केंद्रीय गृह मंत्रालय और धामी सरकार ने राज्य में 69 शत्रु भू संपत्तियों की पहचान कर उसपर अपना कब्जा लेना शुरू कर दिया है।ये शत्रु संपत्ति आजादी के बाद से अवैध कब्जेदारो द्वारा खुर्दबुर्द की जा रही थी और इस पर किसी भी पूर्ववर्ती सरकार ने ध्यान नहीं दिया।
उत्तराखंड में ऐसी 69 शत्रु संपत्तियों को चिन्हित कर लिया गया है जिनपर लोग अवैध रूप से काबिज है,इन कब्जेदारो से भू संपत्ति वापिस लेकर केंद्र सरकार ने अपने बोर्ड लगाने का काम शुरू कर दिया है और इसकी देखभाल की जिम्मेदारी जिला अधिकारियों के सुपुर्द की जा रही है।
मसूरी में कैमल रोड पर भारत सरकार्बके शत्रु संपत्ति अभिरक्षक प्रशांत सिंह ने स्थानीय प्रशासन के साथ जाकर 1680 वर्ग मीटर भू संपत्ति को अपने कब्जे में कर वहां भारत सरकार की संपत्ति का बोर्ड लगा दिया।उन्होंने बताया कि शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968के तहत आजादी के दौरान भारत छोड़ कर चले गए लोगो की संपत्ति का मालिकाना हक भारत सरकार का है।
जानकारी के मुताबिक राज्य में 69 शत्रु संपत्तियां चिन्हित हुई है जिसपर भारत सरकार कब्जा लेगी।ये संपत्तियां देहरादून, हरिद्वार, भगवान पुर, ज्वालापुर, किच्छा और नैनीताल में है।जिनकी कीमत इस वक्त अरबों रु की है।
नैनीताल में होटल मेट्रो पॉल परिसर भी शत्रु संपत्ति है जिसपर सैकड़ों मुस्लिम परिवारों का अवैध रूप से कब्जा है जिन्हे नैनीताल प्रशासन द्वारा खाली करने के लिए नोटिस जारी किया जा चुका है।
देहरादून में दिला ए राम स्टेट में भी करोड़ों की शत्रु संपत्ति है जिसे चिन्हित किया गया है।यहां शहर में कुछ भू माफिया भी शत्रु संपत्तियों पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दावा करने के षड्यंत्र रच रहे है जिसपर जिला प्रशासन ने सजग रुख अपनाया है।
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