कभी कन्या भ्रूणहत्या व बेटियों को घरों की चौखट तक कैद करने के लिए जाना गया हरियाणा अब बदल रहा है
कभी कन्या भ्रूणहत्या व बेटियों को घरों की चौखट तक कैद करने के लिए जाना गया हरियाणा अब बदल रहा है। सेल्फी विद डॉटर जैसे अभियान चलाकर हरियाणा में बांगर की धरती का युवा सुनील जागलान जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा का पात्र बना है, वहीं इसी धरती के उत्साही नौजवानों ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए हुसैनीवाला बॉर्डर पर बने शहीद स्मारक की ज्योति को देसी घी से जलाने का प्रण लिया है। इस प्रण को पूरा करने के लिए गांव-गांव में दायित्व सौंपा जा रहा है।
हरियाणा के कैथल जिले के गांव हरसौला के नौजवान इस ज्योति की रक्षा के लिए बाकायदा हुसैनीवाला बार्डर पर सेवाएं दे रहे हैं। हरसौला निवासी शीशपाल हर घर से देसी घी लेकर हुसैनीवाला के भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर स्थित बलिदानी सरदार भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के स्मारक पर पहुंचते हैं, जहां इस घी से 24 घंटे ज्योति जलाई जा रही है।
शीशपाल आर्य बताते हैं कि उन्होंने गांव में जनता सरकार मोर्चा बनाया है। पिछले साल मोर्चे के कार्यकर्ता अक्षय नरवाल के नेतृत्व में कुछ व्यक्ति हुसैनीवाला बॉर्डर गए थे और उन्होंने पाया कि बलिदानियों के सम्मान में पेट्रोलियम पदार्थ यानी एलपीजी से ज्योति जलाई जा रही है। उसी दिन से इन लोगों ने यहां एक संकल्प लिया था कि बलिदानियों के सम्मान में देसी घी से ज्योति जलाएंगे और वह घी किसी व्यक्ति विशेष या एक गांव विशेष का नहीं, बल्कि छत्तीस बिरादरी के घरों का होगा। सोचने में यह कार्य जितना आसान था, करने में उतना ही कठिन था क्योंकि यह कार्य एक या दो दिन के लिए नहीं करना था, इसे सतत चलाना था।
हरसौला निवासी शीशपाल हर घर से देसी घी लेकर हुसैनीवाला के भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर स्थित बलिदानी सरदार भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के स्मारक पर पहुंचते हैं, जहां इस घी से 24 घंटे ज्योति जलाई जा रही है।
इसके लिए उन्होंने गांव में समान विचारधारा के लोगों को एकत्र किया। इसके बाद उन्होंने गांव-गांव, घर-घर जाकर बलिदानियों के स्मारक की ज्योति के लिए दो-दो चम्मच घी एकत्र करना शुरू किया। उनकी टीम के सदस्य हरियाणा से 12 क्विंटल देसी घी एकत्र कर फिरोजपुर स्थित हुसैनीवाला बॉर्डर पहुंचे।
शीशपाल के अनुसार टीम के सदस्यों की बाकायदा ड्यूटी लगाई जा रही है। उनकी यह जिम्मेदारी होगी कि वे हर समय ज्योति का ख्याल रखें और किसी भी स्थिति में इसे बुझने न दें। जब घी खत्म हो जाएगा, तो फिर से हरियाणा से एकत्र कर लाया जाएगा। इसकी तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है।
सेना का समर्थन
हरियाणा के नौजवानों के इस प्रयास का सेना भी समर्थन कर रही है। कैथल की टीम सेना के जवानों के सहयोग से अमर जवान ज्योति में देसी घी डाल रही है। हरियाणा के निवासियों के उत्साह को देखते हुए सेना की सिफारिश पर कृषि विभाग ने उन्हें हुसैनीवाला बॉर्डर पर एक कमरा दे रखा है जहां ज्योति के लिए घी को जमा करके रखा गया है और ज्योति में घी डालने की जिम्मेदारी संभालने वाले लोग ठहरते हैं।
इन नौजवानों ने उठाया यह बीड़ा
शीशपाल ने बताया कि जिन बलिदानियों की वजह से हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं, उनके स्मारक पर गैस से ज्योति जलना उन्हें गवारा नहीं है। हरियाणा की संस्कृति में बलिदानियों का सबसे अधिक सम्मान किया जाता है। इसलिए जनता सरकार मोर्चा के सदस्य सुनील शर्मा, रविंद्र भारतीय, गौरव आर्य, कविता गोयत, सतबीर पहलवान, अक्षय नरवाल, मनु अंबाला, शीशपाल आर्य हरसौला (कैथल), नरेंद्र विद्यार्थी, डॉ. देवेंद्र बल्हारा, इकबाल सिंह, सुखचरण प्रधान, अनिल मलिक, विनोद धनौरी, राजन नरवाना, जीत धनाना, वीरा, कृश, अमरिंदर, अपर्णा पुरी, राजेश झोरड़ा, कश्मीर संडील व अमित ने मिलकर बलिदानियों की समाधि पर देसी घी से ज्योति जलाने का संकल्प लिया है।
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