जबलपुर। मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और मध्य प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने संयुक्त रूप से शुक्रवार की देर रात से शनिवार दोपहर तक जमात-उल-मुजाहिदीन, बांग्लादेश (जेएमबी) की टेरर फंडिंग और आईएसआईएस से जुड़े एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। पकड़े गए तीन आरोपितों को शुक्रवार शाम भोपाल में एनआईए की विशेष कोर्ट में पेश किया गया। जहां से कोर्ट ने सैयद ममूर अली, मोहम्मद आदिल खान और मोहम्मद शाहिद को सात दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया है।
एनआईए-एटीएस ने 13 स्थानों पर मारे थे छापे
दिल्ली और भोपाल से जबलपुर पहुंची एनआईए की टीम ने जबलपुर के ओमती, आधारताल, सिविल लाइंस समेत शहर में 13 इलाकों में छापे मारे। प्रतिबंधित संगठन सिमी का गढ़ रहा गोहलपुर भी छापों का केंद्रबिंदु था। यह छापा, हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक, मकसूद कबाड़ी और उल्लाह अंसारी के ठिकानों पर मारा गया। अब्दुल रज्जाक के आवास से दो वर्ष पूर्व 2021 में अवैध हथियार मिल चुके हैं, जबकि केरल पुलिस अब्दुल रज्जाक के दामाद के संभावित आतंकवादी कनेक्शन की जांच कर रही है। उसका बेटा सरताज कथित तौर पर अवैध हथियारों की जब्ती के बाद से विदेश भाग गया। तलाशी के दौरान भारी मात्रा में धारदार हथियार, गोला-बारूद, आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए थे ।
करते थे आईएसआईएस के लिए काम
एनआईए ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील ए. उस्मानी को हिरासत में लिया है। सिविल लाइन इलाके के सुप्रीम प्लाजा अपार्टमेंट से भी दो लोगों को हिरासत में लिए जाने की जानकारी मिली है। एनआईए ने सिविल लाइंस इलाके के सुप्रीम प्लाजा अपार्टमेंट में रहने वाले एडवोकेट नईम खान को नोटिस देकर भोपाल बुलाया है। वे अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम के मामले में पैरवी कर चुके हैं। इस पूरे मामले में अब तक छह लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद तीन लोगों को मुख्य आरोपी बनाया गया। सैयद मामूर अली, मोहम्मद आदिल खान और मोहम्मद शाहिद का आईएसआईएस के लिए काम करने की बात सामने आई। इस तरह से यह एक आईएसआईएस के आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है।
डिजिटल उपकरण, धारदार हथियार, गोला-बारूद और आपत्तिजनक दस्तावेज
सूत्रों से जानकारी लगी है कि एनआईए और एटीएस की संयुक्त तलाशी में आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण, भारी मात्रा में धारदार हथियार, गोला-बारूद की भी जब्ती की गई है। एनआईए की कार्रवाई आतंकी फंडिंग के कनेक्शन की आशंका पर आधारित थी, लेकिन छापे के दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी को बहुत कुछ अपत्तिजनक सामग्री मिल चुकी है ।
स्थानीय स्तर पर संगठन खड़ाकर जिहाद की रच रहे थे साजिश
आदिल खान की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के बाद अन्य दो लड़कों की गिरफ्तारी हो सकी। आदिल और उसके सहयोगियों पर सोशल मीडिया तथा दावा कार्यक्रमों के जरिए आईएसआईएस के प्रोपेगेंडा की बात सामने आ रही है। आदिल की योजना स्थानीय स्तर पर एक संगठन बनाकर इस्लाम के समर्थन में जिहाद करने की थी। अपनी बात को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए आदिल सोशल मीडिया पर कई चैनल भी चला चुका था। वह इन्हीं चैनल के माध्यम से युवाओं को आईएसआईएस से जुड़ने के लिए प्रेरित करता था। इसलिए आईएसआईएस से जुड़ी गतिविधियों को लेकर आदिल खान लम्बे समय से एनआईए की राडार पर था।
पाकिस्तान में आतंकियों से करते थे बात
इनका एक साथी शाहिद अवैध रूप से हथियार हासिल करने की कोशिश कर रहा था। वह पिस्टल, आईईडी और ग्रेनेड वह प्राप्त करना चाहता था, जिससे भारत के खिलाफ हिंसक वारदातों को अंजाम दे सके। सैयद मामूर अली ने फिसबिलिल्लाह नाम का एक व्हाट्सग्रुप बनाया था, जिसमें तमाम संदिग्ध आतंकी जुड़े हुए थे और जिनकी बात पकिस्तान के लोगों से भी होती थी। फिलहाल ये सभी आरोपित गोला-बारूद और हथियार खरीदने की साजिश में लगे हुए थे।
बैठकें स्थानीय मस्जिदों और घरों में करते थे
एनआईए की जांच में पता चला कि तीनों आरोपी आईएसआईएस के लिए फंड इकट्ठा करने, हथियार जमा करने और युवाओं का ब्रेन वॉश कर उन्हें अपने समूह में जोड़ने का काम कर रहे थे। इस मॉड्यूल से जुड़े लोगों का मुख्य उद्देश्य भारत की शांति को भंग करना और किसी भी तरह से हिंसा फैलाना पाया गया है। एनआईए की ओर से जारी बयान के मुताबिक मॉड्यूल की बैठकें स्थानीय मस्जिदों और घरों में होती थीं। यहीं से आतंकी गतिविधियों की योजना बनाई जाती थी।
यूपी से मिले इनपुट के आधार पर हुई जबलपुर में कार्रवाई
एनआईए ने बांग्लादेश के प्रतिबंधित संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन, बांग्लादेश (जेएमबी) से जुड़े भोपाल टेरर फंडिंग मामले में 25 मई को उत्तर प्रदेश में दो जगह छापेमारी की थी। उसके बाद जो इनपुट मिला उसके आधार पर यह जबलपुर में रेड की गई। एनआईए ने अपनी यूपी की रेड में जेएमबी के 10 आतंकियों को गिरफ्तार किया था, जांच में जिसमें छह का बांग्लादेशी नागरिक होना पाया गया। ये सभी अवैध रूप से भारत में घुसे थे और अपने सहयोगियों की मदद से जाली पहचान पत्र इनके तैयार कर दिए गए थे।
इतने राज्यों में बना लिया था मजबूत नेटवर्क
एनआईए ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी 10 आरोपित भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करना चाहते थे। इन लोगों ने जिहाद करने के लिए कमजोर भारतीय मुस्लिम युवाओं को अपना प्रमुख हथियार बना लिया था। उन्होंने मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल और असम सहित विभिन्न राज्यों में मजबूत नेटवर्क बना लिया था। जिसे हर हाल में तोड़ना देशहित में जरूरी था। अब इस ताजा धड़पकड़ से उम्मीद जताई जा रही है कि एनआईए को सक्रिय आतंकी फंडिंग नेटवर्क को और खत्म करने में मदद मिलेगी।
टिप्पणियाँ