मध्य प्रदेश के कटनी जिले में मिशनरी संस्था द्वारा नाबालिग बच्चों को मतांतरण के लिए प्रेरित करने का मामला सामने आया है। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो द्वारा सोमवार को मिशनरी संस्था के निरीक्षण में यह बात सामने आई है, जिसकी शिकायत पुलिस से की गई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
दरअसल, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो सोमवार को अल्प प्रवास पर कटनी पहुंचे थे। उन्होंने यहां झिंझरी में संचालित एक बाल आश्रय गृह का निरीक्षण किया, जहां बच्चों ने आयोग अध्यक्ष से शिकायत दर्ज कराते हुए कार्रवाई की मांग की।
आयोग के अध्यक्ष कानूनगो ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि मिशनरी संस्था बच्चों को मतांतरण के लिए प्रेरित करती थी, जिसमें विभागीय अधिकारी भी शामिल थे। संस्था को विदेशी फंडिंग भी की जा रही है। जिले के झिंझरी इलाके की मिशनरी संस्था है, जहां चार नाबालिग बच्चों को परेशान किया जाता था। फिलहाल मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने कटनी में ही रूककर जांच में शामिल होने की बात कही है। प्रियांक कानूनगो ने ट्वीट कर बताया कि देर रात तक पुलिस थाने में बैठकर बाल गृह संचालक जेरल्ड अलमेडा और अन्य आरोपियों के विरुद्ध किशोर न्याय अधिनियम व मध्य प्रदेश धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करवाया। गड़बड़ी में शामिल सरकारी कर्मचारियों के नाम भी एफआईआर में शामिल कराए गए हैं।
इस संबंध में डीएसपी अजाक रितेश कुमार शिव ने बताया कि मामले की शिकायत आई है और बच्चों की दी गई जानकारी के आधार पर जांच की जा रही है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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