरीर नीला पड़ गया। हिन्दू समाज के बारे में सुना है कि वहां ऐसा कुछ नहीं होता। वह हिन्दू होती तो यह सब नहीं झेलना पड़ता। अब कानूनी लड़ाई लड़ूंगी और जुल्मी शौहर और उसके घरवालों को सजा दिलाऊंगी। बता दें कि हलाला पर बहस के बीच देश में 19 सितंबर 2018 से तीन तलाक के खिलाफ कानून लागू है। मौखिक, लिखित या किसी भी अन्य तरीके से पति अगर एक बार में पत्नी को तीन तलाक देता है तो वह अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे में मामले में पीड़िता खुद या उसके मायके पक्ष के लोग तुरंत एफआईआर करा सकते हैं। तीन तलाक के केस में पति को तीन साल तक की कैद और जुर्माना दोनों हो सकता है।

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