भोपाल। मध्य प्रदेश में ‘दारुल इस्लाम’ का ख्वाब देखने वाले आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) के 16 संदिग्ध आतंकियों में ज्यादातर की रिमांड अवधि एक बार फिर न्यायालय ने बढ़ा दी है। न्यायालय ने इनमें से 10 संदिग्धों को 24 मई तक पूछताछ के लिए रिमांड पर सौंपा है, जबकि छह को जेल भेज दिया गया। एटीएस ने सभी कट्टरपंथियों को अपर सत्र न्यायाधीश रघुवीर पटेल की अदालत में पेश किया था।
जिन लोगों की रिमांड मंजूर की गई है, उनमें यासिर खान, शाकिर रिजवी, दानिश अली, मोहम्मद आलम, खालिद हुसैन, मोहम्मद हमीद, मोहम्मद अब्बास, अबुल रहमान, जुनैद और सलीम शामिल हैं। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि ”कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज़्ब-उत-तहरीर (HuT) से जुड़े सभी विषयों की जांच एसआईटी कर रही है। पूरे मामले में प्रोफेसर कलाम और जाकिर नाइक की भूमिका को भी जांच के दायरे में लिया गया है।”
फार्म हाउस में रुकते थे संदिग्ध आतंकी, पत्नियां करती थीं संदेशवाहक का काम
अधिकारिक तौर पर जो जानकारी प्राप्त हुई है, उसके अनुसार ये आतंकी भोपाल से लगे जंगल में रायफल चलाने की ट्रेनिंग ले चुके हैं। अब तक कुछ फार्म हाउस के नाम भी सामने आए हैं, जहां ये अक्सर आकर रुकते और एक दूसरे से मिलते थे, यहीं ये समय-समय पर ट्रेनिंग भी लेते थे। इस संबंध में अब तक की जो लोकेशन एवं जानकारी मिली है उसके आधार पर मध्य प्रदेश एटीएस इन फार्महाउस के मालिकों से भी पूछताछ करने में लगी है। इनकी पत्नियां संदेशवाहक का काम करती थीं। दुबई के बड़े कारोबारी की मदद से मध्य प्रदेश में हवाले के जरिए फंडिंग किए जाने के भी साक्ष्य मिले हैं।
यासिर खान मानव बम बनने को था तैयार
भोपाल का जिम ट्रेनर यासिर खान हिज्ब-उत-तहरीर के लिए मानव बम बनने को तैयार था। मध्य प्रदेश में इस साल होनेवाले विधानसभा चुनाव से पहले भीड़ भरे इलाके में बम फेंकर वह इस्लाम के लिए कुर्बानी देना चाहता था। इस्लाम खतरे में है, दारुल हरब को दारुल इस्लाम में जल्द बदल देना है जैसी तमाम बातों से वो परेशान रहता था। यह भी सामने आया है कि यासिर ने गिरफ्तार होने से पूर्व कई डिजिटल साक्ष्य मिटाए थे, दूसरी ओर इन आतंकियों को देश के बाहर से वॉइस नोट लगातार आ रहे थे, जोकि एटीएस की नजर में भी आ गए थे।
हथियार जुटाने में लगे थे संदिग्ध आतंकी
यह भी जानकारी सामने निकलकर आ रही है कि इस्लामिक संगठन हिज़्ब-उत-तहरीर (HuT) के संदिग्ध आतंकियों के निशाने पर भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता भी थे। अपने मकसद में कामयाब होने के लिए ये आतंकी हथियार जुटाने में लगे थे, यदि कुछ दिन ओर नहीं पकड़े जाते तो हो सकता है ये अपने नापाक इरादों में कामयाब हो जाते, लेकिन पिछले दो साल से एटीएस की सर्विलांस पर हिज़्ब-उत-तहरीर के ये सभी आतंकी थे। इन्हें विस्फोटक खरीदने की प्लानिंग के दौरान ही एटीएस गिरफ्तार करने में सफल हो गई।
इन कोड वर्ड का करते थे इस्तेमाल
ये संदिग्ध आतंकी बातचीत में बिरयानी, लड्डू और अनारदाना जैसे कोड वर्ड का इस्तेमाल करते थे। इन सभी की जूम ऐप पर कई बार मीटिंग हुई। टेलीग्राम और वाट्सएप पर बातचीत तो सामान्य रूप से ये करते थे। इनके पास से जिहादी लेट्रेचर, तकनीकी उपकरण के अलावा एयर गन, चाकू और तलवारें भी जब्त की गई हैं। फिलहाल एटीएस यह भी जांच कर रही है कि इन्होंने कितने युवाओं को इस्लामिक संगठन हिज़्ब-उत-तहरीर (HuT) से जोड़ा और ट्रेनिंग दी है । इसके साथ ही इनके द्वारा भोपाल के कमलापति स्टेशन और मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में रेकी करने की बात भी सामने आ रही है। फिलहाल मध्य प्रदेश एटीएस को इनसे और राज उगलने की उम्मीद है।
मध्य प्रदेश और हैदराबाद से पकड़े गए थे संदिग्ध आतंकी
मध्य प्रदेश एटीएस ने नौ मई को भोपाल, छिंदवाड़ा और तेलंगाना के हैदराबाद से 16 संदिग्धों को पकड़ा था। इनमें भोपाल से दस, छिंदवाड़ा से एक और हैदराबाद से पांच संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। तत्काल न्यायालय में पेश किए जाने पर 19 मई तक के लिए कोर्ट की ओर से इन सभी आतंकियों की रिमांड मंजूर की गई थी, उसके बाद से पुलिस द्वारा इन संदिग्धों से की गई पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं। किंतु अभी पुलिस इनसे और बहुत कुछ जानना चाहती है, इसलिए शुक्रवार को एक बार फिर न्यायालय से आग्रह किया गया था कि इन सभी आतंकियों की रिमांड अवधि बढ़ा दी जाए।
बचाव पक्ष की ओर से रिमांड बढ़ाए जाने का विरोध किया गया। उसका तर्क था कि अभी तक ली गई रिमांड में एटीएस इनसे कुछ खास नहीं उगलवा पाई है। लेकिन जब बहस के दौरान पुलिस की ओर से कुछ खास जानकारी न्यायालय के समक्ष रखी गई, तब फिर कोर्ट भी रिमांड दिए जाने के लिए राजी दिखा और फिर 10 संदिग्धों की रिमांड अवधि बढ़ा दी गई।
संदिग्ध आतंकियों के परिजन पहले पहुंचे कोर्ट
शुक्रवार को न्यायालय में पेशी से पहले भोपाल कोर्ट और उसके आसपास के इलाके में पुलिस द्वारा हाई अलर्ट जारी किया गया था। पेशी के पहले संदिग्ध आतंकियों के परिजन, महिला और बच्चे कोर्ट पहुंच गए थे। इसलिए भोपाल जिला अदालत परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। महिला पुलिसकर्मियों को भी कोर्ट परिसर के अंदर भेजा गया था। एक एएसपी समेत दो थाने के थाना प्रभारी को सुरक्षा की कमान दी गई थी।
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