दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के छह सदस्यों के नए सिरे से चुनाव कराने के दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय के फैसले को निरस्त कर दिया है। हाई कोर्ट ने शैली ओबेरॉय को 24 फरवरी को हुए मतदान के मुताबिक ही चुनाव परिणाम घोषित करने को कहा। जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव की बेंच ने ओबरॉय की ओर से खारिज किये गए बैलट को भी गिनती में शामिल करने का निर्देश दिया।
25 फरवरी को कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव पर अंतरिम रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि नगर निगम के मेयर ने पूर्व के चुनाव परिणाम की घोषणा किए बिना ही नए चुनाव की तिथि की घोषणा कर नियमों का उल्लंघन किया है। भाजपा पार्षद शिखा रॉय और कमलजीत सहरावत ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में मेयर शैली ओबेरॉय द्वारा एक वोट अवैध घोषित किए जाने को चुनौती दी थी।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने वकील राहुल मेहरा से पूछा था कि क्या नियम के मुताबिक मेयर के पास फिर से चुनाव कराने का आदेश देने की शक्ति है। मेयर की ओर से पेश वकील ने कहा था कि मेयर निर्वाचन अधिकारी होता है और उसका फैसला अंतिम होता है।
भाजपा पार्षदों की ओर से वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने सुझाव देते हुए कहा था कि अदालत फुटेज और मतपत्र देखकर निर्णय कर सकती है। उन्होंने कहा था कि मेयर वोटों की गिनती नहीं रोक सकते। कुछ मतों की गिनती हो चुकी है लेकिन अब वे पुनर्मतदान चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि मतगणना प्रक्रिया से असहमत होने का अधिकार मेयर के पास नहीं है।
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