देहरादून। प्रशासनिक सेवा में रहते हुए आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे रहे पूर्व आईएएस रामबिलास यादव को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। पद का दुरुपयोग करते हुए रामबिलास ने आय के ज्ञात श्रोतों से 2626 % से ज्यादा की संपत्ति अपने परिवार के नाम जुटाई थी। देहरादून विजीलेंस ने केस दर्ज कर एक साल पहले पत्नी और उसके खिलाफ कार्रवाई की थी। अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी उस पर शिकंजा कस दिया है।
ईडी की ओर से जानकारी दी गई है कि रामबिलास यादव को धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत की गई जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। सेवानिवृत आईएएस रामबिलास पूर्व में उत्तराखंड सरकार में अपर सचिव रह चुका है। ईडी ने आय से अधिक संपत्ति रखने के लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत सतर्कता प्रतिष्ठान देहरादून की ओर से दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की थी। कहा गया है कि जांच अवधि 1 जनवरी 2013 से 31 दिसंबर 2016 के दौरान रामबिलास की कमाई ज्ञात श्रोतों से 78,51,777 रुपये सामने आई, जबकि खर्च 21.40 करोड़ रुपये। आय से अधिक संपत्ति जमा करने के मामले में कार्रवाई की गई, जो उसकी कानूनी आया से 2626% अधिक है।
इसके अलावा जांच यह भी सामने आया है कि रामबिलास ने यूपी और उत्तराखंड में तैनात रहते हुए पद का दुरुपयोग कर अवैध तरीके से अर्जित धन जमा किया। उसने परिवार के सदस्यों के नाम पर लखनऊ में कई जमीनें, फ्लैट, निर्मित घर, स्कूल, ट्रस्ट और परिवार के सदस्यों के नाम पर खरीदे थे। बता दें कि रामबिलास यादव को पिछले साल उत्तराखंड की धामी सरकार ने निलंबित किया था। उत्तराखंड में वह समाज कल्याण विभाग में अपर सचिव पद पर तैनात रहा था। देहरादून विजिलेंस की जांच में पता चला था कि रामबिलास यादव ने उत्तर प्रदेश में मंडी परिषद और लखनऊ विकास प्राधिकरण में रहते हुए करीब 50 लाख से ज्यादा की आय की, जबकि इसी दौरान उनका खर्चा सवा तीन करोड़ रुपए से ज्यादा पाया गया। पूछताछ के दौरान रामबिलास यादव न तो इस संबंध में कोई स्पष्टीकरण दे सका और न ही कोई संबंधित दस्तावेज दिखा सका।
जांच में उसके जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी और उसके भाई अफजाल अंसारी से भी कनेक्शन सामने आए थे। लखनऊ में मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी के बंगले का नक्शा पास करने में निलंबित आईएएस रामबिलास यादव की भूमिका सामने आई थी। रामबिलास ने अफजाल की पत्नी फरहत के भवन नक्शा की स्वीकृति दी थी। रामबिलास यादव यूपी में गाजीपुर जिले के परेवा का रहने वाला है। उसने दो शादियां की हैं। पहली पत्नी गिरिजा साथ नहीं रहती है। दूसरी शादी कुसुम से शादी हुई है। विजिलेंस की जांच में साफ हुआ था कि रामबिलास यादव की ज्यादातर संपत्ति कुसुम के ही नाम पर है। कुसुम भी पूर्व में गिरफ्तार की जा चुकी है। रामबिलास के भ्रष्टाचार की लंका का भेद लखनऊ के एक शख्स ने शिकायत के जरिए खोला था, जिसके बाद वह जांच एजेंसियों के निशाने पर आ गया। यूपी में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनने के बाद 2019 में उसकी मूल कैडर उत्तराखंड में वापसी हुई थी।
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