सुविचार: वेदव्यास

शुभ कर्म से सुख तथा पाप कर्म से दु:ख प्राप्त होता है

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WEB DESK

शुभेन कर्मणा सौख्यं दु:खं पापेन कर्मणा।

कृतं फलति सर्वत्र नाकृतं भुज्यते क्वचित्।।

शुभ कर्म से सुख तथा पाप कर्म से दु:ख प्राप्त होता है, सर्वत्र कर्म ही फल देता है। बिना किए हुए कर्म का फल कहीं नहीं भोगा जाता।

 

 

 

-वेदव्यास

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