कॉर्बेट सिटी रामनगर में कोसी नदी किनारे हजारों की संख्या में लोगों को वन विभाग की तरफ से मुनादी कर कहा गया है कि वो दो सप्ताह में ये सरकारी जगह खाली कर दें। फॉरेस्ट महकमे का कहना है कि ये सरकारी जमीन है। इस पर अवैध रूप से बसे लोगों को खुद हटना होगा, अन्यथा उन्हें कानून के तहत बल पूर्वक हटाना होगा। पूचड़ी, कालू सिद्ध, नई बस्ती क्षेत्र में नदी श्रेणी की जमीन पर हजारों की संख्या में लोगों के द्वारा अवैध बसावट कर ली गई है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सरकार अपनी जमीन खाली करवाएगी। इसलिए लोग खुद ही ये जमीन छोड़कर चले जाएं।
रामनगर कोसी नदी किनारे ज्यादातर लेबर रहते हैं, जो नदी में खनन का काम रहते हैं, जहां-जहां भी खनन होता है, लेबर को अस्थाई झोपड़ी बनाने की अनुमति होती है। बरसात आने पर नदी का खनन बंद हो जाता है और लेबर अपने गांव लौट जाते हैं। ये प्रथा उत्तराखंड राज्य बनने के 5-6 सालों तक चलती रही, किंतु बाद में लेबर ने यहीं स्थाई अड्डे जमा लिए और अब ये अतिक्रमण सरकार के लिए जनसंख्या असंतुलन की एक बड़ी वजह बन गया है।
वन विभाग के नोडल अधिकारी डॉ पराग धकाते का कहना है कि खनन करने की जिम्मदारी निगमों को दी जाती है, जिसमें ये शर्त भी शामिल रहती है कि वो वन नदी क्षेत्र में किसी भी तरह का स्थाई निर्माण नहीं होने देंगे। किंतु ऐसा नहीं हुआ। मजबूरन सरकार को अपनी जगह खाली करवाने के लिए ये अभियान शुरू करना पड़ा है।
उधर कांग्रेस के नेता पूर्व ब्लाक प्रमुख संजय नेगी ने सरकार के इस अभियान का विरोध करते हुए कहा है कि धामी सरकार पहले इन गरीबों के रहने के लिए उपाय करे, तभी इन्हें यहां से हटाए। वामपंथी संगठन के नेता प्रभात ध्यानी ने कहा है कि हम प्रभावित परिवारों के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। उत्तराखंड की धामी सरकार के जमीन जिहाद के खिलाफ अभियान के शुरू होते ही बाहरी शहरों से आए टूल किट्स भी नदी किनारे अपने कैमरे चलाते देखे गए हैं, ये लोग धामी सरकार को गैर हिंदू विरोधी बता रहे हैं। जबकि हकीकत ये है कि अवैध कब्जेदारों में हिंदू-मुस्लिम सभी वर्गों के लोग शामिल हैं।
हल्द्वानी में वन विभाग ने दिया नोटिस
एचएन स्कूल को वन विभाग ने लीज पर स्कूल मैदान बनाने के लिए करीब 12 एकड़ जमीन दी थी, जिसमें से कुछ जमीन पर स्कूल प्रबंधकों ने दुकानें बनवा दी थी। अब ये लीज खत्म हो गई है, जिस पर वन विभाग ने सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग का हवाला देते हुए उक्त स्थान को अपने कब्जे में लेना शुरू कर दिया है। करीब 8 एकड़ जमीन वापस लेकर तारबाड़ कर दी गई है। 48 दुकानदारों को वन विभाग ने दो हफ्ते में स्थान छोड़ने का नोटिस जारी कर दिया है। बताया जाता है कि इन दुकानों की जमीन की कीमत करोड़ों में आंकी गई है।
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