जोधपुर की घटना के बाद हाल ही में 17 मई 2023 को जैसलमेर के अमर सागर क्षेत्र में मानवता की सारी हदों को पार करते हुए एक बार फिर हिन्दू शरणार्थियों के आशियानों को बुलडोजर से रौंद कर हिंदू शरणार्थी के परिवारों को 46 से 47 डिग्री सेल्सियस के तापमान में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर कर दिया है। प्रशासन ने यह कार्रवाई जैसलमेर से 5 किलोमीटर दूर अमर सागर पंचायत क्षेत्र में की है। वहीं इस कार्रवाई के बाद हिंदू शरणार्थी के परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है। कहा जा रहा है कि जैसलमेर की कलेक्टर टीना डाबी के आदेश पर ही पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों के घरों को तोड़ा गया है।
बच्चों सहित 150 से ज़्यादा लोग हुए बेघर
बुलडोज़र चलने के बाद 150 से ज़्यादा बच्चे, महिला और पुरुष बेघर हो चुके हैं। इस इलाके में पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी कई सालों से रह रहे थे। ये लोग लॉन्ग टर्म वीजा पर भारत आए थे। जिला प्रशासन ने दावा किया है कि जिन लोगों पर कार्रवाई हुई है, उन्होंने जैसलमेर में अमर सागर झील के किनारे अवैध रूप से घर बना लिए थे, जिससे झील में पानी का प्रवाह रुक गया था और कार्रवाई स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद की गई है।
घरों में लगाई गई आग
वहीं घटना से संबंधित वायरल हो रहे वीडियो को देखकर कहा जा सकता है कि शरणाथिर्यों के घरों पर बुलडोजर ही नहीं चलाया गया था, बल्कि आग भी लगाई थी ताकि लोग दहशत से भाग जाएँ। वहीं कुछ लोगों ने दावा किया है कि कार्रवाई का विरोध करने पर प्रशासन ने बल प्रयोग किया, जिसमें 3 महिलाएं घायल हो गईं।
वहीं इस मामले को लेकर पत्रकार स्वाति गोयल शर्मा ने एक वीडियो करते हुए कहा- “यह वीडियो जैसलमेर में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों की बस्ती उजाड़ने के दिन का है। कथित तौर पर अधिकारियों ने बस्ती के मंदिर की बगल की एक झोपड़ी में आग लगा दी थी। इससे बस्ती में अफरातफरी मच गई। महिलाएँ बेहोश हो गईं। प्रताड़ना से बचकर भागे लोगों को आग के इस्तेमाल से हटाना हैरतंगेज है।”
A video from the day of demolition of Pakistani Hindu refugee camp in #Jaisalmer
A hut next to a temple was set on fire, allegedly by officials. The fire created panic in the camp, women fainted
Imagine being driven away with use of fire after coming here fleeing persecution pic.twitter.com/i0uGuDNYmN
— Swati Goel Sharma (@swati_gs) May 18, 2023
अब हम कहां जाएंगे : पीड़ित
एक पीड़ित हिंदू शरणार्थी किशनराज भील ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा- कि पहले उन्हें पाकिस्तान से निकाल दिया गया। अब यहां भी में हमारे घरों को भी तोड़ दिया गया है। हमारी पूरी बस्ती उजाड़ दी है। अब हम कहां जाएंगे।
पहले जोधपुर में उजड़ा था आशियाना
बता दें कि इससे पहले भी राजस्थान के जोधपुर में 24 अप्रैल 2023 को चोखा गाँव में जोधपुर विकास प्राधिकरण ने अतिक्रमण विरोधी अभियान के नाम पर शरणार्थी हिन्दुओं के घरों पर बुलडोजर चलाया था। इस कार्रवाई के शिकार हुए लोगों के पास भारत में रहने के लिए लॉन्ग टर्म वीजा है। पीड़ितों ने यह जमीन स्थानीय भूधारकों से 70 हजार रुपये से लेकर 2 लाख रुपये देकर खरीदी थी। इसके बावजूद प्रशासन ने सरकार के इशारे पर हिन्दू शरणार्थियों को बेघर कर दिया।
मुख्यमंत्री को याद दिलाए गए पाक विस्थापितों के लिए हुए चुनावी वादे
कार्रवाई को लेकर गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि हिंदू परेशान होकर पाकिस्तान से भारत आते हैं, लेकिन राजस्थान में भी शरणार्थियों पर कार्रवाई की जा रही है जो पूरी तरह गलत है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने भी अपने जन घोषणा पत्र में शरणार्थियों के लिए अलग से निकाय बनाने के साथ इनके विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार देने का वादा किया था। लेकिन, उन वादों को पूरा करने की जगह कांग्रेस सरकार इन्हें बेघर करने का काम कर रही है। जो पूरी तरह गलत है।
बता दें कि राजस्थान कांग्रेस के अधिकृत दस्तावेज जन घोषणा पत्र के पृष्ठ संख्या 37 के बिन्दु संख्या 34 में कांग्रेस पार्टी ने घोषणा करते हुए लिखा था कि हमारी सरकार पाक विस्थापितों के सर्वागीण विकास का वायदा करती हैं। इसमें नागरिकता से जुड़ी समस्या व पुनर्वास का समाधान शामिल है। इसी को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि पाकिस्तान में कन्वर्जन के कारण से अपना घर छोड़कर राजस्थान में सुरक्षित माहौल में रहने की उम्मीद में आये पाक विस्थापितों के साथ अमानवीय और क्रूर व्यवहार किया गया है। वह संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। जिस तरीके से पाक विस्थापितों के साथ स्थानीय प्रशासन का व्यवहार रहा और इन गरीब लोगों के घर बेरहमी से तोड़ दिये गये। इससे ना केवल भारत में रहने वाले पाक विस्थापितों बल्कि पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न झेल रहे लोग जो भारत आने के इच्छुक है। उनमें निराशा और असुरक्षा का माहौल है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान में रह रहे इन लोगों पर धर्मांतरण की तलवार का लटकना स्वाभाविक ही है। हाल ही में सिंध में करीब 50 परिवारों का धर्मांतरण किया गया है। वहीं दूसरी ओर हिन्दू नाबालिग लड़कियों के अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और निकाह भी लगातार किये जा रहे हैं। राजस्थान में रहने वाले ज्यादातर पाक विस्थापित वंचित और वनवासी वर्ग से आते हैं। यहां आने के बाद ना तो इनके पास सिर छिपाने की जगह है। ना ही कोई रोजगार उपलब्ध है।
वहीं नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री गहलोत से जोधपुर और जैसलमेर की अमानवीय घटनाओं की उच्चस्तरीय जांच करने की मांग करते हुए जन घोषणा पत्र में पाक विस्थापितों को लेकर की गई घोषणा की क्रियान्विति के संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने को भी कहा है।
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