जेनेवा में चल रही WHO की सालाना आम सभा में महानिदेशक डॉ. तेद्रोस ने नए वायरस से होने वाली एक जानलेवा बीमारी की तरफ संकेत किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना से भी ज्यादा मारक इस महामारी से 2 करोड़ लोगों के जान गंवाने का खतरा है।
WHO के महासचिव के इस बयान के बाद, दुनिया भर के डाक्टर, वैज्ञानिक ही नहीं, बल्कि आम लोग भी चिंता में पड़ गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख डॉ. तेद्रोस की चेतावनी है कि और बस भूलकर इस आसन्न संकट से कैसे निपटना है, इसकी चिंता करने का यही वक्त है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की सालाना आम सभा में दुनिया के अनेक देश जुटे हैं और यह 30 मई तक चलने वाली है। लेकिन कल इसके एक सत्र में डॉ. तेद्रोस ने एक गंभीर मुद्दा उठाते हुए एक नए वायरस के फैलने की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि विश्व को एक ऐसे वायरस के खतरे के प्रति चौकन्ना रहना होगा जो कोविड से भी ज्यादा मारक होगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख के अनुसार, इस नए वायरस से जो महामारी फैलेगी उसमें कम से कम नहीं तो 2 करोड़ लोगों के मारे जाने की संभावना जताई जा रही है। यहां ध्यान दें कि पिछले दिनों विश्व स्वास्थ्य संगठन ने घोषणा की थी कि कोविड-19 की महामारी अब कोई खतरा नहीं रही है।
समाचार पत्र ‘द इंडिपेंडेंट’ की इस संबंध में प्रकाशित रिपोर्ट बताती है कि, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख के अनुसार, इस नए वायरस से जो महामारी फैलेगी उसमें कम से कम नहीं तो 2 करोड़ लोगों के मारे जाने की संभावना जताई जा रही है। यहां ध्यान दें कि पिछले दिनों विश्व स्वास्थ्य संगठन ने घोषणा की थी कि कोविड-19 की महामारी अब कोई खतरा नहीं रही है।
डॉ. तेद्रोस ने आमसभा में कहा कि यही वक्त है जब हमें इस बारे में चर्चा करनी शुरू करनी होगी कि आसन्न महामारी को कैसे रोकें। स्विट्जरलैंड के जेनेवा से आई विश्व स्वास्थ्य संगठन की यह चेतावनी दुनिया भर के मीडिया की सुर्खी बनी है।
डॉ. तेद्रोस के अनुसार, अब कोविड नहीं तो इसके बाद एक अन्य प्रकार की महामारी का खतरा पैदा हो सकता है। हो सकता है ये कोविड से भी जानलेवा हो। उन्होंने चेतावनी दोहराते हुए कहा कि विश्व अपनी तैयारी रखे, नहीं तो अचानक ऐसा खतरा आन खड़ा होगा कि मुश्किल पैदा हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ऐसी नौ प्राथमिक बीमारियों की पहचान की है, जिनसे जनता के स्वास्थ्य को बहुत ज्यादा खतरा है। ब्रिटेन के अखबार डेली मेल की रिपोर्ट है कि इलाज की कमी अथवा बीमारियों के महामारी पैदा कर सकने की क्षमता की वजह से उन्हें सबसे ज्यादा खतरनाक माना गया। डॉ. तेद्रोस ने संकेत में कहा कि जब कोरोना शुरू हुआ था तब दुनिया इसके लिए तैयार नहीं थी।
उनके अनुसार, गत तीन वर्ष में कोविड ने दुनिया को एकदम बदल डाला है। कोरोना महामारी से अंदाजन 70 लाख लोगों की मौत हुई थी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम ही जरूरी बदलाव नहीं लाएंगे तो कौन लाएगा? एक नई महामारी दरवाजे पर खड़ी है। ये आकर रहेगी। इसलिए अभी से इस दिशा में मिलकर चर्चा करके तैयारी करना ही उचित होगा।
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