सहमति से यौन संबंधों की उम्र को कम करने की हठ क्यों ?
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

सहमति से यौन संबंधों की उम्र को कम करने की हठ क्यों ?

क्या हमारी बेटियों को सेक्स स्लेव बनाने की दिशा में यह कुबौद्धिक कवायद है?

by सोनाली मिश्रा
May 17, 2023, 06:14 pm IST
in भारत, मत अभिमत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

पिछले दिनों राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का एक ट्वीट उल्लेखनीय रहा। उसमें उन्होंने लिखा था कि “नाबालिग लड़कियों को प्रेम सम्बंध का प्रलोभन दे कर  यौन शोषण करना अपराधियों का पुराना हथकंडा है। उनको बचाने के लिए #POCSO प्रभावी अस्त्र है। आज कल प्रलोभन को “सहमति” मान कर इसे ‘रोमांटिक रिश्ता’ कह कर POCSO को निष्प्रभावी बनाने का अभियान चल रहा है,यह अपराधियों का तुष्टिकरण है।

ताज्जुब है कि इस अभियान में वो लोग भी शामिल हैं,जो #MeToo अभियान में पीड़ितों के समर्थन में हैं व मानते हैं कि वयस्कों से भी प्रलोभन व दबाव में सहमति ली जा सकती है”।

नाबालिग लड़कियों को प्रेम सम्बंध का प्रलोभन दे कर यौन शोषण करना अपराधियों का पुराना हथकंडा है।
उनको बचाने के लिए #POCSO प्रभावी अस्त्र है।
आज कल प्रलोभन को “सहमति” मान कर इसे ‘रोमांटिक रिश्ता’ कह कर POCSO को निष्प्रभावी बनाने का अभियान चल रहा है,यह अपराधियों का तुष्टिकरण है।…

— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) May 4, 2023

उन्होंने बहुत ही समसामयिक विषय उठाया है क्योंकि यह लड़कियों के विरुद्ध एक बहुत बड़ा कदम है कि जिसमें सहमति से यौन संबंधों की उम्र को कम करने की बात की जा रही है। ऐसा क्यों यह इससे समझा जा सकता है कि अभी भी बहुत सी लड़कियां नाम बदलकर निकाह करने वाले षड्यन्त्रकारियों से पॉक्सो अधिनियम की शक्ति के कारण बच जाती हैं।

न केवल लव जिहादियों से बल्कि वह उन तमाम अपराधियों से भी बच्चियों को सुरक्षित करता है, जिसके चलते उन्हें देह व्यापार आदि में धकेल दिया जाता है।  हाल ही में यह देखा गया है कि कई हिन्दू नाबालिग लड़कियों को कई जिहादी तत्वों ने नाम बदलकर अपने प्रेम जाल में फंसाया था और फिर उन्हें अपनी बात न मानने के कारण कई प्रकार से प्रताड़ित किया था, यहाँ तक कि उन्हें गोली भी मार दी जाती है।

पिछले ही वर्ष दिल्ली में संगमविहार में एक 16 वर्षीय छात्रा को अरमान अली ने गोली मार दी थी क्योंकि उसने उसके साथ बात करना बंद कर दिया था और इस मामले में पवन और बॉबी नाम के दो और युवकों का नाम आया था, उन्हें हिरासत में लिया गया था।

किसी भी सभ्यता का संवाहक बच्चे ही होते हैं एवं यह भी सत्य है कि कम उम्र में देह के संबंधों में संलग्न होने से शारीरिक तथा मानसिक दोनों ही प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं। तभी विवाह के लिए आयु 18 वर्ष रखी गयी है, जिससे लड़की की देह और लड़की का मन दोनों ही परिपक्व हो जाएं।

