मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश के बुजुर्गों को हवाई जहाज से तीर्थयात्रा कराने का संकल्प लिया था। आज का दिन एक संकल्प पूरा होने और सपने के साकार होने का दिन है। उन्होंने कहा कि मनुष्य, भौतिक प्रगति के साथ आध्यात्मिक शांति चाहता है। भारत धर्म प्रधान देश है, भक्ति मार्ग में तीर्थ-यात्रा को प्रभु दर्शन का प्रभावी मार्ग माना गया है। हमारे बुजुर्ग बिना कष्ट के कम समय में तीर्थ कर’ आध्यात्मिक शांति प्राप्त कर सकें इस उद्देश्य से विमान से तीर्थ-यात्रा शुरू की गई है। वर्तमान में विमान से मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में एक परिवार से एक सदस्य तीर्थयात्रा पर जा सकता है। अगली यात्रा से एक परिवार से एक से अधिक सदस्यों की तीर्थयात्रा पर जाने की व्यवस्था की जाएगी, इससे बुजुर्ग अपने जीवनसाथी के साथ तीर्थ का पुण्य प्राप्त कर सकेंगे। रेल और विमान से मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा लगातार जारी रहेगी।
मुख्यमंत्री चौहान रविवार को भोपाल के राजा भोज विमानतल से मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में विमान से यात्रा के शुभारंभ पर तीर्थ-यात्रियों से संवाद कर रहे थे। उन्होंने विमान से तीर्थ-दर्शन कराने की योजना का शुभारंभ दीप जला कर किया। मध्य प्रदेश गरीब बुजुर्ग तीर्थ यात्रियों को हवाई यात्रा कराने वाला देश का पहला राज्य है। विमान से प्रयागराज जाने वाली पहली तीर्थयात्रा में 32 बुजुर्ग तीर्थ यात्री शामिल हुए, जिसमें 24 पुरुष और 8 महिला तीर्थ यात्री शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने शॉल-श्रीफल भेंट कर और फूलों की माला पहना कर बुजुर्ग तीर्थ-यात्रियों का अभिवादन कर स्वागत किया। तीर्थ यात्री कृष्णा चौबे को प्रतीक स्वरूप बोर्डिंग पास की प्रतिकृति प्रदान की। मुख्यमंत्री ने बुजुर्गों से आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने स्मृतियों को सहेजने बुजुर्ग तीर्थ-यात्रियों के साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाया और ढोल-ढमाकों एवं धर्म ध्वजा के साथ तीर्थ-यात्रियों को विमानतल में प्रवेश कराया। मुख्यमंत्री ने बुजुर्गों को प्रयागराज की तीर्थयात्रा पर ले जा रही इंडिगो की नियमित फ्लाइट को विमानतल से रवाना किया। विमान से प्रयागराज जा रहे भाव-विभोर बुजुर्गों ने मुख्यमंत्री को आशीर्वाद प्रदान किया।
भगवान की भक्ति में डूबने की अनुभूति प्रदान करती है तीर्थयात्रा
मुख्यमंत्री ने कहा कि माता-पिता के समान हमारे बुजुर्ग आज तीर्थयात्रा पर विमान से रवाना हो रहे हैं। माना गया है कि राम नाम से मुख, ब्रह्म ज्ञान से हृदय, तीर्थ जाने से चरण और दान-पुण्य करने से हाथ पवित्र होते हैं। भारतीय संस्कृति में तीर्थ का बहुत महत्व है। भगवत प्राप्ति के तीन मार्ग क्रमश: भक्ति मार्ग, ज्ञान मार्ग और कर्म मार्ग बताए गए हैं। भगवान की भक्ति में डूबना ही भक्ति मार्ग है, तीर्थयात्रा यही अनुभूति प्रदान करती है। प्रदेश के बुजुर्गों को आध्यात्मिक शांति और आनंद की अनुभूति कराने के लिए ही गंगा-यमुना-सरस्वती नदियों का संगम स्थल तीर्थराज-प्रयागराज की यात्रा पर विमान से भेजा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि हमारी सरकार ने ऐसी व्यवस्था कर दी है, जिससे हवाई चप्पल पहनने वाले भी हवाई यात्रा कर सकेंगे। मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में विमान से तीर्थ-यात्रा की व्यवस्था करना प्रधानमंत्री मोदी की सोच को साकार करने का प्रयास है। यह यात्राएँ लगातार जारी रहेंगी। उन्होंने बताया कि योजना में अब तक 7 लाख 82 हजार बुजुर्ग रेल से तीर्थयात्रा कर चुके हैं। विमान से तीर्थ यात्राओं का क्रम निरंतर जारी रहेगा। प्रयागराज के साथ ही शिर्डी, मथुरा-वृंदावन, गंगासागर की यात्रा विमान से कराई जाएगी। साथ ही प्रदेशवासियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए विकास और कल्याण के कार्य निरंतर जारी रहेंगे।
इस अवसर पर संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, विधायक रामेश्वर शर्मा, विष्णु खत्री व कृष्णा गौर, भोपाल महापौर मालती राय और अन्य जन-प्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।
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