रांची : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 165 एकड़ में फैले झारखंड हाईकोर्ट के नए भवन का रिमोट दबाकर उद्घाटन किया। इस दौरान कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी मौजूद रहे। जहां उन्होंने हिन्दी में भाषण दिया। जिसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने उनकी तारीफ भी की।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने हिंदी में दिए भाषण में कहा कि मुझे उम्मीद है कि आप मुझे रांची लौट आने का अवसर देंगे। नमस्ते जोहार, इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि न्याय तक पहुंचने का एक और पहलु भाषा होती है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सीजेआई के हिंदी में भाषण देने की सराहना की, इसी के साथ उन्होंने हिंदी भाषा पर बल देते हुए कहा कि, इस उदाहरण अन्य जज भी पालन करेंगे ऐसी मैं उम्मीद करती हूं ।
राष्ट्रपति ने सीजेआई की तारीफ करते हुए, कहा कि मैं भाषा की बात करती हूं, लेकिन अंग्रेजी में बोल रही हूं। मैं सीजेआई को धन्यवाद देती हूं, क्योंकि उन्होंने आज पूरा भाषण हिंदी में दिया है। इस दौरान सीजेआई ने जहां हिंदी में अपनी स्पीच दी, वहीं उन्होंने न्यायिक सिस्टम को लेकर बोला कि समय पर सुनवाई होनी चाहिए। फैसला भी तुरंत सुनाया जाना चाहिए। अदालत में स्वच्छता और साफ-सफाई का ध्यान जरूर दिया जाना चाहिए।
नए भवन के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने हिंदी में भाषण देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट अपना काम अंग्रेजी में करता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि देश के 6.4 लाख गांवों के लोगों तक पहुंचने के लिए हमें अंग्रेजी में दिए गए आदेशों को उनकी आधिकारिक भाषाओं में अनुवाद करके दे सकते हैं।
इसी के साथ उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए निर्णयों का अनुवाद करने की व्यवस्था शुरू कर दी है। सीजेआई के मुताबिक अभी तक 6 हजार से ज्यादा आदेशों को हिंदी में ट्रांसलेट किया जा चुका है।
चीफ जस्टिस ने कोर्ट में लंबित मामलों पर भी चिंता जाहिर करने के साथ इस बात पर जोर दिया कि जिला अदालतों को सक्षम और सशक्त बनाने के साथ-साथ उन्हें समानता का अधिकार दिलाना बेहद अहम है।
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