उत्तराखंड में मजार जिहाद, शहरी क्षेत्रों में अवैध मजारें हटाने की है असल चुनौती

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उत्तराखंड ब्यूरो

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मजार, जमीन जिहाद पर प्रहार इन दिनों खूब सुर्खियों में है। सरकारी जमीनों से करीब 400 अवैध मजारें ध्वस्त हो चुकी हैं और 40 मंदिर भी टूटे हैं। यहां ये जानकारी देना जरूरी है कि इस सूची में करीब 350 मजारें वन भूमि पर और 50 मजारें नागरिक क्षेत्र में थीं। अभी भी राज्य में 600 से अधिक अवैध मजारें शेष हैं, जिन्हें तोड़ा जाना है। उत्तराखंड की धामी सरकार के आगे असल चुनौती शहरी, लोक निर्माण और सिंचाई विभाग की भूमि से अवैध मजारों को हटाने को लेकर है।

वन विभाग की भूमि से अवैध मजारें हटाने का विरोध न के बराबर हुआ, किंतु अब शहरी क्षेत्र में प्रशासन की अपने विभागों में सामंजस्य बनाकर इन अनिधिकृत मजारों को हटाने की योजना है। ऐसा प्रयोग देहरादून जिले के विकास नगर परगना में किया गया है, जहां नगरीय क्षेत्र की भूमि, ग्राम समाज की भूमि से 50 से अधिक अवैध मजारें हटा दी गई हैं। दो मंदिर भी हटाए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट कहा है कि सरकारी जमीन पर एक भी अवैध मजार या अन्य धार्मिक स्थल नहीं होना चाहिए। लोग इसे खुद हटा लें अन्यथा प्रशासन का बुलडोजर तैयार है।

सीएम धामी ने “पाञ्चजन्य” से कहा है कि उत्तराखंड देवभूमि है, इसका सनातन स्वरूप बनाए रखने की पहली जिम्मेदारी मेरी है। न जाने कैसे इतनी मजारें खड़ी हो गईं और इनकी आड़ में भूमि कब्जाई जा रही है। ये जमीन जिहाद, मजार जिहाद किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

जानकारी के मुताबिक सीएम धामी ने पूर्व में दी गई फॉरेस्ट विभाग की अतिक्रमण सूची पर कम आंकड़े दिखाए जाने पर नाराजगी जाहिर की है। ऐसी जानकारी मिली है कि पुलिस खुफिया विभाग के द्वारा सीएमओ को दी गई सूची और वन विभाग की सूची में भारी अंतर है। उधर सीएम धामी द्वारा वन क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी डॉ पराग धकाते से जानकारी मिली है कि सीएम वन विभाग के द्वारा चलाए गए इस अभियान पर और तेज़ी चाहते हैं। उन्होंने बताया कि सीएम खुद रोज वन विभाग के काम की समीक्षा करते हैं और दिशा- निर्देश देते हैं। मुख्यमंत्री का स्पष्ट आदेश है कि जो अधिकारी इस अभियान में शामिल होने से कतरा रहे हैं उनसे पीसीसीएफ फॉरेस्ट जवाब तलब करेंगे।

बहरहाल वन विभाग की अवैध मजारें और अतिक्रमण हटाने का काम जारी है, किंतु शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की सरकारी भूमि से अवैध मजारें और अन्य धार्मिक स्थल हटाए जाने को लेकर सीएम धामी ने जिला अधिकारियों को तैयारी करने को बोल दिया ही। माना जा रहा है कि सीएम एक-दो दिन में इस मुद्दे के साथ-साथ अतिक्रमण पर एक बड़ी बैठक लेने जा रहे हैं, जिसमें अब तक के अभियान की समीक्षा और आगे की योजना पर चर्चा की जाएगी। सीएम धामी ने पूर्व में हर जिले में एक टास्क फोर्स बनाए जाने का निर्देश दिया था। ये टास्क फोर्स हर जिले में अतिक्रमण हटाने के लिए जिम्मेदार बना दी गई है, जिसकी परीक्षा अब शुरू होने जा रही है।

देहरादून में हैं 40 मजारें, हरिद्वार जिले में 50
उत्तराखंड की राजधानी में हर एक किलोमीटर में दो अवैध मजारें बनी हुई दिखाई दे जाएंगी। धामी सरकार इन्हें हटाने का मन बना चुकी है। हरिद्वार जिले की ताजा सूची में 42 मजारें हैं, जिनमें से सात तीर्थ नगरी हरिद्वार में ही हैं। ऐसे ही रामनगर, हल्द्वानी, रुद्रपुर, किच्छा, अल्मोड़ा, खटीमा, सितारगंज आदि शहरों में भी 100 से अधिक मजारे हैं। जिनको हटाए जाने का कार्य प्रगति अभी शून्य ही है।

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