परन्तु जिस परिपक्वता के लिए विवाह की आयु 18 वर्ष है, उसे बिना विवाह के 18 वर्ष से कम कर दिया जाए? यह कितनी बड़ी विद्रूपता है? यह देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा है क्योंकि यह तमाम तथ्यों से सामने आ रहा है कि कैसे हिन्दू बच्चों को किसी न किसी प्रकार से धर्मांतरण का शिकार बनाया जा रहा है। पिछले ही वर्ष जुलाई में उत्तर प्रदेश के बरेली से ही यह समाचार आया था कि हर माह लगभग 7 किशोरियों को लव जिहाद का शिकार बनाया जा रहा था।

दैनिक जागरण ने कल्याण समिति के आंकड़ों एवं किशोरियों के बयान के आधार पर कहा था कि ऐसी लड़कियों का मतांतरण भी कराया था। इसमें लिखा था कि बयान दर्ज कराने पहुंची आठ लड़कियों ने बताया कि मुुस्लिम लड़कों ने खुद को हिंदू बताकर संंबंध बनाए थे। घर छोड़ने के बाद हकीकत पत चली।  पांच लड़कियों को घर में चोरी के लिए भी उकसाया। घर छोड़ने से पहले उनसे जेवर व नकदी लाने को कहा था। शहर के एक नेता की बेटी भी फंस गई। सीसीटीवी कैमरे लगाने के नाम पर आए मुस्लिम लड़के ने किशोरी से प्रेम संबंध बना लिए।

यदि सहमति से सम्बन्ध बनाने की उम्र कम कर दी गयी तो क्या इन बच्चियों की तरह और मामले नहीं होंगे? और फिर तो इनमें से कई मामलों में कार्यवाही भी नहीं हो पाएगी क्योंकि चौदह से लेकर सोलह सत्रह साल की लड़कियों का मस्तिष्क इतना परिपक्व नहीं होता है कि वह षड्यंत्र एवं जाल को समझ सकें। कैसे यह प्रमाणित हो पाएगा कि उन्हें अपना धर्म छोड़ने के लिए ग्रूम किया गया है।

झारखंड से भी ऐसे कई मामले आए थे, जिसमें स्थानीय जनजातीय नाबालिग लड़कियों के साथ यही प्रक्रिया अपनाई गयी थी. झारखंड के लोहरदगा जिले की 17 वर्षीय लड़की को नाम बदलकर रब्बानी अंसारी ने फंसाया था और फिर जब लड़की को असलियत पता चली थी तो वापस आने पर उसने उसे कुँए में धकेलकर हत्या का प्रयास किया था. लड़की किसी तरह बच गयी थी और फिर उसने घर जाकर घर पर बातें बताई थीं। और फिर पुलिस ने रब्बानी को हिरासत में लिया था!

और यह ग्रूमिंग केवल भारत का किस्सा हो ऐसा भी नहीं है। अभी हाल ही में ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग की बात हुई है, जिसमें प्रधानमंत्री ऋषि सुनक तक ने यह कहा कि वह अपने देश की बेटियों को ग्रूमिंग गैंग का शिकार नहीं होने देंगे। क्या है यह ग्रूमिंग गैंग? ग्रूमिंग गैंग अर्थात कम उम्र की लड़कियों को बहलाफुसला कर उनका मानसिक एवं शारीरिक शोषण करना।

जब यह इतनी विशाल समस्या है तो ऐसे में बेटियों की रक्षा करने वाले कानूनों को निष्प्रभावी बनाने की बात उस लॉबी से क्यों हो रही है जो कथित रूप से महिलाओं के लिए और बच्चों के अधिकारों की हिमायती होने का दावा करती है?

यहाँ तक कि ग्रीस में भी कुछ मामले सामने आए, जिसमें लड़कियों को इसी प्रकार शिकार बनाया गया और फिर हत्या कर दी गयी। भारत में भी न जाने कितनी लड़कियां यौन कार्यों के लिए तस्करी का शिकार होती हैं। और अभी उनकी रक्षा करने के लिए और उन्हें इस तस्करी में झोंकने वालों के विरुद्ध पॉक्सो अधिनियम है और उसकी कई धाराएं ऐसी हैं, जो इन बच्चियों की रक्षा कर सकती है। ऐसे में यह बहुत ही हैरान करने वाला तथ्य है कि विमर्श यह खड़ा किया जा रहा है कि आपस में यौन संबंधों की उम्र को कम कर दिया जाए!

क्या उम्र कम करने से इन बच्चियों की लव जिहाद या ग्रूमिंग गैंग या यौन अपराधों के लिए की जाने वाली तस्करी से रक्षा हो पाएगी या फिर वह आसानी से उन्हें प्लेट में सजाकर ही जैसे तोहफे में दे दी जाएँगी? मगर जब विवाह की बात आती है तो यही लोग हैं जो कहते हैं कि विवाह की जल्दी क्या है? इतनी जल्दी लड़की पर देह और परिवार की जिम्मेदारी क्यों डालनी? मगर यही लोग हैं जो अनैतिक संबंधों के प्रति बच्चों को सहज ही केवल नहीं कर रहे हैं, बल्कि जो उनकी उम्र पढने की है, अपने सपने पूरे करने के लिए कदम उठाने की है, उस उम्र में “प्यार की आजादी” का सपना देखा रहे हैं!

प्यार की आजादी एक अच्छा स्वप्न हो सकता है, बशर्ते उसमें जब तक उसमें देह की बाध्यता न हो! किसी भी कम उम्र की लड़की को प्यार के नाम पर शरीर और फिर उसके बाद तमाम उन अपराधों में फंसाया जा सकता है, जो क़ानून की दृष्टि में गलत हैं और समाज की दृष्टि से तो और भी अधिक।

अजमेर काण्ड कौन भूल सकता है, जिसमें बच्चियों को किस कदम निशाना बनाया गया था। उसमें आधार क्या था? आधार था लड़कियों का शरीर और फिर जब वह बेचारी उनके षड्यंत्र का शिकार हुईं तो उन्हें वीडियोज और फोटो दिखाकर और लड़कियों को लाने के लिए ब्लैकमेल किया गया! और जब यह षड्यंत्र बेनकाब हुआ था तो पूरा देश हैरान रह गया था।

एक तरफ तो मीटू वाला गैंग बच्चों को सांस्कृतिक मूल्यों से दूर करके प्यार की आजादी का जहर उनमे मन में भर रहा है और फिर दूसरी ओर ही सहमति से संबंधों की उम्र कम करने पर भी चर्चा कर रहा है, मगर वह लोग उन तमाम दुष्परिणामों के विषय में नहीं सोच रहे हैं, जो इस एक निर्णय के कारण हो सकते हैं? बेटियाँ ऐसे जाल में फंस जाएँगी जहां से उनका वापस आना संभव नहीं होगा क्योंकि बेटियों के प्रति यह षड्यंत्र अंतर्राष्ट्रीय है और बेटियों के शिकारी पूरी दुनिया में फैले हैं।

ऐसे में सहमति से यौन सम्बन्धों की उम्र कम करना हमारी बेटियों को सेक्स स्लेव बनाने की दिशा में कथित कुबौद्धिक कवायद ही प्रतीत हो रही है।

Topics: यौन संबंध की सही उम्रयौन संबंध की उम्रThe age of sexual relationsthe exercise to reduce the age of sexthe persistence of reducing the age of sexthe correct age of sexयौन संबंधों की उम्रयौन संबंध की उम्र कम करने की कवायद
Share28TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

No Content Available

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

वैष्णो देवी यात्रा की सुरक्षा में सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

Britain NHS Job fund

ब्रिटेन में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट: एनएचएस पर क्यों मचा है बवाल?

कारगिल विजय यात्रा: पूर्व सैनिकों को श्रद्धांजलि और बदलते कश्मीर की तस्वीर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies